देश के लिए अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय मेडल हासिल कर चुकी डेफ एंड डंब (मूक-बधिर) चेस चैम्पियन ने अब इस खेल को ही छोड़ने का मन बना लिया है. मल्लिका हांडा नाम की यह शतरंज चैम्पियन जालंधर के काला सिंघा रोड पर रहती हैं. वह पंजाब सरकार की बेरुखी से बेहद नाराज हैं. मल्लिका राज्य सरकार द्वारा किए गए वादों के पूरा न होने की वजह से चेस छोड़ने का मन बना चुकी हैं.
कई मेडल जीत चुकीं मल्लिका हांडा पिछले करीब 11 साल से चेस खेल रही है. उन्होंने न सिर्फ राष्ट्रीय स्तर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देश के लिए मेडल जीते हैं. यही नहीं, मल्लिका ने डेफ एंड डंब कैटेगरी छोड़कर जनरल कैटेगरी में भी खिलाड़ियों को हराया है और अपने राज्य पंजाब का नाम रोशन किया है.
पंजाब सरकार ने मल्लिका हांडा से वादा किया था कि उन्हें नौकरी और नकद इनाम से सम्मानित किया जाएगा. लेकिन राज्य सरकार की ओर से उन्हें पिछले 3 साल में कुछ नहीं दिया गया. हालांकि पिछले साल सितंबर में इस खिलाड़ी को एक पत्र मिला कि ओलंपिक में देश के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा के हाथों से उन्हें नकद इनाम दिया जाएगा, लेकिन यह आस भी पूरी नहीं हुई.
दरअसल, उन्हें यह पता चला कि यह अवॉर्ड सिर्फ जनरल खिलाड़ियों के लिए है न कि डेफ एंड डंब खिलाड़ियों के लिए. और अब बीते दिनों मल्लिका की नाराजगी सामने आई. चेस खिलाड़ी मल्लिका ने पंजाब सरकार से पूछा कि उनके वादे कहां गए..?
कुछ समय पहले पंजाब के खेल मंत्री परगट सिंह ने भी वादा किया था कि मल्लिका को एक स्पेशल कैटेगरी में इनाम दिया जाएगा, जिसका वीडियो भी उनके पास है.अब मल्लिका ने मन बना लिया है कि वह चेस खेलना छोड़ देंगी. बता दे पंजाब सरकार के दावों के उलट केंद्र सरकार ने उन्हें राष्ट्रीय अवॉर्ड भी दिया है. 2019 में मल्लिका को बेस्ट स्पोर्ट्स पर्सन का अवॉर्ड हासिल हुआ है.