भारत का बदले की श्रृंखला में इंग्लैंड को बैरंग स्वदेश भेजने का सपना पूरा नहीं हो पाया.
भारतीय बल्लेबाज पहले ईडन गार्डन्स की धीमी पिच पर नहीं चल पाये और बाद में रही सही कसर केविन पीटरसन ने पूरी कर दी, जिससे इंग्लैंड एकमात्र ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच में छह विकेट से जीत दर्ज करके प्रतिष्ठा बचाने में कामयाब रहा.
भारत ने एकदिवसीय श्रृंखला में 5-0 से क्लीन स्वीप किया था, लेकिन ट्वेंटी-20 की हाल में जारी रैंकिंग में शीर्ष पर काबिज इंग्लैंड ने इस छोटे प्रारूप में अपनी काबिलियत फिर से साबित की.
भारतीय टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए नौ विकेट पर 120 रन ही बना पायी.
इंग्लैंड ने 18.4 ओवर में चार विकेट पर 121 रन बनाकर आसानी से मैच अपने नाम किया.
इससे पहले धोनी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला करने से पहले कुछ सोचा था.
उनका यह फैसला आखिर में गलत साबित हुआ, क्योंकि शुरुआती आठ गेंद और पांच रन के अंदर भारत के दोनों सलामी बल्लेबाज अजिंक्या रहाणे और रोबिन उथप्पा पवेलियन पहुंच गये थे जबकि बाद में 13वें ओवर से लेकर 33 गेंद तक बाउंड्री नहीं लगी.
रैना ने फिन के अगले ओवर की आखिरी गेंद छह रन के लिये भेजी जबकि कोहली (16 गेंद पर 15) ने ब्रेसनन पर दो चौके जमाये.
इस गेंदबाज के अगले ओवर में हालेस ने हालांकि लंबी दौड़ लगाकर कोहली को कैच आउट कर दिया.
रैना और अपना पहला ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल रहे मनोज तिवारी ने चौथे विकेट के लिये 32 गेंद पर 40 रन की साझेदारी की.
इस बीच जब इंग्लैंड के कप्तान ग्रीम स्वान गेंदबाजी के लिये आये तो रैना ने उनके पहले ओवर में ही 16 रन बटोरे जिसमें डीप मिडविकेट पर लगाया गया छक्का भी शामिल है.
नौ गेंद के अंदर तिवारी और रैना के अलावा जडेजा के विकेट गंवाने से भारत बैकफुट पर चला गया.
तिवारी (17 गेंद पर 15 रन) को पटेल ने बोल्ड किया जबकि फिन ने अपने अगले ओवर में रैना को प्वाइंट पर कैच कराने के बाद जडेजा की गिल्लियां बिखेरी.
रैना ने 29 गेंद खेली तथा चार चौके और दो छक्के लगाये. आठवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिये पठान (10 रन) को बोपरा ने स्विंग लेती गेंद पर बोल्ड करने के बाद प्रवीण कुमार की गिल्लियां भी बिखेरी.
पारी का यह 17वां ओवर मेडन भी रहा था. आर अश्विन (नाबाद 17) ने 19वें ओवर में दो चौके जड़े जबकि धोनी ने अंतिम गेंद पर रन आउट होने से पहले लांग आन पर छक्का जमाया.
पीटरसन ने ईडन गार्डन्स के आधे भरे स्टेडियम में स्विच हिट सहित अपने शाट का जानदार नमूना पेश किया तथा 39 गेंद पर 53 रन की पारी खेली.
उन्होंने पांच चौके और तीन छक्के लगाये और इस बीच समित पटेल (21) के साथ तीसरे विकेट के लिये 60 रन की साझेदारी की.
इंग्लैंड की इस जीत में हालांकि उसके तेज और मध्यम गति के गेंदबाजों स्टीवन फिन (22 रन देकर तीन विकेट), टिम ब्रेसनन (19 रन देकर दो विकेट) और रवि बोपारा (16 रन देकर दो विकेट) का भी अहम योगदान रहा.
भारत की तरफ से केवल सुरेश रैना (39) ही कुछ विश्वसनीय शाट लगा पाये. कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 26 गेंद पर 21 रन बनाये.
दूसरे स्पिनर हालांकि उनकी तरह बल्लेबाजों पर अंकुश नहीं लगा पाये.
पठान पावरप्ले के बाद जब अपना दूसरा ओवर करने आये तो तब पीटरसन ने जिस तरह से स्विच हिट पर छक्का जड़ा उससे उनका आत्मविश्वास साफ दिखा.
इस ओवर में 12 रन बने लेकिन अंतिम गेंद पर एलेक्स हालेस (11) मिडविकेट पर कैच भी दे गये.
पठान के अगले ओवर में 16 रन बनने से इंग्लैंड पर दबाव नहीं बन पाया. उनके इस ओवर में पीटरसन ने लगातार गेंद पर छक्का और चौका जमाया.
जब दूसरे तेज गेंदबाज आर विनयकुमार आये तो पटेल ने उन पर छक्का जड़ा.
धोनी ने दसवें ओवर में प्रवीण कुमार के रूप में मध्यम गति के गेंदबाजों को आजमाया लेकिन पीटरसन ने उनका स्वागत दो चौकों से किया.
धोनी ने 15वें ओवर में विराट कोहली और फिर रैना को गेंद सौंपी जिन्होंने क्रमश: पटेल और पीटरसन को आउट किया लेकिन तब तक बड़ी देर हो चुकी थी.
बोपारा (नाबाद 15) ने टीम को सहजता से लक्ष्य तक पहुंचा दिया.
भारत का बदले की श्रृंखला में इंग्लैंड को बैरंग स्वदेश भेजने का सपना पूरा नहीं हो पाया.
भारतीय बल्लेबाज पहले ईडन गार्डन्स की धीमी पिच पर नहीं चल पाये और बाद में रही सही कसर केविन पीटरसन ने पूरी कर दी, जिससे इंग्लैंड एकमात्र ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच में छह विकेट से जीत दर्ज करके प्रतिष्ठा बचाने में कामयाब रहा.
भारतीय टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए नौ विकेट पर 120 रन ही बना पायी. इंग्लैंड ने 18.4 ओवर में चार विकेट पर 121 रन बनाकर आसानी से मैच अपने नाम किया.
ट्वेंटी-20 की हाल में जारी रैंकिंग में शीर्ष पर काबिज इंग्लैंड ने इस छोटे प्रारूप में अपनी काबिलियत फिर से साबित की.
भारत ने एकदिवसीय श्रृंखला में 5-0 से क्लीन स्वीप किया था.