दक्षिण कोरियाई शहर इंचियोन ने 15 दिन तक चले एशियाई खेलों के बाद शनिवार को चमचमाते समापन समारोह में 45 देशों के एथलीटों और अधिकारियों को ‘गुडबाय’ कहा. इसके साथ ही 17वें एशियाई खेल समाप्त हो गए.
इंचियोन में शनिवार को एशियाई खेलों की लौ बुझा दी गई और इसके साथ ही पटाखों की आतिशबाजी ढाई घंटे तक चले समापन समारोह को रोशन करती रही.
विश्व खेलों के ‘पावरहाउस’ चीन ने लगातार नौंवी बार पदक तालिका में शीर्ष स्थान कायम रखा, जिसमें उसने 151 गोल्ड के साथ कुल 342 पदक हासिल किए. चीन के कुल पदक चार साल पहले ग्वांग्झू से 48 कम हैं.
भारत ने कुल 57 पदक हासिल किए, जिसमें 11 गोल्ड, 10 सिल्वर और 36 ब्रॉन्ज शामिल हैं. चार साल पहले भारत 14 गोल्ड, 17 सिल्वर और 34 ब्रॉन्ज से छठे स्थान पर रहा था.
सांस्कृतिक कार्यक्रम के बीच में विभिन्न देशों के एथलीट मिश्रित ग्रुप में आए, जो उत्सव का हिस्सा थे और इस माहौल में रम गए. भाग ले रहे देशों के खिलाड़ियों का इस तरह से प्रवेश करना अच्छा रहा और इन खेलों की थीम ‘वन एशिया’ के साथ पूरी तरह फिट रहा.
समारोह के पहले हिस्से में कोरिया की राष्ट्रीय नृत्य कंपनी ‘रेनबो कोएर’, राष्ट्रीय गुगाक सेंटर डांस ग्रुप के प्रदर्शन और कोरिया की पारंपरिक मार्शल आर्ट ताइक्वांडो ने सभी को बांध दिया और इसके बाद सेरोटोनिन क्लब ड्रमर्स ने भी शानदार प्रदर्शन किया.
खेलों की अच्छी यादों को ताजा करते हुए रेनबो कोएर ने एक गाना गाया, जिसमें एशियाई मित्रों के लिए शांति और प्रशंसा का संदेश था.
कोरिया की राष्ट्रीय डांस कंपनी की सात महिलाओं ने पारंपरिक नृत्य ‘चुंगसांघवा’ का मंचन किया. इसके बाद राष्ट्रीय गुकाक सेंटर के 28 सदस्यों ने कोरियाई पारंपरिक नृत्य को कायम रखते हुए ‘सो-गो’ परफोर्म किया जो ड्रम की थाप पर नृत्य होता है और इसने दर्शकों को रोमांचित कर दिया.
स्टेडियम में विशाल स्क्रीन पर जीत और हार की सुर्खियां दिखायी गयीं और इसमें दर्शकों की प्रतिक्रिया से लेकर खेल उपलब्धियां भी शामिल थीं.
एक अन्य वीडियो में इंचियोन के लोगों द्वारा मेहमानों के लिए आदर सत्कार के भाव को दिखाया गया.
सेरोटोनिन ड्रम क्लब ने विभिन्न देशों के एथलीटों के ग्रुप में प्रवेश से पहले ‘ड्रम बिटिंग शो’ परफॉर्म किया.
सांस्कृतिक गान और डांस शो के बाद एथलीटों के प्रदर्शन में योगदान देने वाले पुरुष और महिलाओं के योगदान का वीडियो प्रदर्शित किया गया जिसमें कोच, ट्रेनर और फिजियो शामिल हैं.
1951 में नई दिल्ली में आयोजित पहले एशियाड की मशाल और ध्वज जकार्ता में 2018 में होने वाले अगले खेलों के प्रतिनिधियों को सौंपी गई.