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World Boxing Championship: नीतू-स्वीटी ने दिलाई स्वर्णिम कामयाबी, आज लवलीना और निकहत से भी गोल्ड की आस

महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में भारत की नीतू घनघस और स्वीटी बूरा ने यादगार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम किया. भारत को आज (26 मार्च) भी दो गोल्ड मेडल मिल सकते हैं. निकहत जरीन (50 किग्रा) और लवलीना बोरगोहेन (75 किग्रा) अपने-अपने भारवर्ग के फाइनल में चुनौती पेश करेंगी.

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नीतू घनघस और स्वीटी बूरा (PTI/Twitter)
नीतू घनघस और स्वीटी बूरा (PTI/Twitter)

नई दिल्ली में आयोजित महिला विश्व बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में भारतीय मुक्केबाजों ने कमाल का प्रदर्शन किया है. 25 मार्च (शनिवार) को भारत की दो मुक्केबाज स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहीं. राष्ट्रमंडल खेल 2022 की स्वर्ण पदक विजेता नीतू घनघस ने 48 किलो भारवर्ग में खिताब जीता. वहीं अनुभवी मुक्केबाज स्वीटी बूरा ने 81 किलो भारवर्ग में स्वर्णिम सफलता हासिल की.

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22 साल की नीतू ने शानदार प्रदर्शन करते हुए मंगोलिया की लुतसाईखान अल्तानसेतसेग को फाइनल मुकाबले में  5-0 से हराकर न्यूनतम वजन वर्ग का स्वर्ण पदक अपने नाम किया. इस दौरान स्टेडियम में बीजिंग ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता और नीतू घनघस के रोल मॉडल विजेंदर सिंह भी मौजूद थे. जबकि 30 साल की स्वीटी ने लाइट हेवीवेट वर्ग में चीन की वांग लिना की चुनौती से पार पाते हुए 4-3 से जीत हासिल की और भारत को दोहरी सफलता दिलाई.

दिन के पहले मुकाबले में भिवानी की रहने वाली नीतू ने आक्रामक शुरूआत की, पहले राउंड में वह 5-0 से आगे थी. दूसरे राउंड में उन्होंने सीधे मुक्के जड़े. अल्तानसेतसेग ने जब जवाबी हमला किया तो इस भारतीय मुक्केबाज ने अपनी प्रतिद्वंद्वी से अच्छा बचाव किया. दोनों मुक्केबाज करीब होकर खेल रही थी और एक दूसरे को जकड़ रही थीं.

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दूसरे राउंड के अंत में बतौर पेनल्टी नीतू के एक अंक काट लिए गए, इसके बावजूद नीतू दूसरे राउंड को 3-2 से अपने हक में करने में सफल रहीं. फिर अंतिम तीन मिनट में नीतू ने दूर से शुरूआत की और अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए फिर करीब से खेलने लगीं. तीसरे राउंड के दौरान प्रतिद्वंद्वी मुक्केबाज को जकड़ने के लिए अल्तानसेतसेग का भी एक अंक काट लिया गया. अंत में भारतीय मुक्केबाज विजेता रहीं.

मेरीकॉम कुल छह बार बनीं वर्ल्ड चैम्पियन

नीतू और स्वीटी विश्व चैम्पियन खिताब हासिल करने वाली क्रमश: छठी और सातवीं भारतीय मुक्केबाज हैं. छह बार की चैम्पियन एमसी मेरीकॉम (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018), सरिता देवी (2006), जेनी आर एल (2006), लेखा केसी (2006) और निकहत जरीन (2022) अन्य मुक्केबाज हैं, जिन्होंने विश्व खिताब जीते हैं.

लवलीना-निकहत से भी गोल्ड की उम्मीद

भारत को आज (26 मार्च) भी दो गोल्ड मेडल मिल सकते हैं. निकहत जरीन (50 किग्रा) और लवलीना बोरगोहेन (75 किग्रा) अपने-अपने भारवर्ग के फाइनल में चुनौती पेश करेंगी. लवलीना फाइनल में आस्ट्रेलिया की कैटलीन पार्क के सामने होंगी, जबकि निकहत जरीन का सामना दो बार की एशियाई चैम्पियन एनगुएन थि ताम (वियतनाम) से होगा.
 


 

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