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Mirabai Chanu Paris Olympics 2024: 'पीरियड का तीसरा दिन और कमजोरी...', मीराबाई चानू ने बताया कैसे फ‍िसला ओलंप‍िक में मेडल

Mirabai Chanu Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंप‍िक में मीराबाई चानू बेहद मामूली अंतर से भारत को वेटल‍िफ्ट‍िंग में मेडल दिलाने से चूक गईं. मीराबाई ने इस दौरान यह बात भी बताई कि आख‍िर वह मेडल से क्यों चूक गईं, इसकी वजह क्या रही.

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Mirabai Chanu Paris Olympics 2024 (PTI)
Mirabai Chanu Paris Olympics 2024 (PTI)

Mirabai Chanu Periods Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक 2024 में 7 अगस्त को वेटलिफ्टिंग में मीराबाई चानू से मेडल की उम्मीद थी, लेकिन वह भी कोई धमाल नहीं कर सकी और मेडल से चूक गईं. मीराबाई क्लीन एंड जर्क के अपने आखिरी प्रयास में 114 किग्रा वजन नहीं उठा सकीं और इस तरह मेडल की रेस से बाहर हो गईं.

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8 अगस्त यानी आज मीराबाई का जन्मद‍िन (30वां) भी था, ऐसे में उनके पास इत‍िहास रचने का मौका था. वहीं यह इवेंट खत्म होने के बाद मीराबाई ने यह भी बताया कि उनके पीर‍ियड का तीसरा दिन था, ऐसे में यह काफी मुश्क‍िल था. 

मीराबाई चानू ने कहा- आज के परफॉरमेंस से बहुत खुश हूं, सभी लोग जानते हैं कि मैंने  काफी इंजरी फेस की है, र‍ियो (2016 ओलंप‍िक) में मेरे साथ क्या हुआ था यह बात सभी का मालूम है. वहां मेरे हाथ से मेडल मिस हो गया था. ऐसा हर ख‍िलाड़ी के साथ होता है.

मीराबाई ने आगे कहा, 'उसके बाद मैं वर्ल्ड चैम्प‍ियन बनी. टोक्यो ओलंप‍िक में मैंने भारत को सिल्वर मेडल दिलाया. इस बार भी मैंने कोश‍िश की, लेकिन इंजरी के कारण, एश‍ियन गेम्स में मेरा क्या हाल हो गया था, यह बात सभी को मालूम है. उसके बाद मैं 4-5 महीने रिहैब में चली गई. पेरिस ओलंप‍िक में बहुत कम टाइम था, मैंने पूरी कोश‍िश की लेकिन ऐसा हो ना सका.' 

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मीराबाई ने पेर‍िस ओलंप‍िक की परफॉरमेंस पर कहा- आज मेरी क‍िस्मत भी खराब थी और फीमेल की प्रॉब्लम (पीर‍ियड) भी था. पीर‍ियड का आज मेरा तीसरा दिन था. जब मैं लास्ट ओलंप‍िक में खेल रही थी तब मेरा उस दौरान पीर‍ियड का दूसरा दिन था. लेकिन मैंने अपनी तरफ से पूरी कोश‍िश की.  इस बार मेडल नहीं दे पाई इसके लिए मैं सबसे माफी मांगती हूं. लेकिन यह मेरी किस्मत में नहीं था.

महज एक किलोग्राम वजन से चूक गई मेडल 
मीराबाई आज (8 अगस्त) को 30 साल की हो गई हैं. ऐसे में अपने बर्थडे पर मीराबाई के पास इतिहास रचने का मौका था, लेकिन वो चूक गईं. 49 किग्रा भार वर्ग में उतरीं मीराबाई ने स्नैच राउंड में बेहतरीन प्रयास किया था और इस राउंड के बाद तीसरे नंबर पर रही थीं. उन्होंने इस राउंड में 88 किग्रा बेस्ट वजन उठाया था. इसके बाद क्लीन एंड जर्क में उनसे काफी उम्मीदें थीं. मगर यहां उन्होंने निराश किया.

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मीराबाई चानू ने स्नैच में 88 और क्लीन एवं जर्क में 111 से कुल 199 किग्रा का वजन उठाया. इससे वह महज एक किलोग्राम से पदक से चूक गईं. स्वर्ण पदक की प्रबल दावेदार चीन की मौजूदा ओलंपिक चैम्पियन होउ झिहुई ने क्लीन एवं जर्क में ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ पहला स्थान हासिल किया. उन्होंने कुल 206 (स्नैच 89, क्लीन एवं जर्क 117) किग्रा वजन उठाया. रोमानिया की वालेंटिना कैम्बेई 206 (93 और 112) किग्रा से रजत और थाईलैंड की सुरोदचना खाम्बो 200 (88 और 112) किग्रा के वजन से कांस्य पदक जीतने में सफल रहीं.

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आखिरी कोश‍िश में मीराबाई नहीं उठा सकीं 114 किग्रा 
क्लीन एंड जर्क के पहले प्रयास में मीराबाई ने 111 किग्रा वजन उठाने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहीं. इसके बाद उन्होंने तुरंत दूसरे ही प्रयास में यह 111 किग्रा वजन उठाया और मेडल की दावेदारी ठोकी. इसके बाद उन्होंने क्लीन एंड जर्क के तीसरे और आखिरी प्रयास में 114 किग्रा वजन उठाना चुना. मगर वो इसे सफलतापूर्वक नहीं उठा सकीं और वो पेरिस ओलंपिक में चौथे नंबर पर रहते हुए बाहर हुईं.

टोक्यो ओलंपिक में मीराबाई ने झटका था सिल्वर
मीराबाई के पास मेडल जीतकर ओलंपिक में इतिहास रचने का मौका था. वो ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाली पहली भारतीय वेटलिफ्टर बन सकती थीं. उनसे पहले कर्णम मल्लेश्वरी ने सिडनी 2000 में ब्रॉन्ज जीता था. उनका यह रिकॉर्ड तो मीराबाई ने टोक्यो में सिल्वर जीतकर ही तोड़ दिया था. 30 साल की मीराबाई चानू ने पिछले यानी टोक्यो ओलंपिक में धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए सिल्वर मेडल जीता था. तब उन्होंने 202 किग्रा (87 किग्रा और 115 किग्रा) वजन उठाकर यह मेडल जीता था. टोक्यो ओलंपिक के बाद उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन राष्ट्रमंडल खेल 2022 में रहा, जहां उन्होंने 201 किग्रा (88 किग्रा और 113 किग्रा) उठाया.

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