पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच खेली जाने वाली तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में फ्रंट फुट तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. आईसीसी ने बुधवार को इस बात की पुष्टि की. सीरीज का पहला टेस्ट बुधवार से मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में खेला जाएगा. यह मैच भारतीय समयानुसार शाम 3.30 बजे शुरू होगा.
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आईसीसी ने एक बयान में कहा, 'आईसीसी टेस्ट चैम्पियनशिप के अंतर्गत इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच होने वाली तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में फ्रंट फुट नो बॉल तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. टेस्ट क्रिकेट में भविष्य में इस तकनीक का इस्तेमाल करने का फैसला लेने से पहले इस सीरीज में इसके प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी.'
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इस तकनीक के तहत हर गेंद के बाद टीवी अंपायर देखेगा कि गेंदबाज का पैर कहां पड़ा है और अगर नो बॉल है तो मैदानी अंपायर को इस बात की जानकारी देगा.
Front foot no-ball technology to be used in ICC World Test Championship series featuring England and Pakistan, with the support of both teams.#ENGvPAK | #WTCpic.twitter.com/M3G2LjChr4
मैदानी अंपायर फ्रांट फुट नो बॉल को लेकर तब तक कोई फैसला नहीं देगा जब तक टीवी अंपायर आदेश नहीं दे देता, वह हालांकि मैदानी फैसलों के लिए जिम्मेदार होगा.
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अगर इसे लेकर किसी तरह की शंका होती है तो गेंदबाजों को इसका फायदा मिलेगा और अगर देर से नो बॉल दी जाती है तो मैदानी अंपायर अपने आउट देने (अगर बल्लेबाज को आउट दिया गया हो तो) के फैसले को बदलेगा और नो बॉल देगा.