भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज का रोमांच हमेशा से जबर्दस्त रहा है. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट मैच की बात करें तो बाजी ऑस्ट्रेलिया ने मारी है. भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जितने टेस्ट मैच जीते हैं उनमें से सबसे खास पांच जीतें इस प्रकार हैं.
मेलबर्न 1981: इस मैच में कप्तान सुनील गावस्कर ने एलबीडब्ल्यू के गलत दिए गए अंपायर के फैसले का विरोध किया था. चेतन चौहान के साथ सुनील गावस्कर ड्रेसिंग रूम वापस लौट गए हालांकि सुनील गावस्कर वापस आ गए थे. इस मैच में कपिल देव ने दूसरी पारी में पांच विकेट झटक कर ऑस्ट्रेलियाई टीम को 83 रनों पर समेटने में अहम भूमिका निभाई थी. 143 रनों का पीछा करते हुए भारत ने इस मैच में शानदार जीत दर्ज की थी. पहली पारी में गुंडप्पा विश्वनाथ (फोटो में) ने 114 रनों की पारी खेली थी और उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया था.
कोलकाता 2001: टेस्ट क्रिकेट इतिहास की सबसे शानदार जीतों में शुमार है ये जीत. भारत ने फॉलोऑन के बाद मैच में वापसी करते हुए जीत दर्ज की थी. इस मैच के हीरो रहे थे वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़. लक्ष्मण ने दूसरी पारी में 281 रनों की मैराथन पारी खेली थी जबकि उनका साथ टीम इंडिया की दीवार कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ ने बखूबी दिया था. द्रविड़ ने 180 रनों की पारी खेली थी वो भी तब जब वो टेस्ट शुरू होने से पहले वायरल फीयर से जूझ रहे थे. ऑस्ट्रेलिया को इस मैच में 171 रनों की हार झेलनी पड़ी थी. हरभजन सिंह ने इस मैच में कुल 13 विकेट झटके थे. इस जीत के साथ भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर गावस्कर टेस्ट सीरीज 2-1 से जीत ली थी.
चेन्नई 2001: स्टीव वॉ की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को इस मैच में हार का सामना करना पड़ा था. कोलकाता टेस्ट में भारत के लिए मास्टर ब्लास्टर कुछ खास नहीं कर सके थे लेकिन इस मैच में उन्होंने 126 रनों की शानदार पारी खेली. भारत में 155 रनों के लक्ष्य का पीछा दो विकेट शेष रहते कर लिया था. इस मैच में वीवीएस लक्ष्मण ने 66 रनों की ठोस पारी खेली थी और हरभजन सिंह ने कुल 17 विकेट झटके थे. ऑस्ट्रेलिया की ओर से पहली इनिंग में मैथ्यू डेहेन ने 203 रनों की शानदार पारी खेली थी.
एडिलेड 2003: इस मैच में जीत दर्ज कर भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसी की जमीन पर 22 सालों बाद हराया था. रिकी पोंटिंग ने 252 रनों की शानदार पारी खेलकर ऑस्ट्रेलिया का स्कोर पहली पारी में 555 तक पहुंचाया. राहुल द्रविड़ ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 233 रनों की पारी खेली और भारत पहली पारी में महज 33 रनों से पिछड़ा. अजीत अगारकर ने 6 विकेट झटककर ऑस्ट्रेलिया को दूसरी पारी में 196 रनों पर समेट दिया. 230 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए जीत दर्ज की थी. द्रविड़ ने दूसरी पारी में 72 रन बनाए थे.
पर्थ 2008: इस मैच में इरफान पठान ने हरफनमौला प्रदर्शन करके भारत को बढ़िया जीत दिलाई थी. अनिल कुंबले की कप्तानी में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए राहुल द्रविड़ (93) और सचिन तेंदुलकर (71) की पारियों के दम पर 330 रन बनाए. आर पी सिंह ने चार विकेट लेकर पोंटिंग की टीम को 212 रनों पर समेटने में अहम भूमिका निभाई. पठान दूसरी पारी में बल्लेबाजी के लिए ऊपर आए और वीवीएस लक्ष्मण के साथ मिलकर भारत का स्कोर 294 रनों तक पहुंचाया. पठान ने 46 रनों की अहम पारी खेली थी. दूसरी पारी में गेंदबाजी करते हुए पठान ने 53 रन देकर तीन विकेट भी झटके. 413 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम 340 रनों पर सिमट गई थी.