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IPL 2021: विराट कोहली: सबसे बड़ा बल्लेबाज, जिसने बिना IPL जीते कप्तानी से खुद विदाई ले ली!

विराट कोहली अब आईपीएल में आरसीबी की कप्तानी करते हुए नहीं दिखेंगे, हालांकि वह आगे भी इसी टीम के साथ जुड़े रहेंगे. विराट कोहली की अगुआई में आरसीबी कोई खिताब नहीं जीत पाई, लेकिन भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े बल्लेबाजो में एक विराट कोहली का इस तरह विदा लेना फैंस को काफी गम दे गया है.

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Virat Kohli (Photo: PTI)
Virat Kohli (Photo: PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोहली ने बतौर कप्तान अपना आखिरी IPL मैच खेला
  • ... आगे भी आरसीबी के साथ जुड़े रहेंगे विराट कोहली

विराट कोहली, मौजूदा वक्त में दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक... जो पिछले करीब एक दशक से क्रिकेट की दुनिया पर राज कर रहे हैं. भारत के लिए खेलते हुए विराट ने न जाने कितने ही रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं. इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में सोमवार को शारजाह खेले गए एलिमिनेटर मुकाबले में विराट कोहली से जुड़े एक खास अध्याय का अंत हो गया. 

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पिछले करीब एक दशक से रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) को कोई भी खिताब न दिला सके विराट कोहली ने कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के खिलाफ बतौर कप्तान अपना आखिरी मैच खेला. विराट कोहली अब आपको आईपीएल में कप्तानी करते हुए नहीं दिखेंगे, क्योंकि वो बतौर बल्लेबाज अपना बेस्ट देना चाहते हैं और मैदान पर आने वाले वक्त को एन्जॉय करना चाहते हैं. 

विराट कोहली की जब भारतीय क्रिकेट में एंट्री हुई थी और दुनिया ने उनको जानना शुरू किया था, तब पहले लोग एक बल्लेबाज नहीं कप्तान के तौर पर ही जान पाए थे. क्योंकि 2008 में विराट कोहली ने भारत को अपनी कप्तानी में अंडर-19 का वर्ल्डकप जितवाया था. तब युवा विराट के हाथों में वो वर्ल्ड कप की ट्रॉफी ने उन्हें घर-घर पहुंचा दिया था. 

वो जोश इसलिए भी था क्योंकि कुछ वक्त पहले ही टीम इंडिया ने एक और युवा कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई में टी-20 वर्ल्डकप जीता था. खैर, विराट कोहली की 2008 में भारतीय क्रिकेट में एंट्री हो गई. उनकी शुरुआत भले ही कुछ धीमी थी, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में आए एक शतक ने सब कुछ बदलकर रख दिया था. एक नया विराट कोहली तैयार हो चुका था, जो अगले एक दशक तक हर किसी पर राज करने वाला था. 

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बतौर बल्लेबाज विराट कोहली का IPL में रिकॉर्ड

बतौर बल्लेबाज़ विराट कोहली के पास हर रिकॉर्ड है, वह कभी भी मैच को पलट सकते हैं. लेकिन बतौर कप्तान विराट कोहली के पास आंकड़े दिखाने के अलावा बहुत कम ही बचता है. 2013 से वो लगातार आरसीबी की कप्तानी कर रहे थे, 2014 में भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान बन गए और 2017 से वो लिमिटेड ओवर्स की कप्तानी भी करने लगे. 

कप्तान विराट कोहली की अगुआई में टीम इंडिया के पास एक चीज जो आई, वो आक्रामकता रही. क्योंकि ऑस्ट्रेलिया की सरजमीं पर जहां स्लेजिंग अपने चरम पर होती थी, वहां विराट कोहली ही इकलौते भारतीय खिलाड़ी थे जो कंगारुओं को जैसे को तैसा वाला जवाब देते थे. यही वजह थी कि भारतीय फैंस को विराट कोहली का एटीट्यूड अच्छा लगता था. 

लेकिन विराट कोहली के कप्तानी के करियर के अंत तक आते-आते हर किसी को उनका ये एटीट्यूड ही खटकने लगा. विराट कोहली के पक्ष में आंकड़े हैं, लेकिन वो एक बेहतरीन कप्तान साबित नहीं हो सके. उनकी अगुआई में टीम इंडिया ने कोई बड़ी ट्रॉफी नहीं जीती, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु भी कोई ऐसा कारनामा नहीं कर पाई. हालांकि, हर बार सिर्फ यही बात होती है कि विराट कोहली ने अपनी टीम में एग्रेशन पैदा किया, लड़ने का जज्बा दिया. लेकिन इससे आगे कुछ भी नहीं, भारतीय टीम और आईपीएल दोनों में ऐसा ही देखने को मिलता है. 

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भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान के तौर पर आंकड़े विराट कोहली के पक्ष में जाते हैं, उनकी अगुआई में टीम इंडिया ने टेस्ट में बेहतरीन प्रदर्शन किया, बढ़िया टेस्ट टीम बनी, वो सबसे ज्यादा मैच जीते, लेकिन ये सब टुकड़ों में हुआ यानी किसी एक दौरे पर एक टेस्ट की जीत, किसी मैच में लड़ते हुए हार जाना (भारत ने ऑस्ट्रेलिया में सीरीज़ अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में जीती थी) और वनडे-टी20 में विराट कोहली की कप्तानी की काफी आलोचना होती ही रही है.

तमाम बातों से इतर आईपीएल के एलिमिनिटेर में जब रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की हार नज़दीक थी, तब मैदान पर विराट कोहली के हाव-भाव... झुके हुए कंधे....चैम्पियन खिलाड़ी के खुद से हार जाने का दर्द बयां कर रहे थे. सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेटर्स और क्रिकेट फैंस की जिस पीढ़ी को तैयार किया, फोन पर पबजी खेलने वाली नस्ल के वक्त में विराट कोहली ने उसे नए मुकाम पर पहुंचा दिया.   

बतौर आरसीबी कप्तान विराट कोहली 
कुल मैच-140
जीत- 64
हार- 69  (टाई-3, बेनतीजा-4)

मैच के बाद विराट कोहली के चेहरे पर एक मुस्कुराहट थी, जो उनके दर्द को छुपाने की लाख कोशिशें कर रही थीं. मगर ये काफी मुश्किल काम था. क्रिकेट फैंस ने विराट कोहली को हमेशा जोशीले अंदाज में, सामने वाली टीम को उनकी आंख में आंख मिलाते हुए जवाब देते हुए देखा है, ऐसे में ‘किंग कोहली’ का इस तरह विदा लेना किसी को भी नहीं भाया.

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हालांकि हर किसी के मन में एक उम्मीद अब भी है कि जिस मकसद से विराट कोहली ने कप्तानी छोड़ने का फैसला लिया है वो पूरा होगा. विराट कोहली बल्लेबाज़ी पर पूरी तरह फोकस करना चाहते हैं. दशकों बाद जब इतिहास लिखा जाएगा तब विराट कोहली को क्रिकेट के सबसे महान बल्लेबाज़ों में से एक ही गिना जाएगा. ऐसे में उनके फैंस तो यही दुआ करेंगे कि आने वाले वक्त में विराट कोहली का बल्ला जमकर बरसे. 

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने अपनी एक कविता में इन पंक्तियों का जिक्र किया है, जो विराट कोहली के बड़े लक्ष्य और मौजूदा पल को सही तरह पिरोती है...

डगमगा रहे हों पांव लोग जब हंसते हों,
मत चिढ़ो,ध्यान मत दो इन छोटी बातों पर  

 

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