एमसी मेरी कोम (51 किलोग्राम)
5 बार विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीतने वाले एमसी मेरी कोम को भारत का हर खेल प्रशंसक पहचानता है. यह पहला मौका है जब ओलंपिक खेलों में महिला मुक्केबाजी स्पर्धा को शामिल किया गया है, ऐसे में 29 वर्षीय इस मुक्केबाज से पदक की उम्मीद गलत नहीं है.
विजेंदर कुमार (75 किलोग्राम)
2008 बीजिंग ओलंपिक में विजेंदर कुमार ने रजत पदक जीतकर देश में मुक्केबाजी को नया आयाम दे दिया. शायद इस वजह से ही लंदन ओलंपिक के लिए रिकॉर्ड नंबर के मुक्केबाजो ने क्वालिफाई किया है. वर्ल्ड चैंपियनशिप जीत चुके विजेंदर लंदन में मेडल पोडियम पर टॉप पोजीशन हासिल करना चाहेंगे.
सुमित सागवान (81 किलोग्राम)
लंदन ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले युवा मुक्केबाजों में से एक सुमित सागवान ने एशियन ओलंपिक क्वालीफायर में गोल्ड जीतकर क्वालिफाई किया है. गौरतलब है कि सीनियर लेवल पर सुमित के लिए यह पहली अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा थी.
एल देवेंद्रो सिंह (49 किलोग्राम)
एल देवेंद्रो सिंह अपने राज्य मणिपुर की ओर से ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले खिलाड़ी बनना चाहते हैं. 20 वर्षीय इस खिलाड़ी ने इस साल के मई महीने में प्रेसीडेंट कप में रजत पदक जीता था.
जय भगवान (60 किलोग्राम)
दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीतने के बाद जय भगवान ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. हालांकि उन्हें 2009 एशियन चैंपियनशिप में रजत पदक हासिल हुआ. पर 2011 वर्ल्ड चैंपियनशिप में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचकर उन्होंने लंदन ओलंपिक का टिकट हासिल कर लिया.
विकास कृष्णन (69 किलोग्राम)
2010 एशियन गेम्स तक विकास कृष्णन की शायद ही ज्यादा लोग पहचानते थे. लेकिन ग्वांगझू एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने के बाद विकास कृष्णन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. पिछले साल नवंबर में ओलंपिक टेस्ट इवेट में उन्होंने कांस्य पदक हासिल किया. हालांकि बाकू में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर उन्होंने ओलंपिक पदक के लिए मजबूत दावेदारी पेश की है.
शिव थापा (56 किलोग्राम)
शिव थापा ओलंपिक क्वालिफाई करने वाले भारत के सबसे युवा मुक्केबाज है. गुवाहाटी के 18 वर्षीय इस खिलाड़ी ने माइक टायसन को देखकर प्रोफेशनल बॉक्सिंग में अपना करियर बनाने का सोचा. शिव थापा ने एशियन ओलंपिक क्वालिफायर इवेंट में स्वर्ण पदक जीता है.
मनोज कुमार (64 किलोग्राम)
राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले मनोज कुमार लंदन ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाले भारत के पहले मुक्केबाज थे. उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप मुकाबले में चीनी प्रतिद्वंदी किंग हू को 17-15 से हराया था. मुक्केबाजी टीम के कोच का कहना है कि ओलंपिक को लेकर मनोज कुमार शुरुआत में अति उत्साहित हो गए थे.