Vinesh Phogat on Sakshi Malik: भारतीय स्टार महिला पहलवान साक्षी मलिक और विनेश फोगाट के बीच एक जुबानी दंगल देखने को मिला है. साक्षी ने हाल ही में अपनी किताब 'विटनेस' (Witness) रिलीज की, जिसमें कई बड़े खुलासे किए हैं. रियो ओलंपिक 2016 में ब्रॉन्ज जीतने वाली साक्षी ने अपनी किताब में दावा किया है कि विनेश और बजरंग के फैसले से उनका आंदोलन 'स्वार्थपूर्ण' लगने लगा.
इसी बीच स्टार पहलवान और कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट ने मंगलवार को साक्षी मलिक के उन दावों पर असहमति जताई कि एशियाई खेलों के ट्रायल से छूट लेने के उनके और बजरंग पूनिया के फैसले से बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ उनका प्रदर्शन कमजोर पड़ा.
'मैं कमजोर नहीं हूं, लड़ाई कमजोर नहीं हो सकती'
विनेश ने पीटीआई से कहा, 'यह उसकी (साक्षी) निजी राय है. मैं इससे सहमत नहीं हूं. जब तक मैं कमजोर नहीं हूं, लड़ाई कमजोर नहीं हो सकती. यह मेरा मानना है. जब तक साक्षी, विनेश और बजरंग जिंदा है, यह लड़ाई कमजोर नहीं हो सकती.'
उन्होंने कहा, 'जिन्हें जीतना है , उन्हें कभी कमजोर नहीं होना चाहिए. उन्हें हमेशा मैदान पर डटकर लड़ना चाहिए. इसके लिए कठोर होना और चुनौतियों का सामना करना जरूरी है. हम लड़ाई के लिये तैयार हैं.'
बजरंग और विनेश को मिली थी ट्रायल्स में छूट
साक्षी ने किताब में बताया कि जब बजरंग और विनेश के करीबी लोगों ने उनके दिमाग में लालच भरना शुरू किया तो उनके विरोध प्रदर्शन में दरार आने लगी. इन तीनों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण पर अपने कार्यकाल के दौरान महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था और मामला दिल्ली की अदालत में चल रहा है.
WFI के निलंबन के बाद तदर्थ समिति ने कुश्ती का कामकाज देखना शुरू किया, जिसने बजरंग और विनेश को 2023 एशियाई खेलों के ट्रायल्स में छूट दी, लेकिन साक्षी ने अपने साथियों के सुझाव के बावजूद ऐसा नहीं करने का फैसला किया. अंत में साक्षी एशियाई खेलों में हिस्सा नहीं ले सकीं, लेकिन विनेश खेलों से पहले चोटिल हो गईं और बजरंग मेडल जीतने में असफल रहे.