भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया-ए के खिलाफ आज से (शुक्रवार) तीन दिवसीय दूसरा अभ्यास मैच खेलेगी. गुलाबी गेंद से खेला जाने वाला यह अभ्यास मैच 17 दिसंबर से एडिलेड में शुरू हो रहे दिन-रात के टेस्ट के लिए ‘रिहर्सल’ की तरह होगा. सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (SCG) पर होने वाला यह डे-नाइट अभ्यास मैच सीरीज के पहले टेस्ट की तैयारी के लिए अच्छा अवसर होगा. यह मैच भारतीय समयानुसार सुबह 9.00 से खेला जाएगा.
इस मैच में कप्तान विराट कोहली शायद नहीं खेलेंगे, जिन्होंने संकेत दिया है कि टेस्ट सीरीज के लिए वह अपनी तैयारी अलग से करेंगे. यह रणनीति का हिस्सा भी हो सकता है, ताकि ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट मैच में उनकी तैयारी की भनक नहीं लग सके.
डे-नाइट टेस्ट की बात करें, तो टीम इंडिया के लिए विदेशी धरती पर पहला दिन-रात का टेस्ट मैच होगा. विराट ब्रिगेड ने अब तक एक ही दिन-रात का टेस्ट मैच खेला है. नवंबर 2019 में उसने कोलकाता में बांग्लादेश के खिलाफ गुलाबी गेंद वाला टेस्ट तीसरे ही दिन पारी और 46 रनों से जीत लिया था. विराट कोहली डे-नाइट टेस्ट में शतक जड़ने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने. उन्होंने ईडन गार्डन्स में 136 रनों की पारी खेली थी.
वैसे तो टेस्ट मैच लाल गेंद से खेले जाते हैं, लेकिन डे-नाइट टेस्ट में गुलाबी गेंद का इस्तेमाल किया जाता है. दरअसल, डे-नाइट मैचों में प्राकतिक रोशनी की जगह कृत्रिम रोशनी का सहारा लेना पड़ता है. ऐसे में पिंक बॉल का इस्तेमाल किया जाता है.
फ्लड लाइट (दूधिया रोशनी) में बल्लेबाज के लिए रेड बॉल देखने में परेशानी होती है, जबकि पिंक बॉल आसानी से देखी जाती है. परंपरागत टेस्ट क्रिकेट लाल गेंद से दिन की रोशनी में खेली जाती है. लेकिन जब यही गेंद दूधिया रोशनी में देखी जाए तो भूरी दिखती है.