पीवी सिंधु
उम्र - 27
खेल- बैडमिंटन
वर्ल्ड रैंकिंग - 7
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत को बैडमिंटन में काफी पदकों की आस है. स्टार प्लेयर पीवी सिंधु पर फैन्स की खास निगाहें रहने वाली हैं जो तीसरी बार कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा ले रही हैं. सिंधु अब तक इन खेलों में महिला एकल इवेंट में एक-एक सिल्वर एवं ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं. वही मिक्स्ड टीम इवेंट में भी सिंधु ने 2018 के गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था.
2009 में शुरू हुआ सुनहरा सफर
इस हैदराबादी शटलर ने साल 2009 में कोलंबो में हुए जूनियर एशियाई बैडमिंटन चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया, जो उनका पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट था. फिर साल 2012 में सिंधु ने लंदन ओलंपिक की चैम्पियन ली जुरेई को हराते हुए सबका ध्यान अपनी ओर खींचा. उसी साल सितंबर में महज 17 साल की उम्र में सिंधु ने दुनिया की टॉप-20 खिलाड़ियों में जगह बना ली.
इसके बाद साल 2013 के वर्ल्ड चैम्पियनशिप में ब्रॉन्ज जीतने के साथ ही सिंधु इस चैम्पियनशिप में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई थीं. इसके बाद से 2015 को छोड़कर उन्होंने 2019 तक हरेक वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीता.
रियो ओलंपिक में जीता सिल्वर मेडल
2016 के रियो ओलंपिक में पीवी सिंधु ने शुरुआती चार मुकाबले जीतकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी. इसके बाद सिंधु ने सेमीफाइनल मुकाबले में जापान की नोजोमी ओकुहारा को सीधे गेमों में 21-19, 21-10 से शिकस्त दी. सिंधु के पास फाइनल में गोल्ड जीतने का मौका था, लेकिन स्पेन की कैरोलिन मारिन उनपर भारी पड़ गईं. फाइनल में मारिन ने सिंधु को 19-21, 21-12, 21-15 से मात दे दी थी. इसके बाद साल 2019 में सिंधु ने विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा को हराकर इतिहास रच डाला था. वह विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गई थीं.
...फिर टोक्यो में रचा इतिहास
पीवी सिंधु टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाली इकलौती भारतीय महिला शटलर थी, जहां उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा किया था, जो उनका लगातार दूसरा ओलंपिक मेडल रहा. इसके साथ ही सिंधु ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बन गई थी. ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में उन्होंने चीन की हे बिंगजियाओ को 21-13, 21-15 से मात दी थी.
हालिया फॉर्म शानदार
पीवी सिंधु ने हाल ही में सिंगापुर ओपन 2022 में भाग लिया था, जहां वह खिताब जीतने मे कामयाब रही थीं. सिंधु ने फाइनल मुकाबले में चीन की वांग जी यी को 21-9, 11-21, 21-15 से शिकस्त दी. अब कॉमनवेल्थ गेम्स में भी सिंधु यह प्रदर्शन दोहराना चाहेंगी.