दिल्ली में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स के बारे में शहर के लोगों को जानकारी देने के लिए 23 सितंबर सुबह कॉमनवेल्थ एक्सप्रेस रेल जयपुर दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन पंहुची.
यह ट्रेन 80 शहरों का भ्रमण करने के बाद यहां पहुंची थी.
कॉमनवेल्थ गेम्स से देशवासियों को जोड़ने वाली कॉमनवेल्थ एक्सप्रेस को दिल्ली से रवाना किया गया था.
इस अवसर पर शहर के हजारों युवाओं ने रेल प्रदर्शनी में भारतीय खेलों के इतिहास से लेकर खिलाडिय़ों की उपलब्धियों के बारे में जानकारी हासिल की.
रेल प्रदर्शनी में पहले पांच डिब्बों में राष्ट्रमंडल, एशियन, ओलम्पिक खेलों के बारे में बारे में पूरी जानकारी प्रदर्शित की गई.
अगले पांच डिब्बों में खेलों के प्रोत्साहन में भारतीय रेल की भूमिका का विवरण, भारतीय आई टी की शानदार कहानी शामिल रही.
इस अवसर पर सुबह भारतीय रेलवे के तीन खिलाडिय़ों को सम्मानित भी किया गया.
इनमें स्मोक टॉवर से एसएमएस और ईमेल तक के विकास की कहानी को शॉर्टफिल्मों और क्लिप्स में दर्शाया गया है.
ट्रेन को देखने आने वालों की मदद के लिए डिब्बों में खिलाड़ी बतौर गाइड मौजूद थे.
कॉमनवेल्थ के लिए किस तरह की तैयारियां हुई हैं. वहां पिछले तीन सालों में बनाए स्टेडियम और विकास को पोस्टर और पिक्चर्स में दिखाया गया.
स्टेशन पर मौजूद यात्रियों के लिए भी यह ट्रेन आकर्षण का केंद्र बनी हुई थी.
इसमें लोगों को गेम्स में होने वाले खेलों के नियम और अनुशासन के बारे में जानकारी दी गई है.
ट्रेन में रेलवे द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं में जीती गई ट्राफियां भी प्रदर्शित की गईं हैं.
इसमें रेलवे के ऐसे खिलाड़ियों के बारे में भी बताया गया है, जिन्हें अजरुन पुरस्कार,राजीव गांधी खेल रत्न, द्रोणाचार्य पुरस्कार, पद्मश्री पुरस्कार, ध्यानचंद पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.
यह खेलों के विकास में रेलवे के योगदान और रेलवे के सितारे खिलाड़ियों की जानकारी देती है.
इसमें विभिन्न खेलों में देश का नाम रोशन करने वाले उत्कृष्ट खिलाड़ियों के अतीत और वर्तमान की जानकारी दी गई है.
इसके लिए सफाई कर्मचारियों का प्रवेश पत्र बनाने का काम भी शुरू हो जाएगा. ताकि समय पर वह खेल परिसरों में तैनात हो जाए.
एमसीडी तथा एनडीएमसी अपने क्षेत्र के अधीन आने वाले स्टेडियमों के रखरखाव का काम देखेंगे.
पांच दिनों से चल रही कार्रवाई में 120 टन के करीब कूड़ा जिस तरह इन एजेंसियों के 800 से अधिक कर्मचारियों ने बाहर निकाल वाहवाही का काम किया.
फ्लैटों में व्याप्त गंदगी को लेकर थू-थू होता देख सरकार ने कमान संभाली और युद्ध स्तर पर तमाम फ्लैटों को निट एंड क्लीन करने की जिम्मेदारी एमसीडी व एनडीएमसी को सौंप दी.
बिना साफ सफाई व अन्य पुख्ता इंतजाम के आयोजन समिति ने 16 सितंबर को खेलगांव के 1168 फ्लैटों के द्वार खिलाडि़यों के लिए खोल दिए थे.
सभी 11 खेल परिसरों की साफ सफाई का जिम्मा भी खेलगांव की तर्ज पर स्थानीय निकायों को सौंपा गया है.
खेलगांव का द्वार खिलाडि़यों के लिए खोलने पर साफ सफाई को लेकर हाय-तौबा मची थी.
खेलगांव की सड़क की सफाई में जुटा एक कर्मचारी.
बारिश के बंद होने के बाद खेलगांव में तैयारियां जोरो पर है.
खेलगांव में मौजूद कर्मचारियों का बच्चा.
खेलगांव का जायजा लेने के बाद लौटने आयोजन समीति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी.
बारिश के कारण कुछ इस तरह का नजारा देखने को मिला खेलगांव में.
खेलगांव की सुरक्षा में मुस्तैद अपने साथ कुत्ता लिए हुए.
बारिश के पानी के इकट्ठा होने से खेलगांव में मच्छर पैदा हो रहे हैं.
बारिश के कारण खेलगांव में जगह-जगह पानी भर गया है.
राष्ट्रमंडल खेलों के लिए बने खेलगांव से बाहर आते सुरेश कलमाड़ी.