दो दिग्गज राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण जैसे संकटमोचकों के बिना बरसों बाद टेस्ट खेलने उतर रही टीम इंडिया गुरुवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ दो मैचों की सीरीज का आगाज करेगी.
सौरव गांगुली, अनिल कुंबले, राहुल द्रविड़ और हाल ही में लक्ष्मण के संन्यास के बाद अब ‘ फैब फाइव’ में से सिर्फ सचिन तेंदुलकर भारतीय टीम में बचे हैं.
भारत के लिये चुनौती बदलाव के इस दौर से उबरने की भी है. इस सत्र में भारत को 10 टेस्ट, 13 वनडे और तीन टी-20 मैचों के साथ अगले महीने श्रीलंका में आईसीसी टी-20 विश्व कप भी खेलना है.
ऑस्ट्रेलियाई टीम अभी भी अपने महान खिलाड़ियों के संन्यास के बाद बदलाव के दौर से उबर नहीं पाई है. भारत की युवा ब्रिगेड के सामने भी इस कठिन दौर से निपटने की कड़ी चुनौती है. उनके पास तेंदुलकर का अनुभव भी है.
भारतीय टीम सात महीने बाद टेस्ट खेलेगी. पिछली दो सीरीज में उसे करारी हार झेलनी पड़ी थी. इंग्लैंड ने उसे 4-0 से हराकर नंबर वन का ताज छीना था, उसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने भी इसी अंतर से परास्त किया.
उस सफाये के बाद भारतीय क्रिकेट के दो आधारस्तंभों द्रविड़ और अब लक्ष्मण ने संन्यास का ऐलान कर दिया. दोनों ने मिलकर पिछले 16 साल में 298 मैचों में कुल 22069 रन बनाये हैं.
द्रविड़ ने मार्च में संन्यास लिया जबकि एनसीए पर कड़ा अभ्यास करने के बाद लक्ष्मण ने अचानक संन्यास का ऐलान करके सभी को चौंका दिया.
उन्होंने अपने घरेलू मैदान पर पहले टेस्ट से पूर्व ही तुरंत प्रभाव से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया. इससे टीम के भीतर संवादहीनता की भी कलई खुल गई.
लक्ष्मण ने तो खुलकर कहा कि वह कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से संपर्क नहीं कर सके क्योंकि उनसे संपर्क करना बहुत मुश्किल होता है. इससे टीम के भीतर संवादहीनता की अटकलों को बल मिला है.
स्थानीय सितारे लक्ष्मण के नहीं रहने से लोगों की रुचि मैच में घट गई है. अब देखना है कि धोनी की टीम इन हालात का सामना कैसे करती है.
एक साल के भीतर टेस्ट रैंकिंग में पांचवें स्थान पर खिसकी भारतीय टीम के युवाओं पर बड़ी जिम्मेदारी है कि अगले साल दक्षिण अफ्रीका दौरे से पहले टीम को जीत की राह पर लाये.
पिछले कुछ साल के बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर विराट कोहली बल्लेबाजी क्रम में तीसरे नंबर के प्रबल दावेदार बन गए हैं. वैसे पांचवें और छठे नंबर का विकल्प तलाशना बड़ी चुनौती है जिसके लिये सुरेश रैना, चेतेश्वर पुजारा और एस बद्रीनाथ दौड़ में हैं.
पुजारा घुटने के ऑपरेशन के बाद टीम में लौटे हैं जबकि श्रीलंका में वनडे सीरीज में अच्छे प्रदर्शन के बाद रैना को टेस्ट में मौका दिया जा सकता है.
सलामी जोड़ी के रूप में गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग हैं लिहाजा अजिंक्य रहाणे को इंतजार करना पड़ सकता है. द्रविड़ (164 मैचों में रिकार्ड 210 कैच) और लक्ष्मण (134 मैचों में 135 कैच) के बिना भारत को स्लिप में फील्डिंग की समस्या से भी जूझना होगा.
दुनिया की आठवें नंबर की टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करके भारत के पास इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया दौरे की कड़वीं यादों को भुलाने का सुनहरा मौका है.