खेलगांव को अभी ट्रॉयल के तौर पर खोला गया है.
राष्ट्रमंडल खेलों में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए अभ्यास करती एक खिलाड़ी.
खेलगांव में अभी भी काफी ऐसा काम बचा है, जिसमें खत्म करने के लिए मज़दूर दिन-रात जुटे हुए हैं.
खेलगांव में खाने का मज़ा लेते खिलाड़ी.
खेलगांव में खिलाडि़यों के खाने-पीने की बेहतर व्यवस्थाएं की गई हैं
खेलगांव में खाने का आंनद उठाते राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति (सीजीओसी) के प्रमुख सुरेश कलमाड़ी.
खेलगांव में 7 हज़ार 200 लोगों के रहने के
इंतज़ाम है. डायनिंग एरिया काफ़ी बड़ा है जहां हर रोज़ डेढ़ सौ किस्म के
व्यंजन तैयार होंगे और हर रोज़ 15 हज़ार लोगों का ख़ाना बनेगा.
खेलगांव में खिलाडि़यों की सुरक्षा को लेकर कड़े सुरक्षा इंतेजा़म किए गए हैं.
खेलगांव में एक्वाटिक स्पर्धाओं के लिये दो तरणताल बनाये गए हैं.
खेलगांव में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त फिटनेस सेंटर भी बनाया गया है.
खेलगांव में एथलेटिक्स, तैराकी, भारोत्तोलन और कुश्ती के लिए वातानुकूलित अभ्यास स्थलों के अलावा फिटनेस सेंटर भी है.
खेलगांव में खिलाडियों की सुरक्षा के मद्देनज़र कड़े सुरक्षा इंतेजाम किए गए हैं.
खेलों में शामिल होने वाले 71 देशों के मेहमान आज से खेलगांव में रह
सकते हैं. मेहमानों का आना भी शुरू हो गया है.
कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए यमुना किनारे बना खेलगांव खोल दिया गया है.
इन दिनों खेलगांव का काम जल्द ही समाप्त करने के लिए मज़दूर तेजी से काम कर रहे हैं.