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शतरंज के सबसे युवा वर्ल्ड चैंपियन गुकेश ने बनाए ये रिकॉर्ड, लिफ्ट में विश्वनाथन आनंद की उस सीख से पलटी बाजी!

18 साल की उम्र में भारतीय ग्रैंडमास्टर डी. गुकेश ने शतरंज के वर्ल्ड चैंपियन का खिताब जीतकर नया इतिहास रच दिया. उन्होंने मौजूदा चैंपियन डिंग लिरेन को रोमांचक मुकाबले में हराया. यह खिताब जीतने वाले वह विश्वनाथन आनंद के बाद दूसरे भारतीय खिलाड़ी बने.

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विश्वनाथन आनंद और डी गुकेश.
विश्वनाथन आनंद और डी गुकेश.

भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने गुरुवार को शतरंज के वर्ल्ड चैंपियनशिप में डिंग लिरेन को हराकर सबसे युवा चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया. 18 साल के गुकेश ने 14वें और निर्णायक क्लासिकल गेम में जीत दर्ज कर 7.5 अंक हासिल किए, जबकि उनके चीनी प्रतिद्वंद्वी लिरेन 6.5 अंकों पर सिमट गए.  

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गुकेश शतरंज का यह खिताब जीतने वाले विश्वनाथन आनंद के बाद दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं. आनंद ने अपने करियर में पांच बार यह खिताब जीता था और अब उन्होंने अपनी अकादमी के जरिए गुकेश को प्रशिक्षित कर उनके सफर में अहम भूमिका निभाई.  

गुकेश ने रचा इतिहास
  
गुकेश ने 14वें गेम में 58 चालों के बाद चार घंटे के संघर्ष में जीत हासिल की. 55वीं चाल में डिंग लिरेन की एक भूल ने उन्हें गेम से बाहर कर दिया. दोनों के पास केवल एक रुक (rook), एक बिशप (bishop) और कुछ प्यादे बचे थे. लेकिन गुकेश के धैर्य और आक्रामक रणनीति ने उन्हें बाजी पलटने का मौका दिया.  

गुकेश ने बताया, 'मैंने पिछले 10 सालों से इस पल का सपना देखा था. इसे सच होते देखना मेरे लिए भावुक करने वाला क्षण था.'  

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लिफ्ट में आनंद की सीख
  
गुकेश ने एक मजेदार किस्सा साझा करते हुए बताया, 'पहला गेम हारने के बाद मैं थोड़ा निराश था. लेकिन लौटते वक्त लिफ्ट में मुझे विश्वनाथन आनंद सर मिले. उन्होंने कहा, 'मुझे अपने पहले मैच में केवल 11 गेम बचे थे, तुम्हारे पास 13 हैं.' यह बात मेरे लिए प्रेरणादायक साबित हुई.'  

गुकेश ने तीसरा और 11वां गेम जीतकर बढ़त बनाई थी, जबकि लिरेन ने पहला और 12वां गेम जीता. बाकी मैच ड्रॉ रहे. अगर यह गेम भी ड्रॉ होता, तो विजेता का फैसला शुक्रवार को टाई-ब्रेक से होता.  

गुकेश का सफर
  
गुकेश ने इस जीत के साथ रूस के महान ग्रैंडमास्टर गैरी कास्परोव का रिकॉर्ड तोड़ दिया, जो 22 साल की उम्र में वर्ल्ड चैंपियन बने थे. गुकेश ने कहा, 'हर शतरंज खिलाड़ी का सपना वर्ल्ड चैंपियन बनने का होता है. आज मैं अपने सपने को जी रहा हूं.'

इस जीत के साथ ही डी गुकेश अब शतरंज की दुनिया के सबसे कम उम्र के वर्ल्ड चैम्पियन बन गए हैं. साथ ही वो एक रिकॉर्ड के मामले में विश्वनाथन आनंद के क्लब में भी शामिल हो गए हैं. दरअसल, गुकेश वर्ल्ड चेस चैम्पियन बनने वाले भारत के दूसरे प्लेयर बन गए हैं. जबकि विश्वनाथन पहले भारतीय हैं. 5 बार के वर्ल्ड चैम्पियन विश्वनाथन आनंद ने अपना आखिरी खिताब 2013 में जीता था.

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इस जीत के साथ ही अब शतरंज की दुनिया को नया और सबसे युवा चैम्पियन मिल गया है. गुकेश से पहले रूस के दिग्गज गैरी कास्पारोव सबसे कम उम्र के वर्ल्ड चेस चैम्पियन थे, जिन्होंने 1985 में अनातोली कार्पोव को हराकर 22 साल की उम्र में खिताब जीता था.

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