भारत का पड़ोसी मुल्क श्रीलंका इस समय गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है. इस देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है और लोगों की जिंदगी किसी तरह कट रही है. इस संकट के चलते श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने कुछ दिनों के लिए आपातकाल लगा दिया था, जिसके बाद सरकार को लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा.
अब इस संकट के बीच श्रीलंका के पूर्व कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने श्रीलंकाई खिलाड़ियों से आईपीएल छोड़कर अपने देश के समर्थन में खड़े होने का आग्रह किया है.
रणतुंगा ने कहा, 'मैं वास्तव में नहीं जानता, लेकिन कुछ ऐसे क्रिकेटर हैं जो आईपीएल में तो खेल रहे हैं लेकिन अपने देश के बारे में बात नहीं कर रहे हैं. दुर्भाग्य से लोग सरकार के खिलाफ बोलने से डरते हैं. ये क्रिकेटर मंत्रालय के अधीन क्रिकेट बोर्ड के लिए भी काम कर रहे हैं और अपनी नौकरियों की रक्षा करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन अब उन्हें स्टेप लेना होगा क्योंकि कुछ युवा क्रिकेटरों ने भी आगे आकर प्रोटेस्ट का सपोर्ट किया है.
गलत के खिलाफ आवाज उठानी होगी: रणतुंगा
रणतुंगा ने आगे कहा, 'जब कुछ गलत हो रहा हो, तो आपको अपने करियर की चिंता किए बिना बाहर आकर उसके खिलाफ बोलने की हिम्मत होनी चाहिए. लोग मुझसे पूछते हैं कि मैं विरोध प्रदर्शन में क्यों नहीं हूं. यह सिर्फ इतना है कि मैं पिछले 19 वर्षों से राजनीति में हूं. यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है. अब तक कोई भी राजनीतिक दल और राजनेता विरोध प्रदर्शन में नहीं आए हैं और यही इस देश के लोगों की सबसे बड़ी ताकत है.
रणतुंगा ने बताया, 'मुझे यकीन है कि आप सभी जानते हैं कि आईपीएल में खेलने वाले खिलाड़ी कौन हैं. मैं नाम उजागर नहीं करना चाहता लेकिन मैं चाहता हूं कि वे एक हफ्ते के लिए अपनी जॉब छोड़ दें और विरोध प्रदर्शन के समर्थन में आएं.'
हसारंगा-राजपक्षे ने किया था सपोर्ट
इससे पहले वानिंदु हसारंगा और भानुका राजपक्षे जैसे श्रीलंकाई खिलाड़ी आर्थिक संकट के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन के सपोर्ट में आए थे. श्रीलंका को विदेशी मुद्रा भंडार की कमी का भी सामना करना पड़ रहा है, जिससे खाद्य और ईंधन आयात करने की उसकी क्षमता प्रभावित हुई है. आवश्यक वस्तुओं की कमी ने श्रीलंका को मित्र देशों से सहायता लेने के लिए मजबूर किया है. खराब आर्थिक स्थिति के चलते प्रधान मंत्री महिंदा राजपक्षे और राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की भी मांग हो रही है.