गोल्ड ने अपनी आत्मकथा ‘गनर माइ लाइफ इन क्रिकेट’ के प्रचार के तहत ‘डेली टेलीग्राफ’ से कहा, ‘अगर आप पीछे मुड़कर देखो तो ऑस्ट्रेलिया दो साल और संभवत: तीन साल पहले ही कंट्रोल से बाहर चला गया, लेकिन इस (गेंद से छेड़छाड़) संदर्भ में नहीं. उनका व्यवहार बेहद औसत इंसान के जैसा था.’