स्टार भारतीय भारोत्तोलक मीराबाई चनू कलाई में दर्द के बावजूद विश्व चैम्पियनशिप में कुल 200 किग्रा वजन उठाकर रजत पदक जीतने में सफल रहीं. इस दौरान उन्होंने टोक्यो ओलंपिक की चैम्पियन चीन की होउ झीहुआ को भी पछाड़ा. टोक्यो ओलंपिक की रजत पदक विजेता मीराबाई ने मंगलवार रात 49 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा पेश करते हुए स्नैच में 87 किग्रा, जबकि क्लीन एवं जर्क में 113 किग्रा वजन उठाया.
चीन की जियांग हुइहुआ ने कुल 206 किग्रा वजन उठाकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया. उन्होंने स्नैच में 93 जबकि क्लीन एवं जर्क में 113 किग्रा वजन उठाया. उनकी हमवतन झीहुआ ने कुल 198 किग्रा (89 और 109 किग्रा) वजन उठाकर कांस्य पदक जीता.
'देश के लिए जान लगाने के लिए तैयार रहती हूं'
2017 में स्वर्ण पदक जीतने वाली मणिपुर की भारोत्तोलक का प्रतियोगिता में यह दूसरा पदक है. मीराबाई ने पदक जीतने के बाद कहा, ‘पांच साल बाद विश्व चैम्पियनशिप में एक और पदक जीतकर स्वदेश लौटना मेरे लिए भावनात्मक रूप से गौरवपूर्ण लम्हा है. विश्व चैम्पियनशिप में हमेशा कड़ी प्रतिस्पर्धा होती है, क्योंकि सर्वश्रेष्ठ ओलंपियन शीर्ष स्तर पर चुनौती पेश करते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘मेरी कलाई में दर्द था, लेकिन मैं हमेशा देश के लिए पूरी जान लगाने के लिए तैयार रहती हूं. उम्मीद करती हूं कि मैं एशियाई खेलों और पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पदक के साथ भारत को ऐसे और लम्हें दूंगी.’ मीराबाई की कलाई में सितंबर में ट्रेनिंग सत्र के दौरान चोट लगी थी. उन्होंने चोट के बावजूद अक्टूबर में राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लिया था.
Extremely humbled and grateful for this victory. Small step towards our eventual goal of an Olympic gold.
— Saikhom Mirabai Chanu (@mirabai_chanu) December 7, 2022
Gratitude to my Coach Vijay sir, our President IWLF Sahdev Yadav sir, Sports Authority of India, all the stakeholders and well wishers. Will always make you proud 🇮🇳 pic.twitter.com/eTBsmdTsXR
कोच विजय शर्मा ने चोट को लेकर क्या कहा?
भारत के मुख्य कोच विजय शर्मा ने पीटीआई से कहा, ‘हम चोट को लेकर अधिक कुछ नहीं कर सकते थे क्योंकि हम विश्व चैम्पियनशिप से बाहर नहीं होना चाहते थे. अब हम उसकी कलाई पर ध्यान देंगे क्योंकि अगली प्रतियोगिता से पहले हमारे पास काफी समय है.’
मीराबाई के वर्ग में 11 भारोत्तोलकों की मौजूदगी के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा थी, लेकिन अधिकांश भारोत्तोलकों ने अधिक जोर नहीं लगाने का फैसला किया. झीहुआ तो क्लीन एवं जर्क में अपने अंतिम प्रयास के लिए उतरी ही नहीं और कांस्य पदक से संतोष किया.
राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक के बाद पहले अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहीं मीराबाई ने स्नैच में 84 किग्रा वजन उठाकर शुरुआत की. उन्होंने दूसरे प्रयास में 87 किग्रा वजन उठाया, लेकिन यह वैध नहीं माना गया. उन्होंने अपने तीसरे प्रयास में सफलतापूर्वक 87 किग्रा वजन उठाया.
क्लीन एवं जर्क में 111 किग्रा वजन उठाने की कोशिश की
स्नैच के बाद पांचवें स्थान पर चल रही चानू ने क्लीन एवं जर्क में पहले प्रयास में 111 किग्रा वजन उठाने की कोशिश की जो सभी प्रतिस्पर्धियों के बीच सबसे अधिक वजन था. मीराबाई के पहले प्रयास को ‘नो लिफ्ट’ कहा गया जिसे भारत ने चुनौती दी, लेकिन जजों ने इस फैसले को बरकरार रखा.
क्लीन एवं जर्क में विश्व रिकॉर्ड धारक मीराबाई ने अपने अगले दो प्रयास में 111 और 113 किग्रा वजन उठाया. मणिपुर की मीराबाई का विश्व चैम्पियनशिप में यह दूसरा पदक है. उन्होंने 2017 में स्वर्ण पदक जीता था. भारत के चार और भारोत्तोलक एस बिंदिया रानी देवी (59 किग्रा), सी ऋषिकांत सिंह (61 किग्रा), अचिंता श्युली (73 किग्रा) और गुरदीप सिंह (+109 किग्रा) भी विश्व चैम्पियनशिप में चुनौती पेश कर रहे हैं.
ओलंपिक 2024 की पहली क्वालिफाइंग प्रतियोगिता है ये
विश्व चैंपियनशिप 2022 पेरिस ओलंपिक 2024 की पहली क्वालिफाइंग प्रतियोगिता है. पेरिस में भारोत्तोलक की सिर्फ 10 स्पर्धाएं होंगी, जबकि टोक्यो खेलों में 14 स्पर्धाएं थीं. ओलंपिक 2024 क्वालिफिकेशन नियम के अनुसार भारोत्तोलक के लिए 2023 विश्व चैम्पियनशिप और 2024 विश्व कप में हिस्सा लेना अनिवार्य है.
इसके अलावा भारोत्तोलक को 2022 विश्व चैम्पियनशिप, 2023 महाद्वीपीय चैम्पियनशिप, 2023 ग्रां प्री एक, 2023 ग्रां प्री दो और 2024 महाद्वीपीय चैम्पियनशिप में से तीन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना होगा. क्वालिफाइंग प्रतियोगिता में भारोत्तोलक के तीन र्स्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के आधार पर अंतिम आकलन होगा.