केविन पीटरसन ने अपने चिरपरिचित कातिलाना अंदाज में बल्लेबाजी करके नाबाद दोहरा शतक जड़ा जिससे इंग्लैंड प्रवीण कुमार से मिले झटकों के बावजूद भारत के खिलाफ पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में बड़ा स्कोर खड़ा करने में सफल रहा.
पीटरसन ने नाबाद 202 रन बनाये. उनके कैरियर का तीसरा दोहरा शतक पूरा होते ही इंग्लैंड ने अपनी पहली पारी आठ विकेट पर 474 रन बनाकर समाप्त घोषित कर दी.
भारत ने इसके जवाब में दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक बिना किसी नुकसान के 17 रन बनाये हैं. वह अब भी इंग्लैंड से 457 रन पीछे है. स्टंप उखड़ने के समय गौतम गंभीर सात और अभिनव मुकुंद आठ रन पर खेल रहे थे.
प्रायर ने जोरदार पारी खेली. उन्होंने भी पीटरसन की तरफ मनमाफिक रन बटोरे और अपना 17वां अर्धशतक पूरा किया.
प्रवीण ने मोर्गन के लिये गेंद बल्ले और पैड के बीच से निकाली थी. तब हाट स्पाट से लग रहा था कि गेंद बल्ले पर नहीं लगी थी लेकिन बल्लेबाज ने डीआरएस का सहारा नहीं लिया. धोनी और प्रवीण की कैच की जोरदार अपील पर अंपायर की उंगली उठ गयी.
प्रवीण की ऑफ स्टंप के बाहर मूव करती गेंद बेल के बल्ले का बाहरी किनारा लेकर पीछे पहुंची और धोनी ने दायीं तरफ डाइव लगाकर उसे कैच में तब्दील किया.
धोनी ने गेंद छोड़ने के तुरंत बाद दस्ताने संभाले और प्रवीण की गेंद पर बेल का कैच लेकर भारत की तरफ से सर्वाधिक विकेट लेने वाले विकेटकीपर बन गये. उन्होंने सैयद किरमानी (160 कैच) का रिकार्ड तोड़ा.
बोडेन ने जोरदार अपील पर कुछ देर सोच विचार करने के बाद आउट का इशारा किया. धोनी के गेंदबाजी पर आने के कारण भारत ने नयी गेंद लेने में देर लगायी. 88वें ओवर में नयी गेंद ली गयी और प्रवीण ने इसके बाद जल्द ही दो विकेट चटका दिये.
इंग्लैंड ने सुबह के सत्र में 90 रन जोड़े और इस बीच ट्राट का विकेट गंवाया. प्रवीण की तेजी से स्विंग होती गेंद को ट्राट नहीं समझ पाये और पगबाधा आउट हो गये.
उन्होंने परिस्थितियों का फायदा उठाकर अपना 18वां टेस्ट शतक जड़ा. भारत को पहले दिन दोनों विकेट जहीर ने दिलाये थे लेकिन उनकी अनुपस्थिति में भारतीय गेंदबाजी काफी कमजोर दिख रही थी.
पीटरसन ने इसके बाद इस 2000वें और दोनों टीमों के बीच खेले जा रहे 100वें टेस्ट मैच को यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
धोनी के अगले ओवर में अंपायर ने पीटरसन को तब विकेटकीपिंग कर रहे राहुल द्रविड़ के हाथों कैच आउट करार दिया था लेकिन यूडीआरएस में फैसला बदल गया. एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक विकेट लेने वाले धोनी ने आठ ओवर में 23 रन दिये.
धोनी की पहली गेंद पर ही पीटरसन के खिलाफ पगबाधा की जोरदार अपील बिली बोडेन ने ठुकरा दी, हालांकि रीप्ले से लग रहा था कि गेंद विकेट पर लग रही थी.
इन दोनों ने क्रमश: 128 और 152 रन लुटाये. यहां तक मजबूर होकर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को भी गेंद थामनी पड़ी.
वेस्टइंडीज के दौरे में बेहतरीन वापसी करने वाले इशांत शर्मा प्रभावहीन दिखे जबकि ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने पूरी तरह से निराश किया.
भारतीय सलामी जोड़ी ने इसके बाद दिन के बचे हुए छह ओवर में सतर्कता से बल्लेबाजी की और कुछ विषम पलों से गुजरने के बावजूद टीम को झटका नहीं लगने दिया. लेकिन दूसरे छोर से उन्हें सहयोग नहीं मिला.
इस स्विंग गेंदबाज ने 106 रन देकर पांच विकेट लिये. वह लॉर्ड्स पर पांच या इससे अधिक विकेट लेने वाले 12वें भारतीय गेंदबाज हैं.
जहीर खान मांसपेशियों में खिंचाव के कारण मैच के दूसरे दिन गेंदबाजी नहीं कर पाये. उनकी अनुपस्थिति में केवल प्रवीण ही प्रभाव छोड़ने में सफल रहे.
अपनी इस पारी के दौरान वह टेस्ट क्रिकेट में 6000 रन पूरे करने वाले इंग्लैंड के 12वें बल्लेबाज भी बने. इस सदाबहार बल्लेबाज ने जोनाथन ट्राट (70) के साथ तीसरे विकेट के लिये 98, इयान बेल (45) के साथ चौथे विकेट के लिये 110 और मैट प्रायर (71) के साथ छठे विकेट के लिये 120 रन की उपयोगी साझेदारियां भी की.
पीटरसन ने भारत के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाया. उन्होंने अपनी पारी में 326 गेंद खेली तथा 21 चौके और एक छक्का लगाया.