भारत के युवा शटलर लक्ष्य सेन ने भारतीय बैडमिंटन के इतिहास में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज करा लिया है. वह ओलंपिक खेलों में मेन्स सिंगल के सेमीफाइनल में क्वालीफाई करने वाले देश के पहले भारतीय पुरुष शटलर बन गए हैं. 22 वर्षीय लक्ष्य सेन ने शुक्रवार (2 अगस्त) को ला चैपल एरिना कोर्ट 1 में ताइवान के चोउ टीएन चेन को 19-21, 21-15, 21-12 से हराया.
बता दें कि पेरिस ओलंपिक में बैडमिंटन में देश की ओर से पदक की एकमात्र उम्मीद अब लक्ष्य सेन ही बची है, क्योंकि इससे पहले दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु महिला सिंगल में राउंड 16 गेम में हार गईं, जबकि सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी पुरुष युगल क्वार्टर फाइनल में हार गए.
ऐसे में उत्तराखंड के अल्मोड़ा में जन्मे शटलर लक्ष्य सेन से सेमीफाइनल में करोड़ों भारतीयों की उम्मीदें हैं. इतिहास रचने के बाद लक्ष्य सेन ने कहा कि वह अपनी ऐतिहासिक उपलब्धि से बहुत खुश हैं, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि उनके लिए असली परीक्षा अब शुरू हो रही है और वह अपना 100% देने की कोशिश करेंगे.
'सेमीफाइनल में अपना 100% देने की कोशिश करूंगा'
लक्ष्य ने कहा कि हां, ये कुछ ऐसा है जो मैंने पहले कभी नहीं किया और ऐसा करके मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. मुझे लगता है कि अभी बहुत काम करना है, असली परीक्षा यहीं से शुरू होगी. उन्होंने कहा कि मैं एक्शन के लिए तैयार होने की कोशिश करूंगा. मैं सिर्फ़ अगले मैच पर फोकस कर रहा हूं और इस मैच में अपना 100% देने की कोशिश करूंगा.
4 अगस्त को सेमीफाइनल में किससे भिड़ेंगे लक्ष्य?
बता दें कि लक्ष्य ने पहला गेम गंवा दिया था, लेकिन उन्होंने दूसरे में वापसी की. फिर निर्णायक गेम को उन्होंने अपने नाम कर सेमीफाइनल में जगह पक्की की. लक्ष्य अब मेडल से सिर्फ एक कदम दूर हैं. लक्ष्य 4 अगस्त को सेमीफाइनल मुकाबले में लोह कीन येव (सिंगापुर) या विक्टर एक्सेलसेन (डेनमार्क) से भिड़ेंगे. इससे पहले सेन ने गुरुवार को पुरुष एकल प्री-क्वार्टर फाइनल में अपने हमवतन एच.एस. प्रणय को 21-12, 21-6 से हराया.