न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज पर भारत ने भले ही 2-0 से कब्जा किया, लेकिन मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के सीरीज की सभी पारियों में क्लीन बोल्ड होने से एक बार ये सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट से संन्यास ले लेना चाहिए? पूरी सीरीज के दौरान सचिन को 3 बार बल्लेबाजी का मौका मिला और तीनों बार वो क्लीन बोल्ड हो गए.
दूसरे टेस्ट मैच की दूसरी पारी में मास्टर ब्लास्टर टिम साउदी की गेंद पर क्लीन बोल्ड हुए. 34 गेंदों में सचिन ने 27 रनों की पारी खेली.
दूसरे टेस्ट की पहली पारी में डग ब्रेसवेल ने सचिन तेंदुलकर को अपना शिकार बनाया. तेंदुलकर महज 17 रनों की पारी अपना विकेट गंवाकर चलते बने.
तेंदुलकर के संन्यास को लेकर कई बार कयास लगाए गए हैं, लेकिन मास्टर ब्लास्टर ने न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज से पहले साफ कर दिया था कि वो फिलहाल संन्यास के बारे में नहीं सोच रहे हैं.
कीवीयों के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में सिर्फ एक पारी में सचिन तेंदुलकर को बल्लेबाजी करने का मौका मिला. तेंदुलकर ट्रेंट बाउल्ट की गेंद को समझने में नाकामयाब रहे और 19 रन बनाकर क्लीन बोल्ड हो गए.
बाउल्ट ने इस विकेट का जमकर जश्न मानाया जबकि सचिन तेंदुलकर के चेहरे पर निराशा साफ झलक रही थी.
तेंदुलकर को क्लीन बोल्ड करना दुनिया के किसी भी गेंदबाज के लिए काफी मुश्किल होता है, ऐसे में कीवी टीम के खिलाफ 3 बार क्लीन बोल्ड होने पर सवाल उठना लाज़मी है.
इस सीरीज के दौरान जहां विराट कोहली, सुरेश रैना, चेतेश्वर पुजारा, एम एस धोनी और वीरेंद्र सहवाग ने अपने बल्ले का दम किसी ना किसी पारी में दिखाया वहीं तेंदुलकर का बल्ला शांत रहा.