IPL Auction 2022: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का मेगा ऑक्शन खत्म हो गया है. बेंगलुरु में दो दिन तक चले क्रिकेट के बाजार में 5 अरब से ज्यादा रुपये खर्च किए गए. 10 टीमों ने सैकड़ों खिलाड़ियों को खरीदा और अब मंच पूरी तरह से तैयार हो गया है आईपीएल के अगले सीजन के लिए. इस मेगा ऑक्शन ने कई लोगों को हैरान किया, बड़े नाम नहीं बिके और नए नामों पर करोड़ों की बरसात हुई. ऐसा क्यों हुआ और इसके पीछे क्या रणनीति दिखाई पड़ती है, इसका मंत्र एक ही नज़र आता है.
टीमों का एक ही मंत्र- लॉन्ग टाइम इनवेस्टमेंट
इंडियन प्रीमियर लीग के सबसे बड़े स्टार सुरेश रैना पर किसी भी टीम ने बोली नहीं लगाई, टी-20 वर्ल्डकप में ऑस्ट्रेलिया को वर्ल्डकप जिताने के सबसे अहम किरदार रहे डेविड वॉर्नर सिर्फ 6.5 करोड़ रुपये में बिक गए और 23 साल के ईशान किशन के लिए मुंबई इंडियंस ने पूरा खजाना ही खोल दिया.
मेगा ऑक्शन के ये छोटे-छोटे संकेत बताते हैं कि टीमों का लक्ष्य सिर्फ एक या दो सीजन नहीं है, वह आने वाले तीन-चार साल के हिसाब से सोच रही हैं. क्योंकि मेगा ऑक्शन का कॉन्ट्रैक्ट तीन साल का होता है, ऐसे में अगर कोई टीम किसी खिलाड़ी पर पैसे खर्च करती है तो वह इसी हिसाब से सोच कर चल रही होती है कि क्या वह खिलाड़ी तीन साल बाद भी उसकी प्लेइंग-11 में शामिल होने की स्थिति में रहेगा या नहीं.
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इस साल के अगर टॉप-10 खिलाड़ियों को देखें, जिनपर सबसे ज्यादा पैसा खर्च हुआ है उनमें अधिकतर (या सभी) ऐसे खिलाड़ी हैं जिनकी उम्र 30 से नीचे है या फिर वह 30 वाले एजग्रुप के रेंज में हैं. यानी उनके पास आने वाले वक्त में 5 से 10 साल का क्रिकेट है. यही वजह है कि टीमों ने उनपर किसी भी तरह से पैसा खर्च करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है.
• ईशान किशन- 15.50 करोड़, 23 साल (मुंबई इंडियंस)
• दीपक चाहर- 14 करोड़, 29 साल (चेन्नई सुपर किंग्स)
• श्रेयस अय्यर- 12.25 करोड़, 27 साल (कोलकाता नाइट राइडर्स)
• लियाम लिविंगस्टोन- 11.50 करोड़, 26 साल (पंजाब किंग्स)
• शार्दुल ठाकुर- 10.75 करोड़ 30 साल, (दिल्ली कैपिटल्स)
अब सिर्फ नाम नहीं, परफॉर्मेंस और वक्त से मतलब!
लखनऊ सुपर जायंट्स के मेंटर गौतम गंभीर ने एक इंटरव्यू में दो-टूक बात कही कि जब आप ऑक्शन की उस टेबल पर बैठे रहते हैं, तो किसी भी तरह का कोई इमोशन नहीं होता है. अगर आप इमोशन में बह गए, तो टीम का नुकसान होगा ऐसे में टीम के लिए क्या बेहतर है आपको सिर्फ उसी पर फोकस करना होता है.
गौतम गंभीर की यही बात हर टीम पर लागू होती है, क्योंकि इस बार किसी भी खिलाड़ी को उसके नाम के आधार पर आंका नहीं गया है. मिस्टर आईपीएल सुरेश रैना, दुनिया के बेस्ट ऑलराउंडर में शामिल शाकिब अल हसन, ऑस्ट्रेलिया को टी-20 वर्ल्डकप जिताने वाले कप्तान एरोन फिंच, इंग्लैंड की टी-20 टीम में जान डाल देने वाले कप्तान इयॉन मोर्गन, टी-20 स्पेशलिस्ट डेविड मलान समेत कई बड़े नाम इस बार अनसोल्ड गए हैं.
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किसी भी सीनियर या विदेशी खिलाड़ी पर कम इन्वेस्टमेंट या अनसोल्ड रहने की वजह टूर्नामेंट के दौरान उनकी उपलब्धता भी है. टीमों की ओर से ऐसे खिलाड़ियों पर ज्यादा इनवेस्ट किया गया है, जो पूरे टूर्नामेंट उनके लिए उपलब्ध रह पाएं. यही वजह है कि भारतीय खिलाड़ियों पर आसानी से ज्यादा इनवेस्टमेंट किया जा सकता है, क्योंकि आईपीएल के वक्त टीम इंडिया को कोई अंतरराष्ट्रीय मैच होता ही नहीं है.
खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस के आधार पर इन्वेस्टमेंट का ही नतीजा है कि मुंबई इंडियंस ने जोफ्रा आर्चर पर 8 करोड़ रुपये खर्च कर दिए. वो भी तब जब सभी को मालूम है कि वह इस साल आईपीएल में नहीं खेल पाएंगे. यानी मुंबई इंडियंस ने 2023-2024 आईपीएल के लिए अभी से ही जोफ्रा को अपनी टीम में कर लिया है.