केन्या में मसाई समुदाय को पहली बार पारंपरिक लिबास में मिली है क्रिकेट खेलने की इजाजत.
यह टीम लास्ट मैंस स्टैंड टूर्नामेंट में 31 मार्च को खेलेगी मैच.
केपटाउन में 31 मार्च को होने वाले मैच के लिए टीम कर रही है कड़ा अभ्यास.
पारंपरिक परिधानों में मैदान पर ये खिलाड़ी किसी योद्धा से कम नहीं लगते.
मैदान पर जब मसाई समुदाय के क्रिकेटर उतरेंगे तो नजारा अनोखा होगा.
क्रिकेट को विश्व के विभिन्न क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए उठाए गए कदमों को केन्या मसाई समुदाय के खेलने से मजबूती मिलेगी.
ब्रिटिश कॉलनी होने की वजह से केन्या में क्रिकेट खेलने का प्रचलन चला.
इस टीम के खिलाड़ी कहते हैं कि यह खेल उनके लिए बहुत आसान है क्योंकि गेंद फेकना भाला फेकने के समान है.
मसाई समुदाय के ये लोग अपने पारंपरिक परिधानों में मैदान पर किसी योद्धा से कम नहीं लगते.
टीम के खिलाड़ियों का कहना है कि वे अपने समुदायों में क्रिकेट के माध्यम से आदिवासी युवाओं के बीच स्वस्थ जीवन शैली और एचआईवी (एड्स) के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने की कोशिश करना चाहते है.
मसाई समुदाय के लिए अलग होंगे क्रिकेट के नियम.
केपटाउन में 31 मार्च को होने वाले मैच के लिए टीम कर रही है कड़ा अभ्यास.