Wrestling Federation of India: गुरुवार (21 दिसंबर) से ही भारतीय कुश्ती संघ (WFI) में बवाल शुरू हो गया है, जो अब तक थमने का नाम नहीं ले रहा है. 21 दिसंबर को चुनाव संपन्न हुए और फिर बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह अध्यक्ष बन गए. फिर क्या था मामला और भी तेजी से गर्मा गया. बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह WFI मामले में गृहमंत्री अमित शाह से कल मुलाकात करेंगे.
ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकीं रेसलर साक्षी मलिक ने तब संघ के इस चुनाव पर दुख जाहिर करते हुए प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान अपने जूते निकालकर मेज पर रख दिए थे और रेसलिंग से संन्यास का ऐलान कर दिया था.
क्यों आनन-फानन में WFI की नई बॉडी को सस्पेंड किया?
इसके बाद रविवार को जब मंत्रालय ने WFI की नई बॉडी को सस्पेंड कर दिया, तो पूर्व पहलवान साक्षी मलिक की पहली प्रतिक्रिया सामने आई. उन्होंने कहा कि सरकार से कोई लड़ाई नहीं है. लड़ाई केवल एथलीट्स के लिए थी. मुझे बच्चों की चिंता है.
मगर अब यहां फैन्स को समझना होगा कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि आनन-फानन में WFI की नई बॉडी को सस्पेंड करना पड़ गया. क्या सरकार को सताने लगा नुकसान का डर? WFI की नई बॉडी को इन 3 वजह से किया सस्पेंड... आइए विस्तार से जानते हैं इनके बारे में...
इस मामले में विपक्षी पार्टी को मिल सकता है पूरा फायदा
दरअसल, बीजेपी आलाकमान और सरकार के रणनीतिकारों को लगता है कि WFI के कारण विपक्ष इस पूरे मामले को 2024 के लोकसभा चुनाव मुद्दा बनाकर फायदा ले सकती है. विपक्ष का मुद्दा बनाने के पीछे कारण ये है कि WFI मामले में यौनशोषण का आरोप बृजभूषण शरण सिंह पर लगें जो उनकी डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष के साथ-साथ बीजेपी के कैसरगंज से सांसद भी हैं.
WFI के चुनाव नतीजों के बाद बीजेपी और सरकार को लगता हैं कि WFI के चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह जो पूर्व WFI के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद हैं उन पर महिला पहलवानों ने यौनशोषण के आरोप लगाए थे. WFI चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के समर्थन वाले ग्रुप संजय सिंह और उनके ग्रुप के जीतने के बाद बजरंग पुनिया के द्वारा पद्मश्री लौटना, साक्षी मलिक और विनेश फ़ौगाट का कुश्ती संघ से संन्यास लेने की घोषणा की थी उसके बाद प्रियंका गाँधी साक्षी मलिक से मिलने उनके घर पहुँच गई.
खिलाड़ियों में जा सकता है सरकार के खिलाफ गलत संदेश
बीजेपी को लगता WFI मामले के बाद जिस बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने कुश्ती को अलविदा कहा उससे सरकार और बीजेपी को लेकर देश के खिलाड़ियों में गलत संदेश जाएगा.
बीजेपी और सरकार के रणनीतिकारों का ये भी मानना हैं कि यदि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन ने WFI के मामले को 2024 के लोकसभा चुनाव मुद्दा बनाया तो महिला और जाट मतदाताओं का नुकसान हो सकता हैं. इसलिए देर रात पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बृजभूषण शरण सिंह से फोन पर की और दिल्ली आ कर मुलाकात करने के लिए कहा. रविवार सुबह बृजभूषण शरण सिंह ने पार्टी और सरकार की तरफ से ये जानकारी दी कि WFI की नई बॉडी को खेल मंत्रालय सस्पेंड कर रहा है.
इंटरनेशनल ओलंपिक संघ में भी भारत की साख खराब होगी
बीजेपी रणनीतिकारों ने यह भी समझा है कि इस मामले से इंटरनेशनल ओलंपिक संघ (IOC) में भी भारत की साख खराब होगी. ऐसे में यह बड़ा कदम उठाया गया. इन्हीं सब कारणों से बृजभूषण शरण सिंह को दिल्ली बुलाया, जहां पहुंचते ही जेपी नड्डा से मुलाकात हुई.
जेपी नड्डा ने मामले की जानकारी ली और बृजभूषण शरण सिंह को कहा कि मीडिया में जाकर पोजीशन साफ कर दो कि अब उनका WFI से कोई संबंध नहीं हैं और ना ही कोई दखल है. उन पर यौन शोषण के आरोप हैं वो मामला कोर्ट में हैं और कोर्ट का जो फैसला आएगा वो उन्हें स्वीकार्य होगा.
सूत्रों के मुताबिक, रणनीतिकारों का मानना हैं कि WFI की नई बॉडी दिल्ली हाईकोर्ट सस्पेंशन के खिलाफ जाएगी और इस फैसले पर रोक लगाने की मांग करेगी. कोर्ट अगर सरकार सस्पेंशन को रद्द करने का आदेश दे देता हैं तों सांप भी मर जाएगा और लाठी भी नहीं टूटेगी.