बर्मिंघम में खेले गए आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मैच में इंग्लैंड को 5 रन से हराकर भारत ने चैंपिसंय ट्रॉफी पर कब्जा कर लिया.
टीम इंडिया के 129 रन के जवाब में इंग्लैंड की पूरी टीम निर्धारित 20 ओवर में 8 विकेट खोकर 124 रन ही बना सकी.
रविंद्र जडेजा को उनके शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया.
रविंद्र जडेजा को टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने के लिए गोल्डन बॉल से भी नवाजा गया.
वर्ष 2011 में विश्व चैंपियन बना भारत इस तरह ऑस्ट्रेलिया के बाद पहली टीम बना जिसने विश्व कप और चैंपियंस ट्रॉफी लगातार जीते.
सलामी बल्लेबाज शिखर धवन को लगातार अच्छे परफॉर्मेंस के लिए मैन ऑफ द सीरीज और गोल्डन बैट से नवाजा गया.
भारत इससे पहले 2002 में श्रीलंका के साथ संयुक्त विजेता रहा था.
पूरे टूर्नामेंट में भारत अविजित रहा और उसने अपने चारों मैच जीते.
जहां पिछले मैचों में भारतीय बल्लेबाज़ों और गेंदबाज़ों दोनों ने ही बढ़िया प्रर्दशन किया, वहीं फ़ाइनल में गेंदबाज़ों का पलड़ा भारी रहा.
इशांत शर्मा ने 36 रन देकर दो विकेट हासिल किए.
धोनी ने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में इंग्लैंड को हराने के बाद कहा कि उनकी टीम दबाव को बेहतर तरीके से झेलने में सफल रही जो काफी महत्वपूर्ण साबित हुआ.
धोनी ने भारत की पांच रन की जीत के बाद कहा, ‘जब हम बल्लेबाजी कर रहे थे तो मैंने बल्लेबाजों से कहा कि 130 के करीब तक लेकर जाओ. बाद में हमें बारिश से भी मदद मिली क्योंकि बाद में गेंद ग्रिप करने लगी थी.’
भारतीय कप्तान ने कहा कि कम स्कोर वाले मैच में दबाव से निपटना अहम साबित हुआ. धोनी ने कहा, ‘सकारात्मक रहना अहम था. मैंने टीम से कहा कि हम नंबर एक टीम हैं और इसी तरह खेलकर दिखाएंगे.'
मैच के बाद धोनी ने कहा, 'मुझे पता था कि पावर प्ले के दो ओवर अहम होंगे और मैं चाहता था कि वे स्पिनरों के खिलाफ स्लॉग करें.’
धोनी ने कहा, ‘हम दबाव से काफी अच्छी तरह निपटे. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लोग तकनीक के बारे में बात करते हैं लेकिन मुझे लगता है कि जो दबाव से बेहतर तरीके से निपटते हैं वे सफल रहते हैं. आज हमने ऐसा ही किया.’
आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में सर्वाधिक रन बनाने के लिए गोल्डन बैट का पुरस्कार जीतने वाले शिखर धवन ने अपने इस पुरस्कार को उत्तराखंड में बाढ़ में जान गंवाने वाले लोगों को समर्पित किया.
टीम इंडिया ने अब वर्ल्ड क्रिकेट पर धाक जमा ली है.
खिताब जीतने के बाद टीम इंडिया ने जमकर जश्न मनाया.
ईशांत शर्मा हालांकि सबसे महंगे भारतीय गेंदबाज़ साबित हुए लेकिन 18वें ओवर में लगातार दो गेंदों पर दो विकेट लेकर उन्होंने फ़ाइनल का रुख बदल दिया.
इशांत शर्मा (36 रन पर दो विकेट) ने मोर्गन और बोपारा को लगातार गेंदों पर पवेलियन भेज दिया जो मैच का निर्णायक पल साबित हुआ.
इंग्लैंड को 2004 की तरह इस बार भी फाइनल में हार का सामना करना पड़ा.
धोनी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वही टीम इंडिया के अब तक के सर्वश्रेष्ठ कप्तान हैं.
टीम इंडिया ने लक्ष्य का पीछा करने उतरे अंग्रेजों पर शुरू से ही दबाव बना लिया.
स्टाइलिश विराट कोहली जीत के बाद गंगनम स्टाइल डांस करते दिखे.
इंग्लैंड को 2004 में भी उसकी सरजमीं पर ही वेस्टइंडीज ने फाइनल में हराया था. इंग्लैंड 50 ओवर के विश्व कप के फाइनल में भी तीन बार शिकस्त खा चुका है.
टूर्नामेंट के चार मैचों में कम से कम अर्धशतकीय साझेदारी करने वाली शिखर धवन और रोहित शर्मा की जोड़ी फाइनल में नाकाम रही.
रवि बोपारा ने 30 रन की पारी खेली.
इयोन मोर्गन ने (33) और रवि बोपारा (30) ने पांचवें विकेट के लिए 64 रन जोड़कर इंग्लैंड को जीत की दहलीज तक पहुंचा दिया था.
हालांकि टॉस सही समय पर हुआ था लेकिन उसके बाद बारिश की वजह से मैच छह घंटे तक नहीं खेला जा सका.
इंग्लैंड ने टॉस जीतकर भारत को पहले बल्लेबाजी करने के लिए आमंत्रित किया.
विराट कोहली ने 34 गेंद में 4 चौकों और 1 छक्के की मदद से 43 रन की पारी खेली.
भारतीय पारी दो बार बारिश की वजह से बाधित हुई.
धवन ने मैच के बाद कहा, ‘मैं यह पुरस्कार स्वदेश में उन लोगों को समर्पित करना चाहता हूं जिन्होंने बाढ़ में अपनी जान गंवा दी. मैं उनके लिए प्रार्थना करता हूं.’ धवन ने टूर्नामेंट के पांच मैचों में 90.75 की औसत से सर्वाधिक 363 रन बनाए, जिसके लिए उन्हें गोल्डन बैट का पुरस्कार दिया गया.
कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (0) बोपारा की गेंद पर गैर जिम्मेदाराना शॉट खेलकर पवेलियन लौटे.
रवींद्र जडेजा (25 गेंद में नाबाद 33) के साथ 5.3 ओवर में 47 रन की साझेदारी करके टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया.
रवींद्र जडेजा और कोहली उस समय क्रीज पर उतरे, जब टीम 66 रन पर 5 विकेट गंवाने के बाद संकट में थी.
टीम इंडिया एजबेस्टन की नम पिच पर तेजी से रन बटोरने में नाकाम रही.
टूर्नामेंट के चार मैचों में कम से कम अर्धशतकीय साझेदारी करने वाली शिखर धवन और रोहित शर्मा की जोड़ी फाइनल में नाकाम रही.
रोहित 14 गेंद में सिर्फ नौ रन बनाने के बाद स्टुअर्ट ब्राड की गेंद पर बोल्ड हुए. भारत पावरप्ले के चार ओवर में एक विकेट पर 19 रन ही बना सका.
शिखर धवन ने अपनी पारी में कुछ शॉट्स जरूर खेलें.
दिनेश कार्तिक भी 11 गेंद में छह रन बनाने के बाद ट्रेडवेल की गेंद को हवा में लहरा गए और इयोन मोर्गन ने आसान कैच लपका.
सुरेश रैना 1 ही रन बना पाए.
भारतीय टीम में कोई बदलाव नहीं था लेकिन इंग्लैंड ने स्टीव फिन की जगह टिम ब्रेसनन को टीम में जगह दी.
भारत के लिए विराट कोहली ने सबसे ज़्यादा 43 रन बनाए. एंडरसन ने विराट कोहली को आउट किया.
इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया लेकिन भारतीय बल्लेबाजों के क्रीज पर उतरने से पहले ही बारिश आ गई. इसके बाद मैच साढ़े छह घंटे से भी अधिक के विलंब के बाद शुरू हुआ जिसके कारण इसे 20-20 ओवर का कर दिया गया.
अश्विन ने बल्ले से तो नहीं, लेकिन गेंदबाजी से कमाल दिखाया.
लक्ष्य का पीछा करने उतरे इंग्लैंड ने दूसरे ओवर में ही कप्तान एलिस्टेयर कुक (02) का विकेट गंवा दिया जिन्होंने उमेश यादव की गेंद पर स्लिप में अश्विन को कैच थमाया.
जोनाथन ट्रॉट लय में दिख रहे थे. उन्होंने आते ही भुवनेश्वर कुमार पर दो चौके मारे. महेंद्र सिंह धोनी ने छठे ओवर में गेंद अश्विन को थमाई और ट्रॉट दूसरी गेंद को ही आगे बढ़कर खेलने की कोशिश में चूक गए और भारतीय कप्तान ने स्टंप करने में कोई गलती नहीं की. ट्रॉट ने 17 गेंद में 20 रन बनाए.
सलामी बल्लेबाज इयान बेल ने जडेजा पर चौका जड़ा लेकिन अगली गेंद पर उनका पैर हल्का सा हवा में उठा और धोनी ने चपलता दिखाते हुए उनके स्टंप उखाड़ दिए. बेल को तीसरे अंपायर ने आउट दिया लेकिन टीवी रीप्ले में कुछ भी बेहद साफ तौर पर नहीं दिख रहा था. उन्होंने 16 गेंद में 13 रन बनाए.
अश्विन ने अपने अगले ओवर में जो रूट (07) को इशांत शर्मा के हाथों कैच कराके इंग्लैंड का स्कोर तीन विकेट पर 40 रन किया.
मोर्गन और बोपारा ने इसके बाद विकेट के पतन पर विराम लगाया. दोनों ने 8.5 ओवर तक भारतीय गेंदबाजों को सफलता से महरूम रखा. मोर्गन ने इशांत पर चौका जबकि बोपारा ने छक्का जड़ा.
इंग्लैंड को अंतिम ओवर में 15 रन चाहिए थे. अश्विन ने हालांकि इस ओवर में सिर्फ नौ रन खर्च करके भारत को जीत दिला दी.
जडेजा ने इसके बाद जोस बटलर (0) को बोल्ड किया, जबकि टिम ब्रेसनैन (2) रन आउट हो गए.
इंग्लैंड को अंतिम दो ओवर में 19 रन की जरूरत थी.
रवि बोपारा ने इंग्लैंड को जिताने की दमदार कोशिश की.
इशांत ने हालांकि मोर्गन और बोपारा को लगातार गेंदों पर पवेलियन भेजकर भारत को जोरदार वापसी दिलाई. दोनों कैच अश्विन ने लपके.
इंग्लैंड को अंतिम पांच ओवर में जीत के लिए 48 रन की दरकार थी. बोपारा ने इसके बाद जडेजा जबकि मोर्गन ने इशांत पर छक्का जड़कर रन और गेंद के अंतर को कम किया.