Chess Grand Master Praggnanandhaa: भारत के युवा ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंद ने बड़ा उलटफेर करते हुए दुनिया नंबर-1 चेस मास्टर मैगनस कार्लसन को करारी शिकस्त दी है. यह उपलब्धि हासिल करने वाले प्रज्ञानानंद की उम्र महज 16 साल है, जबकि कार्लसन की उम्र उनसे करीब दोगुनी यानी 31 साल है.
भारतीय ग्रैंडमास्टर ने रविवार (20 फरवरी) की देर रात मुकाबले में काले मोहरों से बाजी खेलते हुए वर्ल्ड नंबर-1 कार्लसन को 39 चाल में ही पटक दिया. उन्होंने यह उपलब्धि ऑनलाइन रैपिड शतरंज टूर्नामेंट एयरथिंग्स मास्टर्स के आठवें दौर में हासिल की.
यह पहली बार नहीं है, जब चेन्नई के रहने वाले प्रज्ञानानंद ने दिग्गजों को हैरान किया है. इससे पहले भी वह 2018 में इतिहास रच चुके हैं. तब प्रज्ञानानंद दुनिया के दूसरे सबसे युवा चेस ग्रैंड मास्टर बने थे.
प्रज्ञानानंद की उम्र तब महज 12 साल 10 महीने ही थी. इसी के साथ वह दूसरे सबसे युवा शतरंज खिलाड़ी बने. दुनिया के सबसे युवा ग्रैंड मास्टर का खिताब यूक्रेन के सर्जी कारजाकिन के नाम है, उन्होंने यह उपलब्धि 12 साल 7 महीने की उम्र में हासिल की थी.
प्रज्ञानानंद एक मध्यवर्गीय परिवार से हैं. खराब आर्थिक स्थिति के चलते उनके पिता नहीं चाहते थे कि वह चेस खेलें. लेकिन प्रज्ञानानंद की बहन वैशाली चेस खेलती थीं. बहन को देखकर ही प्रज्ञानानंद की रूचि चेस में बढ़ी और वह आज इस मुकाम तक पहुंच सके.
प्रज्ञानानंद का जन्म 10 अगस्त 2005 को चेन्नई में ही हुआ था. उनके कोच आरबी रमेश रहे हैं. 16 साल की उम्र में प्रज्ञानानंद ने करीब 40 देशों का दौरा किया है. इस दौरान उनके साथ कोच रमेश भी साथ जाते हैं.
कभी शतरंज खेलने से रोकने वाला अपना परिवार ही अब प्रज्ञानानंद पर गर्व करता है. प्रज्ञानानंद ने देश का नाम रोशन किया है. 5 बार के वर्ल्ड चेस चैम्पियन भारतीय स्टार विश्वनाथ आनंद भी उनकी तारीफ में कसीदे गढ़ते नजर आते हैं.