चेन्नई सुपर किंग्स को लेकर एकबार फिर से चौंकाने वाली खबर सामने आई है. टीम के स्टार ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने बीच सीजन टीम की कप्तानी एमएस धोनी को हैंडओवर कर दी है. ऐसे में एमएस धोनी मौजूदा सीजन में सीएसके के बाकी बचे मुकाबलों में कप्तानी करते दिखाई देंगे. जडेजा के कप्तानी छोड़ने की वजह शायद टीम का खराब प्रदर्शन है.
सीएसके द्वारा बयान जारी कर इस बात की घोषणा की गई है. बयान में कहा गया है, 'जडेजा ने अपने गेम पर फोकस करने के लिए कप्तानी छोड़ने का फैसला किया है. जडेजा ने धोनी से सीएसके का नेतृत्व करने की गुजारिश की. एमएस धोनी टीम के हितों का ध्यान रखते हुए यह अनुरोध स्वीकार कर लिया है, जिससे जडेजा अपने गेम पर फोकस कर सकेंगे.'
क्यों छोड़नी पड़ी कप्तानी?
रवींद्र जडेजा ने मौजूदा सीजन में कुल आठ मुकाबलों में सीएसके की कप्तानी की. इसमें टीम को छह मुकाबलों में हार और दो में जीत मिली. चेन्नई को ये दो जीत रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और मुंबई इंडियंस के खिलाफ आई थी. इस सीजन से पहले जडेजा ने आईपीएल में किसी टीम की कप्तानी नहीं की थी. चेन्नई की टीम फिलहाल आईपीएल 2022 की अंकतालिका में 4 अंकों के साथ नौंवें स्थान पर है.
IPL 2022 में चेन्नई सुपर किंग्स (अबतक):
26 मार्च vs कोलकाता नाइट राइडर्स, 6 विकेट से हार
31 मार्च vs लखनऊ सुपर जायंट्स, 6 विकेट से हार
3 अप्रैल vs पंजाब किंग्स, 54 रनों से हार
9 अप्रैल vs सनराइजर्स हैदराबाद, 8 विकेट से हार
12 अप्रैल vs रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु, 23 रनों से जीत
17 अप्रैल vs गुजरात टाइटन्स, तीन विकेट से हार
21 अप्रैल vs मुंबई इंडियंस, तीन विकेट से जीत
25 अप्रैल vs पंजाब किंग्स, 11 रनों से हार
नहीं दिखा धोनी जैसा जादू, प्रदर्शन का भी दबाव
जडेजा को 24 मार्च 2022 को चेन्नई सुपर किंग्स की कमान सौंपी गई थी, लेकिन 40 दिनों के भीतर ही उन्होंने कप्तानी छोड़ दी. इसके पीछे की वजह टीम के साथ-साथ जडेजा के खुद का प्रदर्शन भी है. जडेजा मौजूदा आईपीएल सीजन में कुल 8 मैचों में 42.60 की एवरेज से महज 5 विकेट ले सके हैं. वही बल्लेबाजी की बात करें, तो उन्होंने 22.40 की औसत से कुल 112 रन बनाए.
रवींद्र जडेजा को जब सीएसके की कमान सौंपी गई, तब हर किसी को उम्मीद थी कि वह पूर्व कप्तान एमएस धोनी जैसा जादू दिखा पाएंगे. लेकिन नहीं हो पाया, क्योंकि टीम को लगातार चार हार का सामना करना पड़ा था. इस बीच रवींद्र जडेजा के प्रदर्शन पर भी असर पड़ने लगा था. बल्ले और बॉल से रवींद्र जडेजा दबाव में दिखे.
वहीं कप्तानी को लेकर भी रवींद्र जडेजा के कई फैसलों पर सवाल खड़े हुए थे. बॉलिंग चेंज हो या फिर बैटिंग ऑर्डर को लेकर फैसले कई बार सीएसके को छोटी-छोटी गलतियां भारी पड़ीं. मैदान पर भी एमएस धोनी ने कई बार मोर्चा संभाला और फील्ड सेट, डीआरएस और अन्य कुछ फैसलों में वह अपनी तरफ से इनपुट देते रहे थे.