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India at Paris Olympics Day 12 Highlights (7 August 2024): ओलंपिक में जब भी भारत का इतिहास खंगाला जाएगा तो 7 अगस्त 2024 की तारीख एक दर्द की तरह रहेगी. भारत के ओलंपिक इतिहास का यह सबसे निराशाजनक दिन रहा है.
एक हैरान करने वाले घटनाक्रम में विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक की महिलाओं की 50 किलो कुश्ती स्पर्धा के फाइनल से पहले वजन अधिक पाए जाने के कारण बुधवार को ओलंपिक से अयोग्य घोषित कर दिया गया. जबकि इस खेल में भारत की सबसे बड़ी उम्मीद अंतिम पंघल भी बाहर हो गईं. वहीं वेटलिफ्टिंग में मीराबाई चानू और स्टीपलचेज में अविनाश साबले ने भी मायूस किया. टेबल टेनिस में भारतीय महिला टीम के जर्मनी से 1-3 से हारने से भारत का अभियान खत्म हो गया.
पदक तालिका में भारत 67वें स्थान पर है. 27 गोल्ड मेडल के साथ अमेरिका पहले स्थान पर काबिज है, जबकि चीन के खाते में अब तक 25 स्वर्ण पदक हैं और वह दूसरे पायदान पर है.
कुश्ती में विनेश अयोग्य घोषित, अंतिम शर्मनाक हार के बाद बाहर
विनेश ने ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनकर इतिहास रचा था. सुबह तक उनका कम से कम रजत पदक पक्का लग रहा था, लेकिन उनका वजन 100 ग्राम अधिक पाया गया. 29 साल की विनेश को खेलगांव में पॉली क्लीनिक ले जाया गया क्योंकि सुबह उनके शरीर में पानी की कमी हो गई थी.
एक भारतीय कोच ने कहा ,‘सुबह उनका वजन 100 ग्राम अधिक पाया गया. नियम इसकी अनुमति नहीं देते और उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया है.’ भारतीय ओलंपिक संघ ने विनेश की निजता का सम्मान करने का अनुरोध करते हुए कहा ,‘हमें यह खबर देते हुए खेद हो रहा है कि विनेश फोगाट महिला कुश्ती के 50 किलो वर्ग से अयोग्य घोषित कर दी गई हैं. पूरी रात टीम के अथक प्रयासों के बावजूद सुबह उसका वजन 50 किलो से अधिक पाया गया.’
इसमें कहा गया,‘भारतीय दल इस समय कोई और बयान नहीं देगा. भारतीय टीम आपसे विनेश की निजता का सम्मान करने का अनुरोध करती है.भारतीय दल इस समय आगामी स्पर्धाओं पर फोकस करना चाहेगा.’
यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) के नियमों के अनुसार पहलवान को वजन कराने की अवधि में कई बार अपना वजन कराने का अधिकार होता है. नियम के अनुसार)‘अगर कोई खिलाड़ी पहली और दूसरी बार वजन कराने के समय उपस्थित नहीं होता या अयोग्य होता है तो उसे स्पर्धा से बाहर कर दिया जाएगा और वह आखिरी स्थान पर रहेगा उसे कोई रैंक नहीं मिलेगी.’
अंतिम पंघल महिलाओं के 53 किलोवर्ग में तुर्की की येतगिल जेनिप से 0-10 से शर्मनाक हार के बाद बाहर हो गईं. पदार्पण करने वाली 19 वर्षीय अंतिम की रेपेचेज के जरिए कांस्य पदक की दौड़ में बने रहने की उम्मीद भी तब टूट गई जब जेनिप क्वार्टर फाइनल में जर्मनी की एनिका वेंडल से हार गईं.
इससे पहले विश्व कप चैम्पियनशिप की कांस्य पदक विजेता और इस वर्ग में ओलंपिक कोटा हासिल करने वाली अंतिम 101 सेकंड में ही हार गईं. पहले विनेश इस भारवर्ग में खेलती थीं.तुर्की की पहलवान को तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर विजयी घोषित किया गया. अंतिम देश की तीसरी पहलवान बन गई हैं जो खाली हाथ लौटेंगी.निशा दहिया (68 किग्रा) का अभियान सोमवार को समाप्त हो गया था.
टेबल टेनिस में अभियान खत्म
अर्चना कामथ के महिला टेबल टेनिस टीम स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल में कुछ देर तक चुनौती पेश करने के बावजूद भारतीय टीम को तकनीकी रूप से बेहतर जर्मनी से 1-3 से हार का सामना करना पड़ा.भारतीय महिला टीम की हार से देश का पेरिस ओलंपिक में टेबल टेनिस स्पर्धा में अभियान भी खत्म हो गया.
श्रीजा अकुला और अर्चना की भारतीय जोड़ी को शुरुआती युगल मैच में युआन वान और जिओना शान की जोड़ी से 5-11 11-8 10-12 6-11 से पराजय झेलनी पड़ी. पहले एकल में एनेट कॉफमैन के खिलाफ भारत की स्टार खिलाड़ी मनिका बत्रा मैच 11-8 5-11 7-11 5-11 से गंवा बैठीं.
अर्चना ने दूसरे एकल में जिओना शान पर 19-17 1-11 11-5 11-9 से जीत हासिल की. तीसरे एकल में कॉफमैन ने श्रीजा को 11-6 11-7 11-7 से हराकर जर्मनी को जीत दिलाई और सेमीफाइनल में प्रवेश किया.
भाला फेंक में अन्नु रानी, सौ मीटर बाधा दौड़ में याराजी से निराशा
भारत की अनुभवी भालाफेंक खिलाड़ी अन्नु रानी एक बार फिर विश्व स्तर पर प्रभावित नहीं कर सकीं और खराब प्रदर्शन के बाद क्वालिफिकेशन दौर से ही बाहर हो गईं. 31 वर्ष की राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी अन्नु ने 55.81 मीटर के साथ शुरुत की और अगले दो प्रयासों में 53.22 मीटर और 53.55 मीटर भाला फेंका.वह ग्रुप ए में 16 प्रतियोगियों में 15वें और कुल 26वें स्थान पर रहीं. राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी भारत की सौ मीटर की बाधा दौड़ खिलाड़ी ज्योति याराजी अपनी पहली हीट में खराब प्रदर्शन के बाद सातवें स्थान पर रहीं और स्वत: सेमीफाइनल में जगह बनाने से चूक गई .
पहली बार ओलंपिक खेल रहीं याराजी खेलों में सौ मीटर बाधादौड़ में भाग लेने वाली पहली भारतीय भी हैं. उन्होंने चौथी हीट में 13. 16 सेकंड का समय निकाला और 40 धावकों में 35वें स्थान पर रहीं.
ऊंची कूद में सर्वेश कुशारे भी फाइनल में नहीं पहुंच सके.वह ग्रुप बी में 13वें और कुल 25वें स्थान पर रहे. वह 2.15 मीटर की कूद ही लगा सके जबकि उनका सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रयास 2.25 मीटर है.
इससे पहले मैराथन रेसवॉक मिश्रित रिले टीम में सूरज पंवार और प्रियंका गोस्वामी रेस पूरी नहीं कर सके. गोस्वामी 41.4 किलोमीटर की रेस में चौथे और आखिरी चरण के बाद पीछे हट गईं.
अविनाश साबले ने भी किया मायूस
अविनाश साबले 3000 मीटर स्टीपलचेज में 8:14.18 का समय लेकर 11वें स्थान पर रहे. अच्छी खबर यह है कि 8:14.18 के साथ अविनाश ने अगले वर्ष की विश्व चैम्पियनशिप के लिए अर्हता प्राप्त कर ली है, जिसके लिए प्रवेश मानक: 8.15.00 था.
पदक से चूकीं मीराबाई, चौथे स्थान पर रहीं
मीराबाई चानू ने स्नैच में 88 और क्लीन एवं जर्क में 111 से कुल 199 किग्रा का वजन उठाया. इससे वह महज एक किलोग्राम से पदक से चूक गईं. स्वर्ण पदक की प्रबल दावेदार चीन की मौजूदा ओलंपिक चैंपियन होउ झिहुई ने क्लीन एवं जर्क में ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ पहला स्थान हासिल किया. उन्होंने कुल 206 (स्नैच 89, क्लीन एवं जर्क 117) किग्रा वजन उठाया. रोमानिया की वालेंटिना कैम्बेई 206 (93 और 112) किग्रा से रजत और थाईलैंड की सुरोदचना खाम्बो 200 (88 और 112) किग्रा के वजन से कांस्य पदक जीतने में सफल रहीं.