पाकिस्तान के तीन हॉकी खिलाड़ियों और एक फिजियोथेरेपिस्ट पर पाकिस्तान हॉकी महासंघ (Pakistan Hockey Federation.) की जानकारी के बिना भागकर यूरोपीय देश में शरण लेने की कोशिश में आजीवन बैन लगाया है. दरअसल, इसकी वजह पाकिस्तानी हॉकी की माली हालत भी रही है, जिस कारण खिलाड़ियों को भत्ता मिलने में देरी हो रही थी.
पीएचएफ (PHF) महासचिव राणा मुजाहिद ने गुरुवार को पुष्टि करते हुए कहा कि मुर्तजा याकूब, इहतेशाम असलम और अब्दुर रहमान फिजियोथेरेपिस्ट वकास के साथ पिछले महीने नेशंस कप के लिए नीदरलैंड और पोलैंड गए थे, लेकिन वहां से वापस नहीं लौटे. यहां तक इन खिलाड़ियों ने नीदरलैंड्स में राजनैतिक शरण भी मांगी.
पूर्व ओलंपियन ने माना कि पीएचएफ की फाइनेंशियल सिचुएशन काफी चैलेंजिंग थी. खिलाड़ियों को अपने यात्रा भत्ते और दैनिक निर्वाह भुगतान में देरी का सामना करना पड़ा था, लेकिन इस वजह से राष्ट्रीय टीम को छोड़ने और देश को बदनाम नहीं किया जा सकता है.
मुजाहिद ने कहा, 'जब टीम स्वदेश लौटी और हमने एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी के लिए ट्रेनिंग कैम्प की घोषणा की, तो तीनों ने हमें बताया कि घरेलू मुद्दों के कारण वे कैम्प में शामिल नहीं हो पाएंगे.
मुजाहिद ने बताया, 'हमें पता चला कि वे टीम को जारी किए गए उसी शेंगेन वीजा पर एक बार फिर हॉलैंड (नीदरलैंड्स ) चले गए थे और वहां राजनीतिक शरण मांगी थी.'
मुजाहिद ने कहा कि यह पाकिस्तान हॉकी के लिए एक 'निराशाजनक' मामला था, जिससे अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए यूरोपीय देशों में वीजा के लिए आवेदन करना मुश्किल हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि पीएचएफ ने आजीवन बैन को मंजूरी दे दी है. वहीं पीएचएफ अध्यक्ष से अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए उन्हें वापस लाने के लिए पाकिस्तान वाणिज्य दूतावास के माध्यम से प्रयास करने को कहा है. मुजाहिद ने कहा- हमने आगे की कार्रवाई के लिए आंतरिक और विदेश मंत्रालयों को पहले ही सूचित कर दिया है.