दक्षिण्ा अफ्रीका में हो रहे फुटबाल विश्व कप 2010 के शुभंकर को जमुकी नाम दिया गया. इसमें एक चीता को फुटबाल खिलाडि़यों की ड्रेस में दिखाया गया हैं.
इंग्लैंड में 1966 में हुए फुटबाल विश्व कप में पहली बार शुभंकर को पेश किया गया. जिसका नाम विली था. इसमें एक शेर को अमेरीकी झंडे की जर्सी पहने दिखाया गया था.
मैक्सिकों में हुए 1970 फुटबाल विश्व कप में एक बच्चे को मैक्सिकों किट और एक चौड़ी टोपी पहने दिखाया गया था. इसको जुआनिटो नाम दिया गया था.
वेस्ट जर्मनी में 1974 में हुए फुटबाल विश्व कप के शुभंकर बेहद ही शानदार थे. इसमें दो लड़कों को वेस्ट जर्मनी की ड्रेस पहने दिखाया गया था जिन्हें टिप और टेप का नाम दिया गया था.
1978 में अर्जेंटीना में हुए फुटबाल विश्व कप में एक लड़के को अर्जेंटीनाई किट पहने दिखाया गया था. इसका नाम गुचिटो दिया गया.
स्पेन में हुए 1982 फुटबाल विश्व कप में संतरे को दिखाया गया था. इसे नारानजा नाम दिया गया और वहां की टीम की ड्रेस पहने दिखाया गया.
मैक्सिको में हुए 1986 फुटबाल विश्व कप पीक्यू नाम दिया गया.
यह विश्व कप इटली (1990) में हुआ जिसमें कुछ लकडियों को जोड़कर इस खिलाड़ी का रूप दिया गया. उसके उपर एक फुटबाल की गेंद थी और इसे सियो नाम दिया गया.
अमेरिका (1994) में हुए इस फुटबाल विश्व कप में वहां के पालतु जानवर एक कुत्ते को वहां की ही ड्रेस में दिखाया गया था. इस शुभंकर का नाम स्ट्राइकर रखा गया था.
1998 में हुए फ्रांस में हुए इस फुटबाल विश्व कप में एक मुर्गा को फुटबाल गेंद हाथ में लिए दिखाया गया था जिसका नाम फोटिक्स रखा गया.
कोरिया (2002) में हुए इस विश्व कप में तीन शुभंकर थे जिन्हें अटो, कैज और निक नाम दिया गया. यह ओरेंज, पर्पल और ब्लू रंग के कंप्यूटर से बने प्रतिक थे जिन्हें यूजरर्स ने चुना था. अटो कौच जबकि कैज और निक खिलाड़ी थे.
जर्मनी (2006) में हुए इस विश्व कप में एक शेर को वहां की टी-शर्ट पहने जबकि फुटबाल गेंद को बोलते दिखाया गया था. इनको गोलीयो और पिल्ली का नाम दिया गया. गो का अर्थ था गोल जबकि लीयो लेटिन मतलब शेर था. पिल्ली को वहां की बोलचाल की भाषा में फुटबाल कहते हैं.