इंग्लैंड ने भारत के खिलाफ तीसरे क्रिकेट टेस्ट के पांचवें और अंतिम दिन 41 रन के लक्ष्य को तीन विकेट गंवाकर हासिल करते हुए चार मैचों की सीरीज में 2-1 की अजेय बढ़त बना ली.
भारत को घरेलू सरजमीं पर लगातार दूसरी शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा. पांचवें दिन नौ विकेट पर 239 रन से आगे खेलने उतरी भारतीय पारी दिन के दूसरे ओवर में ही 247 रनों पर सिमट गई.
पांचवें दिन टीम इंडिया ने सिर्फ 10 गेंद में आठ रन जोड़कर अपना अंतिम विकेट भी गंवा दिया.
भारत की ओर से आर अश्विन ने सर्वाधिक नाबाद 91 रन बनाए. अश्विन ने काफी धर्य के साथ बल्लेबाजी की और अपने दूसरे टेस्ट शतक की ओर बढ़ रहे थे लेकिन दूसरे छोर पर अन्य बल्लेबाज उनका बखूबी साथ नहीं निभा पाए.
आर अश्विन ने शानदार पारी खेली लेकिन उनकी 91 रनों की नाबाद पारी भारत को हार से बचाने के लिए नाकाफी रही.
अपनी पारी के दौरान अश्निन ने 157 गेंदों का सामना करते हुए 15 चौके जड़े.
हालांकि अश्विन अपना दूसरा टेस्ट शतक जड़ने से चूक गए. उनको दूसरे छोर से किसी भी बल्लेबाज का साथ नहीं मिला.
अश्विन की अर्धशतकीय पारी ने ही भारत को पारी की हार से बचाया.
भारत ने पहली पारी में 316 रन बनाए थे जिसके जवाब में इंग्लैंड ने 523 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया था. पहली पारी में 207 रन की बढ़त हासिल करने वाले इंग्लैंड को इस तरह जीत के लिए सिर्फ 41 रन का लक्ष्य मिला.
इंग्लैंड की ओर से जेम्स एंडरसन ने 38 जबकि फिन ने 45 रन देकर तीन-तीन विकेट चटकाए. ग्रीम स्वान ने दो जबकि मोंटी पनेसर ने एक विकेट हासिल किया.
इंग्लैंड के गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के आगे टीम इंडिया के दिग्गज बल्लेबाज भी कुछ कर नहीं सके.
कप्तान धोनी का विकेट लेने की खुशी एंडरसन के चेहरे पर साफ दिखी.
इंग्लैंड ने इसके साथ ही 28 साल में भारत में पहली सीरीज जीतने की ओर मजबूत कदम बढ़ाए. इंग्लैंड ने भारत में पिछली सीरीज 1984-85 में जीती थी जब डेविड गावर की अगुआई वाली टीम ने 2-1 से सीरीज अपने नाम की थी.
दूसरी तरफ भारत ने 1999-2000 सत्र के बाद अपनी सरजमीं पर पहली बार लगातार दो टेस्ट मैच गंवाएं हैं, तब दक्षिण अफ्रीका ने भारत को मुंबई और बैंगलोर में हराकर दो टेस्ट मैचों की सीरीज 2-0 से जीती थी.
भारत को इससे पहले मुंबई में दूसरे टेस्ट में भी 9 विकेट की शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था. मुंबई और कोलकाता दोनों जगह भारतीय बल्लेबाज और गेंदबाज दोनों नाकाम रहे जिससे कुछ खिलाड़ियों को बदलने की मांग तेज हो गई.
ओझा ने इसके बाद ट्राट को पगबाधा आउट किया जबकि अश्विन ने पीटरसन को धोनी के हाथों कैच कराया जिससे इंग्लैंड का स्कोर तीन विकेट पर आठ रन हो गया.
भारत ने इंग्लैंड की दूसरी पारी में सिर्फ अश्विन और प्रज्ञान ओझा की स्पिन जोड़ी से गेंदबाजी कराई और उसे शुरुआती सफलता भी मिली लेकिन इसके बाद इंग्लैंड ने लक्ष्य को हासिल कर लिया.