हर बल्लेबाज का सपना होता है कि वो ज्यादा से ज्यादा रन बनाए. खासकर अगर यह रन टेस्ट मैच के हों तो बात ही कुछ और है. लेकिन कई क्रिकेटरों की बल्लेबाजी का स्टाइल टेस्ट के लिए फिट नहीं बैठता. चौंकाने वाली बात यह कि क्रिकेट के इतिहास में ऐसे कई खिलाड़ी पैदा हुए, जिन्होंने वनडे और टी20 फॉर्मेट में जमकर रन बनाए, लेकिन जब भी खेल के सबसे लंबे फॉर्मेट में उनका टेस्ट हुआ, वह विफल रहे.
सुरेश रैना ने अपने पहले ही टेस्ट मैच में शतक ठोंककर धमाकेदार एंट्री की. लेकिन श्रीलंका के खिलाफ बनाया गया वो शतक रैना का पहला और आखरी शतक है. उन्होंने 18 टेस्ट मैचों में 26.48 की औसत से मात्र 768 रन बनाए हैं, वहीं 203 वनडे में रैना के नाम 5051 रन हैं.
युवराज सिंह ने कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से जंग जीत ली. टीम इंडिया को 2011 में वर्ल्ड कप दिला दिया. लेकिन टेस्ट टीम में अपनी जगह न बना सके. वनडे के सबसे खतरनाक और भरोसेमंद खिलाड़ियों में युवराज सिंह का नाम शुमार है, लेकिन टेस्ट फॉर्मेट में ये फुस्स पटाखा साबित हुए. युवी ने भारत के लिए जहां 293 वनडे खेले, वहीं सिर्फ 40 टेस्ट मैचों में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व कर सके.
शिखर धवन ने अपने पहले ही टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक ठोंककर टेस्ट करियर की शानदार शुरुआत की. वनडे में तो इन्होंने शानदार कंसिस्टेंसी दिखाई है, लेकिन टेस्ट मैचों में वो छाप बरकरार नहीं रख पाए हैं. पहले इंग्लैंड और अब ऑस्ट्रेलिया के दौरे में जिस तरह ये फेल हुए इससे सवाल उठने लगे हैं कि क्या ये टेस्ट क्रिकेटर हैं?
अजय जडेजा हमेशा अपनी आक्रामक शैली की बैटिंग और लाजवाब फील्डिंग के लिए जाने गए. जड्डू के नाम से मशहूर टीम इंडिया के इस स्टाइलिश खिलाड़ी ने वनडे में तो बड़े चौके छक्के लगाए, लेकिन टेस्ट मैचों में इनका बल्ला इनसे रूठा रहा. जडेजा ने भारत के 196 वनडे और 15 टेस्ट खेले.
रॉबिन सिंह एक समय टीम इंडिया के सबसे बेहतरीन फिनिशर रहे हैं. कम ही खिलाड़ी ऐसे होते हैं जिनकी गेंदबाजी, बल्लेबाजी और फील्डिंग तीनों शानदार हो, लेकिन उन कम खिलाड़ियों में रॉबिन सिंह का नाम शामिल है. हालांकि उनका ये जलवा इनका वनडे तक ही सीमित रहा. रॉबिन सिंह ने भारत के लिए 136 वनडे खेले, जबकि सिर्फ एक टेस्ट मैच खेल सके.
ऑस्ट्रेलिया के माइकल बेवन को वनडे के ऑल टाइम ग्रेट्स की लिस्ट में रखा जाता है. उस समय दुनिया में इनसे बेहतर फिनिशर किसी टीम के पास नहीं रहा था. वनडे में इस खिलाड़ी ने 53.58 की शानदार औसत से रन बनाए लेकिन टेस्ट क्रिकेट में इनका जलवा बिलकुल नहीं दिखा. बेवन ने जहां 232 वनडे खेले वहीं मात्र 18 टेस्ट मैचों में उन्हें देश की तरफ से खेलने का मौका मिला.
वनडे क्रिकेट के सबसे खतरनाक खिलाड़ियों से एक हैं शाहिद अफरीदी. वनडे में लम्बे समय तक सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड भी इन्हीं के नाम रहा. बूम-बूम अफरीदी के नाम से दुनिया भर में मशहूर इस खिलाड़ी ने जवां दिलों में खूब जगह बनाई. लेकिन टेस्ट में जगह न बना पाए. अफरीदी ने 389 वनडे खेले लेकिन टेस्ट मैच में वे सिर्फ 27 बार ही पाक टीम में जगह बना पाए.
न्यूजीलैंड क्रिकेट के हीरो क्रिस हैरिस की गिनती दुनिया के बेहतरीन ऑलराउंडरों में होती है. लेकिन इस खिलाड़ी का जलवा भी लिमिटेड ओवेर्स क्रिकेट तक ही लिमिटेड रहा. न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच क्रिकेट के मैदान में हमेशा से एक कड़ा मुकाबला रहा है. जो रोल माइकल बेवन ऑस्ट्रेलिया के लिए निभाया करते थे, वहीं काम हैरिस न्यूजीलैंड के लिए किया करते थे. हैरिस ने 250 वनडे और 23 टेस्ट मैच खेले.