Supreme Court on Indian Football: भारतीय फुटबॉल अब एक नई दिशा में आगे बढ़ रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन की प्रशासकों की समिति (CoA) को भंग कर दिया है. साथ ही चुनाव भी टाल दिए हैं. इस मामले में सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस उम्मीद में आदेश पारित किया जा रहा है कि फीफा भारत में आयोजित होने वाले एआईएफएफ और अंडर -17 महिला विश्व कप के निलंबन को रद्द कर देगा.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि AIFF की कार्यकारी समिति में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और कोषाध्यक्ष समेत 23 सदस्य होंगे. साथ ही छह प्रतिष्ठित खिलाड़ी इसका हिस्सा हो सकते हैं.
वांछित परिणाम नहीं आने पर कोर्ट करेगा ये काम
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मतदाता सूची में AIFF के राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सदस्य संघों के प्रतिनिधि शामिल होने चाहिए. इसके अलावा मुख्य रूप से सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि इस उम्मीद में आदेश पारित किया जा रहा है कि फीफा भारत में आयोजित होने वाले एआईएफएफ और अंडर -17 महिला विश्व कप के निलंबन को रद्द कर देगा. वांछित परिणाम नहीं आने पर कोर्ट आगे के आदेशों पर विचार करेगा.
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स्थाई समाधान तो नई कार्यसमिति के जरिए ही हो सकेगा
फुटबॉल फेडरेशन विवाद में खेल मंत्रालय ने भी सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर अपने पूर्व आदेश में संशोधन करने की गुहार लगाई. सरकार ने कहा है कि AIFF के लिए प्रशासनिक समिति तो अस्थाई इंतजाम था. अब संविधान का नया प्रारूप भी तैयार हो गया है. स्थाई समाधान तो नई कार्यसमिति के जरिए ही हो सकेगा.
FIFA ने भी मतदाता मंडल को लेकर सवाल उठाया था. और भारतीय फुटबॉल के प्रशासन को लेकर चिंता जताई थी. चुनाव प्रक्रिया शुरू हो जाने से FIFA को भी तसल्ली हो जाएगी. निर्वाचक मंडल में बदलाव के लिए FIFA के सुझावों को मानना होगा.
FIFA भी नहीं चाहता कि तीसरा पक्ष हस्तक्षेप करे
खेल मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि CoA के गठन के पिछले आदेश को संशोधित कर कोर्ट AIFF के जनरल सेकेट्री दफ्तर को ही दिन-प्रतिदिन प्रशासन का अधिकार दे. AIFF के निलंबन से भारतीय फुटबॉल और खिलाड़ियों के लिए "विनाशकारी परिणाम" हुए हैं. क्योंकि FIFA तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को स्वीकार करने से इनकार कर रहा है.
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FIFA ने साफ कहा- इलेक्टेड बॉडी हो, मनोनीत नहीं
खेल मंत्रालय की अर्जी में कहा कि CoA द्वारा तैयार किया जा रहा मसौदा संविधान 23 अगस्त तक पेश किया जाए. केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ये राष्ट्रीय महत्व का मामला है. हम देश में वर्ल्ड कप के लिए मेजबानी का मौका खो सकते हैं. ऊपर से हमारे खिलाड़ी वर्ल्ड कप में खेल भी नहीं पाएंगे. ये हमारे लिए कोई खुशी की बात नहीं, बल्कि गहरी चिंता की बात है. हमें यानी जनरल बॉडी को निलंबित किया गया है.
SG तुषार मेहता ने दलील दी कि मतदाता सूची में केवल AIFF के राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सदस्य संघों के प्रतिनिधि शामिल होने चाहिए. इसमें खिलाड़ी शामिल नहीं होने चाहिए. सस्पेंशन के बाद हमने FIFA के साथ कई बार चर्चा की, लेकिन कुछ निजी लोगों के स्वार्थ की वजह से ऐसा हुआ है. फीफा ने साफ कहा है कि एक इलेक्टेड बॉडी होनी चाहिए, मनोनीत नहीं.
कोर्ट ने पूछा- अब वर्ल्ड कप तक कौन संभालेगा?
सुप्रीम कोर्ट ने संसाधनों के बारे में पूछा कि अगर CoA ने आज काम करना बंद कर दिया तो आज से वर्ल्ड कप तक कौन संभालेगा? इस वाले पर तुषार मेहता ने कहा कि वहां पहले से ही एक महासचिव है, जिसे 35 सदस्यों द्वारा चुना जाता है. यदि CoA का अस्तित्व समाप्त हो जाता है तो वह दिन-प्रतिदिन के प्रशासन के लिए काम कर सकता है.
इस पर भूटिया के वकील ने AIFF के लिए नए संविधान और प्रख्यात खिलाड़ियों के 36 सदस्यीय निर्वाचक मंडल के समर्थन में बहस की. भूटिया ने सुप्रीम कोर्ट से संविधान के मसौदे को अंतिम रूप देने का आग्रह किया.