इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) -14 में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ मुकाबले में सनराइजर्स हैदराबाद ने डेविड वॉर्नर को मैदान पर नहीं उतारा है. डेविड वॉर्नर के लिए दो दिन में ये दूसरा बड़ा झटका है. इससे पहले शनिवार को उनसे टीम की कप्तानी छीनी गई थी.
सनराइजर्स हैदराबाद के क्रिकेट निदेशक टॉम मूडी ने कहा कि टीम की अंतिम एकादश से बाहर किए जाने से डेविड वॉर्नर ‘स्तब्ध और निराश’ हैं, लेकिन इस कड़े फैसले का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि किसी को तो बाहर करना था और यह वह थे.
वॉर्नर की अगुआई में सनराइजर्स ने मौजूदा सत्र में छह में से पांच मैच गंवाए हैं और वह भी अच्छे फॉर्म में नहीं हैं, जिसके बाद टीम की जिम्मेदारी केन विलियमसन को सौंपी गई है. वॉर्नर के आईपीएल करियर में यह पहला मौका है, जब खराब फॉर्म के कारण किसी फ्रेंचाइजी ने उन्हें टीम से बाहर किया है.
मूडी ने राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ मैच से पहले स्टार स्पोर्ट्स से कहा, ‘हमें कड़ा फैसला करना था, किसी को टीम से बाहर होना था और दुर्भाग्य से यह वह था. वह स्तब्ध और निराश हैं, कोई भी निराश होगा.’वॉर्नर और मूडी के बीच रिश्ते अच्छे नहीं हैं, विशेषकर मनीष पांडे को अंतिम एकादश से बाहर किए जाने के फैसले की बाएं हाथ के इस सलामी बल्लेबाज द्वारा आलोचना किए जाने के बाद.
मूडी ने कहा, ‘उन्हें इस तर्क को स्वीकार करना होगा कि हम फ्रेंचाइजी के नजरिए से क्या हासिल करना चाहते हैं. मुझे नहीं लगता कि अतीत में जो हुआ वह अधिक मायने रखता है और पिछले 24 से 48 घंटे में हमने कुछ अहम बदलाव किए हैं.’
वॉर्नर और मूडी में नहीं है पटती
पीटीआई के मुताबिक, टॉम मूडी और डेविड वॉर्नर की बिल्कुल नहीं पटती है और दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ मनीष पांडे को हटाकर विराट सिंह को शामिल करने से मतभेद और बढ़ गए. वॉर्नर ने हार के बाद कहा भी कि पांडे को हटाने का फैसला कड़ा था. पीटीआई ने सूत्रों के हवालों से कहा, ‘टीम प्रबंधन को उनका यह बयान रास नहीं आया. वैसे भी वॉर्नर और मूडी अंतिम एकादश के चयन को लेकर एकमत नहीं होते हैं.’