कप्तान उन्मुक्त चंद (नाबाद 111) के शानदार शतक से भारतीय अंडर 19 टीम ने फाइनल में गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को छह विकेट से पराजित कर तीसरी विश्व कप ट्राफी अपने नाम की.
भारत ने इससे पहले मोहम्मद कैफ और विराट कोहली की अगुवाई में क्रमश: 2000 और 2008 में अंडर 19 विश्व कप खिताब अपनी झोली में डाला था.
उन्मुक्त की 111 रन की शानदार नाबाद पारी और विकेटकीपर समित पटेल (नाबाद 62) के साथ उनकी 130 रन की नाबाद साझेदारी से भारत ने उछाल भरी पिच पर 226 रन का यह प्रतिस्पर्धी लक्ष्य 14 गेंद रहते ही हासिल कर लिया.
जूनियर स्तर पर उनकी यह पारी सर्वश्रेष्ठ शतकों में से एक थी जिसमें उन्मुक्त ने 130 गेंद में सात चौके और छह छक्के जमाये.
इससे पहले, भारत ने वर्ष 2002 में मोहम्मद कैफ की अगुआई में पहली बार इस टूर्नामेंट को जीता था जबकि 2008 में विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम ने इस पर कब्जा किया था.
उन्मुक्त ने अपना शतक एलेक्स ग्रेगरी की गेंद पर एक्सट्रा कवर में छक्का लगाकर पूरा किया लेकिन इसका जश्न चुपचाप रहकर ही मनाया क्योंकि वह जानते थे कि अभी काम पूरा नहीं हुआ है.
जब समित ने ऑफ स्पिनर एशटन टर्नर की गेंद को डीप मिडविकेट पर चार रन के लिये भेजा तो कई भारतीय दर्शक टीम के साथ जीत का जश्न मनाने के लिये मैदान पर दौड़ पड़े.
भारतीय टीम ने इस लक्ष्य का पीछा करते हुए चार विकेट खो दिये थे, लेकिन कहीं भी उनके लिये इसे हासिल करना मुश्किल नहीं लगा जो मध्य के ओवरों में थोड़े धीमे जरूर हुए थे लेकिन अंत में उन्होंने आसानी से इसे प्राप्त कर लिया.
प्रशांत चोपड़ा बिना कोई रन बनाये मार्क स्टेकेटी की गेंद पर आउट हो गये. इसके बाद उन्मुक्त और फॉर्म में चल रहे बल्लेबाज बाबा अपराजित (33) ने स्टेकेटी, जोएल पेरिस और गुरिंदर संधू की ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजी तिकड़ी का डटकर सामना करते हुए दूसरे विकेट के लिये 73 रन की भागीदारी की.
उन्मुक्त ने अंत में शानदार बल्लेबाजी की और संधू की गेंद पर दो छक्के जमाये.
दूसरे छोर पर अपराजित ने पेरिस की गेंद पर बेहतरीन हुक शॉट और कुछ खूबसूरत कवर ड्राइव लगाये.
हालांकि संधू ने अपराजित को बाहर खेलने के लिये बाध्य किया और वह शॉर्ट कवर पर एशटन टर्नर को कैच दे बैठे.
तमिलनाडु के इस आलराउंडर ने 38 गेंद में पांच चौकों की मदद से 33 रन बनाये.
हनुमा विहारी (04) और विजय जोल (01) जल्दी ही पवेलियन पहुंच गये लेकिन इस दौरान उन्होंने काफी गेंद भी खपत कर दी. इस समय भारत का स्कोर चार विकेट पर 97 रन था.
तेज गेंदबाजों से सामने जोल की असहजता ने उन्मुक्त को भी निराश कर दिया था जिन्हें स्ट्राइक का ज्यादा मौका नहीं मिल रहा लेकिन भारतीय कप्तान ने 68 गेंद में अपना अर्धशतक पूरा किया.
इस समय मुश्किल परिस्थितियों में समित क्रीज पर उतरे. इस समय रन काफी कठिनाई से बन रहे थे लेकिन दोनों बल्लेबाजों ने एक और दो रन लेकर पारी को संभाला तथा बीच बीच में चौके भी जमाये.
इससे पहले गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया ने खराब शुरुआत के बावजूद आठ विकेट पर 225 रन का प्रतिस्पर्धी स्कोर खड़ा किया.
हालांकि आस्ट्रेलिया का चौथा खिताब हासिल करने का सपना चकनाचूर हो गया .
भारत ने खराब मौसम में टॉस जीतकर क्षेत्ररक्षण का फैसला किया और अपने गेंदबाजों की बदौलत ऑस्ट्रेलिया के 38 रन पर चार विकेट झटक लिये.
लेकिन मेजबान टीम के कप्तान विलियम बोसिस्तो ने नाबाद 87 रन की पारी खेलकर पारी को संभाला जिसमें निचले क्रम ने भी कुछ अहम योगदान दिया.
भारत की ओर से संदीप शर्मा ने 10 ओवर में 54 रन देकर चार विकेट चटकाये जिसमें दो मेडन भी शामिल हैं.
टूर्नामेंट में हालात गेंदबाजों के मुफीद रहे हैं और ऐसी परिस्थितियों को देखते हुए दो बार की चैंपियन भारतीय टीम इससे बेहतर शुरुआत की उम्मीद नहीं कर सकती थी क्योंकि संदीप ने अपने पहले ही ओवर में विकेट हासिल कर लिया.
संदीप ने दोनों सलामी बल्लेबाज कैमरन बैनक्रोफ्ट (02) और जिम्मी पियरसन (00) को अपने पहले स्पैल में आउट किया.