ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर का एक उभरता हुआ सितारा नहीं रहा. घरेलू क्रिकेट के एक मैच में बाउंसर लगने से घायल हुए बल्लेबाज फिलिप ह्यूज का अस्पताल में निधन हो गया. 25 साल के ह्यूज गेंद लगने के बाद कोमा में चले गए थे.
ह्यूज के निधन की जानकारी क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने दी. टीम के डॉक्टर पीटर
ब्रूकनेर ने एक बयान जारी करके ये दुखद खबर दी. इसी के साथ क्रिकेट जगत में
शोक की लहर दौड़ गई.
ह्यूज ने ऑस्ट्रेलिया के लिए कुल 26 टेस्ट मैच खेले. इस दौरान उन्होंने 32.65 की औसत से कुल 1535 रन बनाए जिसमें 3 शतक और 7 अर्धशतक शामिल हैं.
जहां तक बल्लेबाजी की शैली का सवाल है, खब्बू ओपनर ह्यूज क्रिकेट की परंपरागत किताब पर ज्यादा अमल नहीं करते थे. या यूं कहें कि उनकी तकनीक क्रिकेट की 'संभ्रांत-शहरी' तकनीक नहीं थी. इसी वजह से ऑस्ट्रेलिया में उनकी तुलना साइमन कैटिच से की जाती रही.
हालांकि अपनी 'देसी' तकनीक से टेस्ट मैचों में काफी रन बटोरे. उनकी विशेषताओं में शामिल थे, पॉइंट पर जोरदार स्लाइस, कवर पर स्लैश और एक पैर पीछे हटाकर खेला जाने वाला टेनिस सरीखा शॉट.
माना जाता था कि फिल ह्यूज छोटी गेंदें खेलते हुए बहुत सहज नहीं होते हैं.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बार वह छोटी गेंदों पर आउट हुए. फिर गेंदबाजों ने
बाउंसर को उनके खिलाफ एक हथियार बना लिया.
फिल ह्यूज ने 25 वनडे मैचों में भी कंगारू टीम का प्रतिनिधित्व किया. वनडे में उन्होंने 35.91 की औसत से 826 रन बनाए.
ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम में एक समय उन्हें मैथ्यू हेडेन के सफल विकल्प के तौर पर देखा गया.
2012-13 में भारत दौरे के दौरान वह स्पिन के खिलाफ संघर्ष करते नजर आए थे. आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलिया के सबसे प्रतिष्ठित घरेलू क्रिकेट
टूर्नामेंट-शेफिल्ड शील्ड के एक मुकाबले के दौरान मंगलवार को सिडनी क्रिकेट
ग्राउंड पर साउथ ऑस्ट्रेलिया टीम के बल्लेबाज फिलिप ह्यूज को सिर में एक
बाउंसर गेंद लगी और वो मैदान पर गिर पड़े.
बॉल लगने से फिलिप को गंभीर चोट आई थी और उन्हें तुरंत हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. गुरुवार सुबह उनकी मौत की दुखद खबर आई.