2008 के बीजिंग ओलंपिक खेलों में भारत को मुक्केबाजी में कांस्य पदक दिलाने के बाद उनका नाम भारत में हर किसी की जबान पर था. लेकिन 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में उन्होंने निराश किया और वे सेमीफाइनल मुकाबले में हार गए. कइयों को लगा वे अपनी धार खो बैठे हैं. हालांकि विजेंदर को पूरा भरोसा है वे ओलंपिक खेलों में शानदार प्रदर्शन करेंगे.
अभी कृष्णा पूनिया पूरे जोश में हैं. इसलिए कि इस डिस्कस थ्रोअर ने 14 अगस्त को अमेरिका के पोर्टलैंड में आयोजित प्रतियोगिता में स्वर्ण जीता. पर वे मायूस भी हैं क्योंकि जापान में जुलाई में आयोजित हुई एशियन चैंपियनशिप में वे चौथे स्थान पर रही थीं.
भारत के प्रमुख डबल ट्रैप शूटर लंदन में स्वर्ण पदक से कम पर मानने वाले नहीं. उन्हें जीत का पूरा भरोसा है और उनके दोस्त बताते हैं कि वे इसे लेकर इस्पात की दुनिया के बेताज बादशाह लक्ष्मी मित्तल को सैल्यूट करेंगे. जुलाई में, सोढी को स्लोवेनिया के मारिबोर में हुए आइएसएसएफ शॉटगन वर्ल्ड कप के फाइनल में कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा.
फिलहाल सायना नेहवाल विश्व में छठे स्थान पर हैं क्योंकि वे सिंगापुर ओपन और इंडोनेशिया ओपन सरीखे दो सुपर सीरीज टूर्नामेंट हार चुकी हैं. लेकिन भारत की सर्वश्रेष्ठ महिला बैडमिंटन खिलाड़ी को आंकने का यह कोई पैमाना नहीं है. 13 प्रमुख टाइटल जीतने वाली चीन की बैडमिंटन खिलाड़ी शियॉन्ग गुआबाओ मानती हैं कि नेहवाल ही अकेली खिलाड़ी हैं जो चीनी खिलाड़ियों को लगातार हरा सकती हैं.