इंग्लैंड के खिलाफ पहले वनडे मुकाबले में कप्तान धौनी ने 70 गेंदों का सामना करते हुए 10 चौके और दो छक्के की मदद से नाबाद 87 रन बनाए.
गंभीर ने 33 गेंदों पर चार चौके लगाए. गंभीर को जेड डर्नबैक ने अपनी धीमी गेंद पर पगबाधा आउट किया
मैच की सबसे उपयोगी साझेदारी जडेजा और कप्तान धोनी के बीच छठे विकेट के लिए 65 रनों की हुई. इन दोनों बल्लेबाजों ने मात्र 43 गेंदों पर इतने रन बटोरकर भारत को सम्मानजनक योग दिलाने में अहम भूमिका निभाई.
पार्थिव पटेल दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से रनआउट हुए. आजिंक्य रहाणे की बल्ले से निकला एक स्ट्रेट ड्राइव स्टीव फिन के हाथों को चूमता हुआ स्टंप से जा टकराया. इस वक्त पार्थिव क्रीज में मौजूद नहीं थे. और वे टीवी अंपायर द्वारा रनआउट करार दिए गए.
कोहली की पारी इतनी सूझबूझभरी रही कि उन्होंने 63 गेंदों का सामना किया लेकिन एक भी चौका नहीं लगा सके. कोहली और गंभीर ने तीसरे विकेट के लिए 27 रन जोड़े और रैना के साथ चौथे विकेट के लिए 44 रनों की साझेदारी की.
पार्थिव पटेल सस्ते में आउट हो गए. हालांकि वे दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से रनआउट हुए. उनके रूप में टीम इंडिया को पहला झटका लगा.
सुरेश रैना ने 61 रन की तूफानी पारी के लिए मात्र 55 गेंद खर्चे. इस दौरान उन्होंने पांच चौके और दो छक्के जड़े.
वर्ष 2005 में दाम्बुला में पहला एकदिवसीय मैच खेलने वाले रैना से पहले 16 भारतीय बल्लेबाज एकदिवसीय मैचों में 3000 या उससे अधिक रन बना चुके हैं.
हाथों में तिरंगा लिए भारतीय क्रिकेट टीम का मनोबल बढ़ाता हुआ एक दर्शक.
कोहली और गंभीर ने तीसरे विकेट के लिए 27 रन जोड़े. वहीं रहाणे के साथ पहले विकेट के लिए 35 रन जोड़े. गंभीर को जेड डर्नबैक ने अपनी धीमी गेंद पर पगबाधा आउट किया
कोहली और गंभीर ने तीसरे विकेट के लिए 27 रन जोड़े.कोहली और रैना के बीच चौथे विकेट के लिए 44 रनों की साझेदारी हुई.
अपने होम टाउन हैदराबाद में भारतीय क्रिकेट टीम का हौसलाफजाही करने टेनिस सुपर स्टार सानिया मिर्जा.
भारत की इस शानदार जीत के सूत्रधार कप्तान महेंद्र सिंह धोनी रहे जिन्होंने 70 गेंद पर नाबाद 87 रन की पारी खेलकर टीम को बेजान शुरुआत से उबारकर सात विकेट पर 300 रन के मजबूत स्कोर तक पहुंचाया.
धोनी ने अपनी पारी के दौरान रैना (55 गेंद पर 61 रन) के साथ 72 और जडेजा (27) के साथ 65 रन की उपयोगी साझेदारियां भी की.
भारत को हाल में इंग्लैंड दौरे में चारों टेस्ट मैच के अलावा एकदिवसीय श्रृंखला और ट्वेंटी 20 मैच में हार झेलनी पड़ी थी. भारत ने इससे पहले इंग्लैंड पर आखिरी जीत नवंबर 2008 में कटक में दर्ज की थी.
भारत को पहली सफलता तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार ने दिलाई उन्होंने कीसवेटर का विकेट झटका.
इंग्लैंड कप्तान एलिस्टेयर कुक (60) ने शुरू में उम्मीदें जगायी लेकिन इंग्लैंड ने स्पिन आक्रमण के सामने आखिरी आठ विकेट 63 रन के अंदर गंवा दिये.
केविन पीटरसन तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिये उतरे और जब लग रहा था कि उन्होंने क्रीज पर पांव जमा लिये तब जडेजा के सीधे थ्रो ने उन्हें रन आउट कर दिया.
साइड स्क्रीन के आसपास हो रही गतिविधियों से हो रही परेशानी से पीटरसन ने धोनी को रूबरू कराया.
जडेजा ने अपने लगातार तीन ओवर में कुक, ट्रॉट और जानी बेयरस्टॉ के विकेट लिये जबकि अश्विन ने रवि बोपारा को पवेलियन की राह दिखायी.
उप्पल स्थित राजीव गांधी स्टेडियम में शुक्रवार को पहले एकदिवसीय मुकाबले में भारत ने इंग्लैंड को 126 रन से पराजित कर दिया.
जडेजा ने जाडे डर्नबाक को बोल्ड करके उप्पल के राजीव गांधी स्टेडियम में दीवाली का माहौल बना दिया.
जडेजा ने ट्रॉट (42 गेंद पर 26 रन) को बोल्ड किया और फिर बेयरस्टॉ का अपनी ही गेंद पर कैच करके स्कोर छह विकेट पर 126 रन कर दिया.
आर आश्विन ने अच्छी फॉर्म में चल रहे बोपारा का कीमती विकेट लिया. बोपारा उनकी लूप लेती गेंद को नहीं समझ पाये और शॉट लगाने की जल्दबाजी में वापस कैच दे बैठे थे.
इंग्लिश टीम को सात रन के कुल योग पर पहला झटका लगा था. भारत के स्ट्राइक गेंदबाज प्रवीण ने सलामी बल्लेबाज कीसवेटर (7) को कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के हाथों कैच कराया.
आर आश्विन ने अच्छी फॉर्म में चल रहे बोपारा का कीमती विकेट लिया. बोपारा उनकी लूप लेती गेंद को नहीं समझ पाये और शॉट लगाने की जल्दबाजी में वापस कैच दे बैठे थे.
भारत के 7 विकेट पर 300 रन के जवाब में बल्लेबाजी
करने उतरी इंग्लैंड की टीम 36.1 ओवर में 174 रन ही बना सकी. इंग्लैंड की ओर से एलिस्टर कुक ने 60 और जोनाथन ट्रॉट ने 26 रन बनाए.
भारत ने पहले एकदिवसीय क्रिकेट मैच में 126 रन की जोरदार दर्ज की और लगभग एक महीने के अंदर ही अपमानजनक हार का बदला चुकता करने की मजबूत नींव रखी.
आश्विन ने टिम ब्रेसनन को भी अधिक देर तक नहीं टिकने दिया जबकि बल्लेबाजी पावरप्ले के शुरुआती ओवर में ही उमेश यादव ने ग्रीम स्वान और समित पटेल की गिल्लियां बिखेरी.
क्रेग कीसवेटर का विकेट झटकने के बाद प्रवीण कुमार के जश्न मनाने का अंदाज निराला था.