भारत ने बैडमिंटन के इतिहास में वो कारनामा कर दिखाया है, जो आज से पहले कभी नहीं हुआ था. रविवार को बैंकाक में खेले गए फाइनल मुकाबले में भारत ने इंडोनेशिया को 3-0 से मात दी. 14 बार की चैम्पियन को हराना कतई आसान नहीं था, लेकिन भारतीय शेरों ने कमाल का खेल दिखाते हुए असंभव को संभव कर दिखाया.
थॉमस कप एक टीम गेम है, जहां पूरी टीम को एकजुट होकर खेलना रहता है. भारतीय दल में शामिल खिलाड़ियों ने भी पूरी लगन और मेहनत की बदौलत टीम को खिताबी जीत तक पहुंचाया. आइए मिलते हैं थॉमस कप विजेता भारतीय टीम के खिलाड़ियों से, जो सुपरस्टार बनकर उभरे है.
लक्ष्य सेन: अल्मोड़ा के रहने वाले लक्ष्य सेन ने पिछले एक-दो सालों में अपने प्रदर्शन से अलग पहचान बनाई है. थॉमस कप के क्वार्टर फाइनल में विश्व चैम्पियनशिप के कांस्य पदक विजेता लक्ष्य सेन को मलेशिया के ली जिया के हाथों 21-23 और 9-21 से हार का सामना करना पड़ा था. सेमीफाइनल में भी लक्ष्य डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसन से हार गए. लेकिन फाइनल मुकाबले में इस युवा खिलाड़ी ने एंथनी गिनटिंग को मात देकर भारत को विजयी शुरुआत दिलाई.
एचएस प्रणय: स्विस ओपन के फाइनलिस्ट एचएस प्रणय ने थॉमस कप 2022 में दो मौकों पर भारत के लिए निर्णायक जीत हासिल की. क्वार्टर फाइनल में उन्होंने मलेशिया के लियोंग जुन हाओ को 21-13, 21-8 से मात दी. वहीं डेनमार्क के खिलाफ सेमीफाइनल में उन्होंने रासमस गेमके को निर्णायक मुकाबले में 13-21, 21-9, 21-12 से शिकस्त दी.
किदांबी श्रीकांत: पूर्व वर्ल्ड नंबर-1 और विश्व चैम्पियनशिप के रजत पदक विजेता किदांबी श्रीकांत ने क्वार्टर फाइनल में मलेशिया के एनजी योंग को 21-11, 21- 17 मात दी. वहीं सेमीफाइनल में उन्होंने जर्मनी के एंडर्स एंटोनसेन के खिलाफ 21-18, 12-21 और 21-15 से जीत दर्ज की. इंडोनेशिया के खिलाफ फाइनल मुकाबले में श्रीकांत ने जोनाथन क्रिस्टी को धूल चटाकर भारत को खिताबी मंजिल तक पहुंचाया.
सात्विक और चिराग: सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की डबल्स जोड़ी ने एक बार फिर साबित किया है कि वे बेस्ट क्यों हैं. मलेशिया के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में सात्विक-चिराग ने फी और नूर इज़ुद्दीन को 21-19, 21-15 से जीता. फिर सेमीफाइनल में उन्हें डेनमार्क के किम एस्ट्रुप और सी. माथियास को धूल चटाई. इंडोनेशिया के खिलाफ फाइनल मुकाबले में सात्विक और चिराग ने केविन संजय सुकामुल्जो और मोहम्मद अहसान की जोड़ी को 18-21, 23-21, 21-19 से पराजित किया.
एम.अर्जुन और ध्रुव कपिला: भारत की तीसरी डबल्स जोड़ी एम.अर्जुन और ध्रुव कपिला ने भी मिले मौकों को भुनाने का प्रयास किया. जर्मनी के खिलाफ भारतीय जोड़ी को जीत हासिल हुई. लेकिन चीनी ताइपे के खिलाफ अर्जुन और ध्रुव कपिला को हार का सामना करना पड़ा. नॉकआउट मैचों में ध्रुव और अर्जुन को खेलने का मौका नहीं मिला.
कृष्ण प्रसाद और विष्णुवर्धन गौड़: कृष्ण प्रसाद गारगा और विष्णुवर्धन गौड़ पंजाला की युवा जोड़ी को भले ही नॉकआउट मैचों में मलेशिया और डेनमार्क के खिलाफ हार झेलनी पड़ी हो, लेकिन दोनों ही मैचों में इन्होंने कड़ी चुनौती पेश की. इस भारतीय जोड़ी ने ट्रायल्स में शानदार खेल दिखाने के बाद टीम में जगह पाई थी.
प्रियांशु राजवत: प्रियांशु राजवत को पहली बार थॉमस कप खेलने का मौका मिला था. प्रियांशु पुलेला गोपीचंद एकेडमी में ट्रेनिंग करते हैं. कनाडा के खिलाफ मुकाबले में प्रियांशु को भाग लेने का अवसर मिला था, जहां उन्होंने विक्टर लाई को 21-13, 20-22, 21-14 से मात दी थी.
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