प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 5 अप्रैल को रात नौ बजे नौ मिनट लाइट बंद करके दीया जलाने का सभी ने समर्थन किया. पीएम ने हालांकि सिर्फ दीया, मोमबत्ती या टार्च जलाने की अपील की थी मगर लोगों ने इसके साथ पटाखे भी जलाए, जिसका कई लोगों ने भी विरोध किया.
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सिर्फ आम लोग ही नहीं बल्कि हस्तियों ने भी सोशल मीडिया पर पटाखे जलाने वाली बात को गलत बताया. इसमें पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर के बाद इरफान पठान का नाम भी जुड़ा गया है. पठान ने पटाखों को लेकर एक ट्वीट किया, लेकिन यूजर्स उन्हें ही ट्रोल करने लगे.
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पठान ने ट्विटर पर लिखा, 'यह काफी अच्छा था जब तक लोगों ने पटाखे नहीं जलाए.' यूजर्स ने हालांकि इसके बदले उन्हें धर्म के नाम पर ट्रोल करना शुरू कर दिया.
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पठान ने पटाखों को लेकर ट्वीट किया जिसके बाद धार्मिक आधार पर कुछ लोगों ने उन पर कमेंट किए.
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इरफान ने अपने ट्वीट पर आए कमेंट्स के स्क्रीनशॉट भी शेयर किए. हालांकि ये इतने भद्दे हैं कि, इसमें क्या-क्या लिखा, यह नहीं बताया जा सकता.
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मगर लोगों की इस मानसिकता पर पठान ने सवाल उठाए. अभद्र कमेंट को लेकर इरफान ने ट्विटर इंडिया को टैग करते हुए लिखा कि हमें फायर ट्रक्स की आवश्यकता है, क्या आप मदद करेंगे.'
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इससे पहले, पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज और भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने उन लोगों को कड़ी फटकार लगाई है, जो रविवार रात पटाखे फोड़ रहे थे.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से अपील की थी कि कोरोनावायरस के खिलाफ देश के लोग रविवार को रात नौ बजे घरों की लाइटें बंद कर दें और इसकी जगह नौ मिनट तक मोमबत्ती, दीपक या रोशनी करने वाली कोई और चीज जलाएं.
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रविवार को दीपक, मोमबत्ती, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैश जलाकर पूरे देश ने तेजी से बढ़ते कोविड-19 संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में एकजुटता दिखाई. लेकिन, इस दौरान कई लोग पटाखे भी फोड़ते नजर आए.
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गंभीर ने ऐसे लोगों को कड़ी फटकार लगाते हुए ट्विटर पर लिखा, 'भारत, अंदर रहिए. हम अभी लड़ाई के बीच में हैं. यह पटाखे जलाने का मौका नहीं है.' गंभीर ने कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में दिल्ली सरकार को फिर से 50 लाख रुपये की मदद की है.