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PT Usha: पीटी उषा का छलका दर्द, रोते हुए बोलीं- मेरी एकेडमी पर जबरन किया जा रहा कब्जा, सता रहा लड़कियों का डर

इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) की प्रेसिडेंट पीटी उषा ने कहा कि कुछ लोग छात्राओं के कैम्पस में घुस गए. 'उषा स्कूल ऑफ एथलेटिक्स' की जमीन पर अतिक्रमण कर लिया है. रात में भी कई लोग नशे की हालत घुस आते हैं. यहां उपद्रव करते हैं. यह बताते हुए पीटी उषा भावुक हो गईं और आंख से आंसू छलक पड़े...

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इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) की प्रेसिडेंट पीटी उषा. (@ANI)
इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) की प्रेसिडेंट पीटी उषा. (@ANI)

भारत की उड़नपरी के नाम से मशहूर पूर्व धावक पीटी उषा (PT Usha) इस समय बेहद परेशान नजर आ रही हैं. वह इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) की प्रेसिडेंट भी हैं. उन्होंने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि कुछ लोगों ने उनकी 'उषा स्कूल ऑफ एथलेटिक्स' की जमीन पर अतिक्रमण कर लिया है.

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पीटी उषा ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि कुछ लोग छात्राओं के कैम्पस में घुस गए. रात में भी कई लोग नशे की हालत घुस आते हैं. यहां उपद्रव करते हैं. यह बताते हुए पीटी उषा भावुक हो गईं और आंख से आंसू छलक पड़े. उन्होंने कहा कि लगातार उन्हें टारगेट किया जा रहा है. उन्हें लड़कियों की चिंता सता रही है.

मैनेजमेंट के साथ भी अभद्र व्यवहार किया

'उषा स्कूल ऑफ एथलेटिक्स' केरल के कोझिकोड में स्थित है. यहां कई छात्राएं और एथलीट ट्रेनिंग लेते हैं. पीटी उषा इस समय राज्य सभा सांसद भी हैं. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'कुछ लोग 'उषा स्कूल ऑफ एथलेटिक्स' में घुस आए और उन्होंने अवैध निर्माण कार्य शुरू कर दिया.'

उन्होंने कहा, 'जब मैनेजमेंट ने उन्हें रोकना चाहा, तो उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया. उन्होंने दावा किया कि उन्हें पानागढ़ पंचायत से परमिशन मिली है. हमने इस मामले में पुलिस से शिकायत की और कार्य को रुकवाया गया.'

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रात में नशा करने वाले घुस जाते हैं

उड़नपरी उषा ने कहा, 'नशा करने वाले लोग एकेडमी के परिसर में रात में घुस जाते हैं. नालियों में कचरा फेंक देते हैं. हमें लगातार निशाना बनाया जा रहा है. हमें अपनी लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जरूरत है. हम केरल के मुख्यमंत्री से इस मामले में दखल देने और मुद्दे को सुलझाने की अपील करते हैं.'

उन्होंने कहा, 'यह एक उभरती हुई संस्था है, जिसमें कई सारे एथलीट ट्रेनिंग लेते हैं. ऐसी घटना यहां पहली बार नहीं हुई है. यहां पढ़ने वाली लड़कियों की सुरक्षा हमारे लिए सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है. हम आज भी एकेडमी के चारों और बाउंड्री नहीं बना सके हैं.'

 

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