भारत की बैडमिंटन खिलाड़ी और राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड से नवाजी जा चुकी सनसनी सायना नेहवाल ने देश में इस खेल को भी लोकप्रिय बना दिया.
सायना ने शुरुआती प्रशिक्षण हैदराबाद के लाल बहादुर स्टेडियम में कोच नानी प्रसाद से प्राप्त किया. माता-पिता दोनो के बैडमिंटन खिलाड़ी होने के कारण सायना का बैडमिंटन की ओर रुझान शुरु से ही था.
सायना नेहवाल विश्व जूनियर बैडमिंटन चैंपियन रह चुकी हैं. ओलिंपिक खेलों में महिला एकल बैडमिंटन के क्वार्टरफाइनल तक पहुँचने वाली वे देश की पहली महिला खिलाड़ी हैं. उन्होंने 2006 में एशियन सैटलाइट
चैंपियनशिप भी जीती है.
इस युवा खिलाड़ी ने 2009 में इंडोनेशिया ओपन जीतते हुए सुपर सीरिज बैडमिंटन टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम किया, यह उपलब्धि उनसे पहले किसी अन्य भारतीय महिला को हासिल नहीं हुई.
सायना ने बैडमिंटन की ट्रेनिंग द्रोणाचार्य सम्मान प्राप्त कर चुके एसएम आरिफ की देखरेख में शुरू की. सायना ने हैदराबाद स्थित गोपी चंद अकेडमी में प्रशिक्षण प्राप्त किया.
सायना नेहवाल का 2010 वर्ष बहुत अच्छा बीता. इस साल उन्होंने दो विश्वस्तरीय प्रतियोगिता जीत विश्व रैकिंग में तीसरा पायदान हासिल किया.
सायना नेहवाल पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं जिसने ओलंपिक में बैडमिंटन के एकल मुकाबलों में क्वार्टर फाइनल तक का सफ़र तय किया था.
अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर सायना नेहवाल की शुरुआत 2006 में हुई. उस वर्ष नेहवाल ने 4-स्टार ख़िताब, फिलीपींस ओपन जीता और इस वर्ष नेहवाल ने कई उलटफेर भी किए.
17 मार्च 1990 को हिसार हरयाणा में जन्मी नेहवाल का अधिकांश समय हैदराबाद में गुजरा है. सायना नेहवाल की बैडमिंटन के प्रति रूचि का श्रेय उनके माता पिता को जाता है.