सोमवार को अमेरिका से कैंसर का इलाज कराकर देश लौटे युवराज सिंह ने अपनी बीमारी के बारे में प्रेस को बताया.
युवराज ने बताया कि शुरुआत में कैंसर का पता चल जाना अच्छा रहा.
युवराज को विश्वकप के दौरान भी खांसी और तकलीफें होती थी.
युवराज ने कहा कि भारत लौटकर उन्हें अच्छा लग रहा है.
बाएं हाथ के इस क्रिकेटर ने कहा कि मेरी बीमारी के वक्त मेरी मां हमेशा मेरे साथ रहती थी.
युवराज ने इस मौके पर कहा कि मैं अपनी दोस्तों का शुक्रिया अदा करता हूं
युवराज के डॉक्टर नितेश ने कहा कि वह युवराज की बीमारी पर हमेशा निगाह रखे हुए थे.
शुरू में युवराज को विश्वास ही नहीं हुआ था कि उन्हें कैंसर है.
युवराज ने बताया कि उन्हें मशहूर साइकिलस्ट आर्मस्ट्रांग से खूब प्रेरणा मिली.
कैंसर में सोच हमेशा अपनी सकारात्मक रखनी होती है.
बीमारी के वक्त खांसने पर युवरा को मुंह से खून भी आता था.
युवराज ने बातों-बातों में कहा कि मैंने किसी को नहीं बताया कि मुझे तकलीफ है.
बीमारी से लड़ने के लिए अपनी सोच सकारात्मक रखनी होती है.
युवराज ने कहा कि अब मैं बहुत खुश और संतुष्ट हूं.
युवी ने बताया कि कैंसर का पता शुरू में ही चल जाने से बीमारी को खत्म करने में आसानी हुई.
युवराज ने कहा कि मैं अपनी तुलना आर्मस्ट्रांग से नहीं कर सकता हूं.
एक सवाल के जवाब में युवराज ने कहा कि मुझे नहीं पता कि मैं मैदान में वापस आकर क्या कर पाऊंगा.
युवराज के डॉक्टर नितेश ने कहा कि वह युवराज की बीमारी पर हमेशा निगाह रखे हुए थे.
कामयाब इलाज के बाद युवराज सिंह भारत आकर खुश हैं.
युवराज ने कहा कि वो चाहते हैं कि वह फिर से देश के लिए खेलें.
युवराज को डॉक्टरों ने आराम के लिए कहा है और उन्हें फिर से मैदान में उतरने के लिए 2 महीने का समय चाहिए.
युवराज ने बताया कि डॉक्टरों को यह जांचने में 6 महीने का समय लगा कि कैंसर है या नहीं.