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Commonwealth Games 2022: कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय पहलवान दिखाएंगे दमखम, बजरंग पूनिया से गोल्ड मेडल की आस

कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में पहलवान बजरंग पूनिया पर भारतीय फैन्स की निगाहें होंगी. बजरंग ने पिछले साल टोकियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था.

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बजरंग पूनिया (@Getty)
बजरंग पूनिया (@Getty)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कॉमनवेल्थ गेम्स में बजरंग पर होंगी निगाहें
  • ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुके हैं बजरंग

ओलंपिक और कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को पहलवानों ने काफी सारे मेडल दिलाए हैं. कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में कुश्ती में काफी मेडल मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. इस दौरान रेसलर बजरंग पूनिया से स्वर्ण पदक की आस होगी. बजरंग ने पिछले साल टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया था. बजरंग पूनिया 2014 एवं 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भाग ले चुके हैं जहां वह क्रमश: सिल्वर और गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब रहे थे.

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बजरंग को कुश्ती विरासत में मिली

28 साल के बजरंग का जन्म झज्जर जिले के खुड्डन गांव में हुआ था. बजरंग को कुश्ती विरासत में मिली क्योंकि इनके पिताजी भी पहलवान रह चुके हैं. बजरंग ने महज सात साल की उम्र में कुश्ती शुरू कर दी, जिसमें उन्हें अपने पिता का पूरा सहयोग मिला. बजरंग के सपने को साकार करने के लिए उनके पिता बस का किराया बचाकर साइकिल से अपने काम पर जाते थे. साल 2015 में बजरंग का परिवार सोनीपत में शिफ्ट हो गया, ताकि वह भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के सेंटर में ट्रेनिंग कर सकें.

ऐसा रहा है बजरंग का सफर

बजरंग पूनिया की मेहनत उस समय रंग लाई ,जब उन्होंने साल 2013 में दिल्ली में हुए एशियन रेसलिंग चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता. इसके बाद में बजरंग ने बुडापेस्ट में हुई विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप के 60 किलो भारवर्ग वर्ग में कांस्य पदक अपने नाम किया. फिर बजरंग ने 2014 के राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में सिल्वर मेडल जीता. उसी साल बजरंग एशियन चैम्पियनशिप में भी रजत पदक जीतने में कामयाब रहे थे.

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2018 में हासिल की एक रैंक

इसके बाद बजरंग एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप (2017) और कॉमनवेल्थ गेम्स (2018) में स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे. 2018 के ही एशियन गेम्स में बजरंग ने यादगार प्रदर्शन करते हुए 65 किलो भारवर्ग में पीला तमगा अपने नाम किया. उस समय बजरंग ने अपना यह गोल्ड मेडल पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित किया था. अक्टूबर 2018 में हुए विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में सिल्वर मेडल जीतने के साथ ही वह 65 किलो भारवर्ग में दुनिया के नंबर-1 पहलवान बन गए.

संगीता फोगाट से हुई थी शादी

बजरंग पूनिया नवंबर 2020 में संगीता फोगाट के साथ शादी के बंधन में बंधे थे. संगीता द्रोणाचार्य अवॉर्डी महावीर फोगाट की बेटी हैं. संगीता भी अपनी सगी बहनें गीता, बबीता और रितु फोगाट की तरह रेसलिंग के दांव-पेच आजमा चुकी हैं. दिलचस्प बात यह थी कि बजरंग पूनिया ने संगीता के साथ सात नहीं, बल्कि आठ फेरे लिए थे. आठवां फेरा 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' के नाम पर था.

टोकियो में किया था कमाल

बजरंग पूनिया ने 2019 में कजाखिस्तान के नूर सुल्तान में आयोजित विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में पहुंचकर पहली बार ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया था. उस चैम्पियनशिप में बजरंग ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था. यह विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में उनका तीसरा मेडल रहा.

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टोक्यो ओलंपिक 2020 में बजरंग से वैसे तो गोल्ड मेडल की आस थी, लेकिन उन्हें कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा. 65 किलो भारवर्ग में ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले में बजरंग पूनिया ने कजाखस्तान के पहलवान दौलत नियाजबेकोव को 8-0 से मात दी थी. अब बजरंग कॉमनवेल्थ गेम्स में अपना जलवा बिखेरना चाहेंगे.

 

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