19वां एशियन गेम्स चीन के हांग्जो में 23 सितंबर से आठ अक्टूबर तक खेला जाना है. इन खेलों में भारतीय फुटबॉल टीम के भाग लेने पर ग्रहण लगता दिख रहा है. भारतीय फुटबॉल टीम एशियाई लेवल पर टॉप-8 टीमों में शामिल नहीं है, जिसके चलते एशियन गेम्स से उसके बाहर रहने की संभावना है. खेल मंत्रालय ने साफ कर दिया था कि टीम इवेंट्स के लिए केवल उन्हीं खेलों को शामिल करने पर विचार किया जाएगा, जिन्होंने पिछले एक साल में एशिया में भाग लेने वाली टीमों के बीच टॉप-8 रैंकिंग हासिल की हो.
भारत अभी एशियाई फुटबॉल परिसंघ (AFC) देशों की रैंकिंग में 18वें स्थान पर है. भारत ने पिछले एशियन गेम्स के दौरान भी अपनी फुटबॉल टीम को नहीं भेजा था. अब इस मसले को लेकर भारतीय फुटबॉल टीम के मुख्य कोच इगोर स्टिमक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग की है. अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) ने योजना बनाई थी कि स्टिमक के मार्गदर्शन में अंडर-23 टीम 23 सितंबर से शुरू होने वाले एशियाई खेलों में हिस्सा लेगी.
कोच ने लिखा लंबा सोशल मीडिया पोस्ट
इगोर स्टिमक ने लिखा, 'इस टीम के टूर्नामेंट में खेलने की बेहद जरूरत है और वह इसकी हकदार है. जो कारण बताए गए हैं वे अनुचित हैं और भारतीय राष्ट्रीय टीम का कोच होने के नाते मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि इस मामले को तुरंत आपकी और माननीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर की जानकारी में लाया जाए. जिससे कि आप हस्तक्षेप कर सकें और एशियाई खेलों में टीम के प्रतिनिधित्व में मदद करें.'
क्रोएशियाई कोच स्टिमक ने लिखा, 'हमारा अपना मंत्रालय रैंकिंग के संदर्भ में भागीदारी से इनकार कर रहा है जबकि सच्चाई यह है कि हमारी फुटबॉल टीम उन कुछ अन्य खेल टीमों की तुलना में बेहतर रैंकिंग पर है जिन्हें एशियाई खेलों में भाग लेने की अनुमति दी गई है. इतिहास और आंकड़े भी इस बात के गवाह हैं कि फुटबॉल एक ऐसा खेल है जहां निचली रैंकिंग वाली टीम के पास शीर्ष रैंकिंग वाली टीम को हराने का मौका होता है.
उन्होंने कहा, 'भारत ने 2017 में अंडर-17 फीफा विश्व कप की मेजबानी की थी और नई पीढ़ी के शानदार खिलाड़ियों को तैयार करने में काफी निवेश किया.आपने एक दिन फीफा विश्व कप में खेलने के भारत के सपने का हमेशा समर्थन किया है और मुझे यकीन है कि अब तक जिस तरह आपका समर्थन मिला है अगर उसकी तरह का निरंतर समर्थन जारी रहा तो वह दिन दूर नहीं जब हम वैश्विक स्तर पर सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंटों में हिस्सा लेंगे.'
A humble appeal and sincere request to Honourable Prime Minister Sri @narendramodi ji and Hon. Sports Minister @ianuragthakur, to kindly allow our football team to participate in the Asian games 🙏🏽
— Igor Štimac (@stimac_igor) July 17, 2023
We will fight for our nation’s pride and the flag! 🇮🇳
Jai Hind!#IndianFootball pic.twitter.com/wxGMY4o5TN
उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय टीम के रूप में हमने पिछले चार वर्षों में बहुत कड़ी मेहनत की है और कुछ बेहतरीन नतीजे हासिल किए हैं जिससे साबित होता है कि अगर हमें सभी हितधारकों का समर्थन मिले तो हम और अधिक हासिल कर सकते हैं.' वर्ष 2002 से एशियाई खेलों में अंडर-23 फुटबॉल टीम हिस्सा लेती है जबकि इससे अधिक उम्र के तीन खिलाड़ियों को भी टीम में शामिल करने की स्वीकृति होती है.
क्या खेल मंत्रालय से मिलेगी फुटबॉल टीम को छूट?
हालांकि आईओए और एनएसएफ को भेजे गए खेल मंत्रालय के निर्देशों में एक प्रावधान है जो फुटबॉल टीम को उम्मीद की किरण दे सकता है. मंत्रालय के पत्र में कहा गया है, 'विशिष्ट खेलों के विशेषज्ञों और भारतीय खेल प्राधिकरण की राय में उचित कारणों से उपरोक्त मानदंडों (शीर्ष आठ में छूट) में छूट के साथ व्यक्तिगत खिलाड़ियों और टीमों की भागीदारी की सिफारिश की जाती है तो उचित फैसले के लिए मंत्रालय उस पर विचार करेगा.'
पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते ही कहा था कि फ्रांस के फुटबॉलर कीलियन एमबाप्पे भारत में युवाओं के बीच सुपरहिट हैं और इस विश्व कप विजेता टीम के खिलाड़ी को संभवत: फ्रांस से अधिक भारत में लोग जानते हैं. स्टिमक ने लिखा, 'फ्रांस की आपकी हालिया यात्रा में फुटबॉल और एमबाप्पे के बारे में आपके भाषण ने भारतीय फुटबॉल के लिए सपना देखने वालों और उसकी हौसलाअफजाई करने वाले सभी भारतीयों को प्रभावित किया. कोच ने अंत में कहा, 'इसलिए संपूर्ण भारतीय फुटबॉल बिरादरी की ओर से मेरी आपसे विनम्र अपील और गंभीर अनुरोध है कि कृपया हमारी फुटबॉल टीम को एशियाई खेलों में भाग लेने की अनुमति दें.'