भारतीय क्रिकेट टीम के कार्यवाहक कप्तान और विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग एकदिवसीय क्रिकेट में दोहरा शतक लगाने वाले दूसरे बल्लेबाज बन गए हैं.
इससे पहले सचिन तेंदुलकर ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वर्ष 2010 में 200 रनों की नाबाद पारी खेली थी.
सहवाग ने होल्कर स्टेडियम में वेस्टइंडीज के साथ एकदिवसीय मुकाबले में 140 गेंदों पर 23 चौकों और छह छक्कों की मदद से 201 रन बनाए.
सहवाग ने इससे पहले 19 फरवरी, 2011 को आईसीसी क्रिकेट विश्व कप के उद्घाटन मुकाबले में बांग्लादेश के खिलाफ 140 गेंदों पर 175 रनों की अपनी सर्वोच्च पारी खेली थी.
वीरेंद्र सहवाग आज के दिन में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सबसे विस्फोटक बल्लेबाज है. उनके रिकॉर्ड इसकी सच्चाई बयान करते हैं.
सहवाग टेस्ट मैचों में दो बार (319 और 309) तिहरा शतक लगा चुके हैं.
सहवाग विश्व क्रिकेट के एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने टेस्ट मैचों में तिहरा शतक और एकदिवसीय मैचों में दोहरा शतक लगाया है.
वीरेंद्र सहवाग ने अपना दोहरा शतक 140वें गेंद पर पूरा किया. इस दौरान उन्होंने 23 चौके और 6 छक्के जमाए.
वीरेंद्र सहवाग ने अपना शतक मात्र 69 गेंदों का सामना करके पूरा किया.
वेस्टइंडीज के खिलाफ वीरेंद्र सहवाग ने कुल 25 चौके और 7 छक्के की मदद से 219 रन बनाए.
वो वनडे क्रिकेट के इतिहास में दोहरा शतक जड़ने वाले दूसरे क्रिकेटर भी बन गए हैं.
इसके साथ ही सहवाग ने वनडे क्रिकेट में सर्वाधिक व्यक्तिगत रनों के सचिन तेंदुलकर के रिकार्ड को तोड़ दिया है.
पिछले कुछ समय से एकदिवसीय मैच में बड़ा स्कोर नहीं बना पाने के कारण आलोचना का सामना कर रहे टीम इंडिया के वर्तमान कप्तान वीरेंद्र सहवाग ने आखिर इंदौर वनडे में शानदार वापसी करते हुए दोहरा शतक जड़ दिया.
वीरेंद्र सहवाग ने वर्ल्ड क्रिकेट में सबसे तेजी से 200 रन पूरे करने का कीर्तिमान भी अपने नाम कर लिया है.
इससे पहले सहवाग ने 69 गेंदों पर 10 चौकों और पांच छक्कों की मदद से अपने करियर का 15वां शतक पूरा किया था.
वेस्टइंडीज के साथ पांच मैचों की श्रृंखला में सहवाग का बल्ला पहली बार खुलकर बोला है. वह कटक में 20 रन बना सके थे जबकि विशाखापट्टनम में उनके बल्ले से 26 रन निकले थे. अहमदाबाद में वह खाता भी नहीं खोल सके थे.
वीरेंद्र सहवाग ने अपनी दोहरे शतक की पारी में 25 चौके और 7 छक्के जड़े.
वीरेंद्र सहवाग का शतक मात्र 69 गेंदों में पूरा हुआ. यह वेस्टइंडीज के खिलाफ किसी भी भारतीय बल्लेबाज के लिए सबसे तेज शतक है.
वीरू की इस पारी की जितनी भी तारीफ की जाए उतना कम है.
वीरेंद्र सहवाग ने इस मैच में जड़े 7 छक्के के साथ भारतीय जमीन पर सर्वाधिक छक्के लगाने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया.
वेस्टइंडीज के खिलाफ वीरेंद्र सहवाग ने मात्र 69 गेंदों में शतक ठोका. यह विंडीज के खिलाफ किसी भी भारतीय बल्लेबाज द्वारा बनाया गया सबसे तेज शतक है.
2009 में सहवाग ने न्यूजीलैंड के हैमिल्टन मैदान नाबाद 125 रन बनाकर अपने करियर 11वां शतक ठोका था.
नजफगढ़ के नवाब के करियर का दसवां शतक श्रीलंका के खिलाफ बनाया. उन्होंने कोलंबो में 116 रन की पारी खेलकर यह मुकाम हासिल किया.
2008 में उन्होंने कराची में पाकिस्तान के खिलाफ 119 रन की पारी खेलकर अपने करियर का नौवां शतक जड़ा था.
सहवाग के वनडे करियर का आठवां शतक बरमूडा के खिलाफ 2007 वर्ल्ड कप में आया था. जब उन्होंने 114 रन की पारी खेली थी.
सहवाग ने वनडे करियर में सातवां शतक पाकिस्तान के खिलाफ बनाया. उन्होंने कोच्चि में 108 रन की पारी खेली थी.
सहवाग के करियर का छठा शतक 2003 में न्यूजीलैंड के खिलाफ आया. हैदराबाद में खेले गए इस मुकाबले में सहवाग ने 130 रन बनाए.
वीरेंद्र सहवाग ने वनडे करियर का पाचवां शतक न्यूजीलैंड के खिलाफ ऑकलैंड के मैदान पर आया था. इस मुकाबले में उन्होंने 112 रन की पारी खेली थी.
सहवाग ने अपने वनडे करियर की चौथा शतक न्यूजीलैंड के खिलाफ नैपियर के मैदान पर बनाया.
वेस्टइंडीज के खिलाफ वीरेंद्र सहवाग ने साल 2002 में 114 रन की नाबाद पारी खेली थी.
वीरू ने अपना दूसरा शतक इंग्लैंड के खिलाफ 2002 जड़ा था. इस दौरान उन्होंने 126 रन की पारी खेली.
वीरेंद्र सहवाग ने अपने वनडे करियर का पहला शतक न्यूजीलैंड के खिलाफ 2001 में जड़ा था. उन्होंने इस मुकाबले में 100 रन की पारी खेली थी.
इसके अलावा वह दुनिया के एकमात्र ऐसे क्रिकेट खिलाड़ी हैं जिन्होंने टेस्ट मैचों में दो तिहरे शतक बनाने के साथ एक पारी में पांच विकेट भी हासिल किए हैं.
एकदिवसीय में सबसे तेज गति से शतक बनाने वाले भारतीय खिलाड़ी का रिकार्ड भी सहवाग के ही नाम है.
उन्होंने मार्च 2010 में हैमिल्टन में न्यूजीलैंड के खिलाफ सिर्फ 60 गेंदों पर शतक बनाया. टेस्ट क्रिकेट में प्रारंभिक विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी का रिकार्ड भी सहवाग के ही नाम है.
राहुल द्रविड़ के साथ 410 रन की साझेदारी करके वीरू ने कीर्तिमान बनाया था.
वीरू टी-20 मैच में अभी तक शतक नहीं लगा पाए हैं. इस श्रेणी के क्रिकेट में उनका अब तक का सर्वाधिक स्कोर 94 रन है.
वीरेंद्र सहवाग के बल्ले से निकला यह लगातार दूसरा शतक है जब उन्होंने 150 रन से ज्यादा बनाए हैं.
सहवाग के बल्ले से निकला एक और शानदार शॉट.
यूं तो वीरेंद्र सहवाग के तकनीक पर सवाल उठते रहे हैं. पर इसके बावजूद वे अपने स्वभाविक खेल को नहीं छोड़ते हैं.
सहवाग की इस पारी में बहुत दिनों बाद उनके स्वभाविक खेल की झलक दिखी.
वीरेंद्र सहवाग ने वेस्टइंडीज के सभी गेंदबाजों की क्लास ली. उन्होंने अपनी पारी में जमकर बाउंड्री बरसाए.
भारत का एक बल्लेबाज जिससे दुनिया का हर गेंदबाज खौफ खाता है, वो है वीरेंद्र सहवाग. यह मानना है इमरान खान से लेकर रिचर्ड हेडली और बॉब विलिस के दिल में खौफ पैदा करने वाले विवियन रिचर्ड्स का.
किसी भी क्रिकेटर की तरह जहां सहवाग का अच्छा समय रहा है तो बुरा समय भी रहा है. 2007 के विश्व कप के बाद वह लंबे समय तक भारतीय टीम से अलग भी रहे लेकिन एक बेहतरीन क्रिकेटर की तरह उन्होंने ज़बरदस्त वापसी भी की.
सहवाग का खेल हैण्ड-आई कोऑर्डिनेशन पर आधारित है जिनका मूलमंत्र है कि अगर गेंद मारने वाली है हो उसे छोड़े क्यों. उनको तो यह पता है कि गेंद अगर गुड लेंथ में भी है तो वह रन बनाने के लिए है.
अपने पहले ही टेस्ट में शतक जड़ने वाले सहवाग की तुलना उनके आदर्श सचिन तेंदुलकर से की जाती है. लेकिन समय के साथ सहवाग ने साबित किया कि उनका अपना एक अलग स्टाइल है.
टेस्ट क्रिकेट हो या एकदिवसीय या फिर हो टी 20 क्रिकेट वीरेंद्र सहवाग दुनिया के किसी भी आक्रमण की बखिया उधेड़ सकता है.
विरेंद्र सहवाग विस्फोट का दूसरा नाम है जिसके सामने विश्व के सभी गेंदबाज़ गेंदबाजी करने से कतराते हैं. जब उनका बल्ला चलता है तो पूरा स्टेडियम चौकों-छक्कों की बरसात से सराबोर हो जाता है.
“नज़फगढ़ का नवाब” वीरेंद्र सहवाग का कहना है कि उनके हरफनमौला खेल का राज़ दूध है और वह हर रोज़ दूध पीते हैं.
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेट कप्तान इयान चैपल ने अपनी टेस्ट क्रिकेट की ड्रीम टीम में सहवाग का ओपनिंग बल्लेबाज़ के तौर पर चयन किया और सहवाग का यह कहते हुए अभिवादन किया कि “सहवाग विश्व के सबसे विस्फोटक बल्लेबाज़ है, वह किसी भी मैच का रुख कभी भी बदल सकते हैं”.