इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का पहला खिताब राजस्थान रॉयल्स ने 2008 में जीता था. इसी पहले सीजन में शेन वॉर्न की कप्तानी चैम्पियन टीम में एक युवा खिलाड़ी था, जिसने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा था. वह 'सर' रवींद्र जडेजा थे. राजस्थान ने जडेजा को अंडर-19 टीम से चुना था. जडेजा 2018 की वर्ल्ड कप विजेता अंडर-19 टीम इंडिया के सदस्य थे. अब वह चेन्नई टीम के कप्तान बनाए गए हैं. उनके लिए महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी कप्तानी छोड़ दी है.
ऑलराउंडर जडेजा ने पहले दो आईपीएल सीजन में 430 रन जड़ दिए थे. इस दौरान उन्होंने पहले सीजन में 131.06 की स्ट्राइक रेट से 135 रन बनाए थे. इसके बदौलत अंडरडॉग समझी गई राजस्थान टीम ने पहले ही सीजन में खिताब जीत लिया था.
जडेजा पर 2010 में एक साल का प्रतिबंध लगा
जडेजा को इसका सबसे अच्छा फल अगले साल यानी 2009 में मिला, जब उन्होंने टीम इंडिया के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया. उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ 8 फरवरी 2009 को वनडे से डेब्यू किया था. इसके बाद जडेजा के जीवन में 2010 का साल अच्छा नहीं रहा था. इस दौरान उन पर कोड ऑफ कंडक्ट के उल्लंघन का दोषी मानते हुए एक साल का प्रतिबंध लगा दिया था.
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— Chennai Super Kings (@ChennaiIPL) March 24, 2022
दरअसल, जडेजा के खिलाफ 2009 आईपीएल सीजन के बाद एक शिकायत दर्ज कराई गई थी. उन पर आरोप था कि उन्होंने राजस्थान टीम के साथ कॉन्ट्रेक्ट में रहते हुए दूसरी फ्रेंचाइजी के साथ बेहतर रुपए के साथ डील करने की कोशिश की है. जबकि राजस्थान टीम ने तीन सीजन के लिए जडेजा के साथ 2008 में करार कर लिया था. हालांकि जडेजा सिर्फ 2009 तक ही टीम के साथ रहना चाहते थे. ऐसे में जडेजा को दोषी मानते हुए उन पर एक साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया था.
आईपीएल गवर्निंग काउंसिल के एक बयान के मुताबिक, जडेजा ने तब मुंबई इंडियंस फ्रेंचाइजी के साथ डील करने की कोशिश की थी. तब उन्होंने मुंबई टीम के प्रतिनिधि को डॉक्यूमेंट्स भेजने की भी पेशकश की थी.
जडेजा का आईपीएल में ऑलराउंड प्रदर्शन
रवींद्र जडेजा ने अब तक आईपीएल में 200 मैच खेले, जिसमें 27.11 की औसत से 2386 रन बनाए हैं. इस दौरान जडेजा ने दो फिफ्टी भी लगाई हैं. उन्होंने अपने आईपीएल करियर में 127 विकेट भी झटके हैं. एक मैच में 16 रन देकर 5 विकेट लेना जडेजा के बेस्ट प्रदर्शन रहा है.