पाकिस्तान के पूर्व सलामी बल्लेबाज आमिर सोहेल का कहना है कि टीम प्रबंधन ने शाहिद आफरीदी को सलामी बल्लेबाज के तौर पर उतार कर गलती की, क्योंकि एक ऑलराउंडर खिलाड़ी के तौर पर वह जरूरत पड़ने पर न तो गेंदबाजी कर पाते थे न ही बल्लेबाजी.
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आमिर सोहेल ने कहा, 'आफरीदी में काबिलियत है कि वह फ्लैट, कम बाउंस वाली पिच पर गेंदबाजों को खूब मारते थे और उनको दबाव में ला देते थे, लेकिन चुनौतीपूर्ण स्थिति में यह बहुत बड़ा जुआ था.'
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आमिर सोहेल ने कहा, 'आफरीदी न ही बल्लेबाजी कर पाते थे न ही गेंदबाजी. मैं अगर अकरम की जगह कप्तान होता तो मैं मोहम्मद यूसुफ को खिलाता. आफरीदी उस 1999 वर्ल्ड कप की सात पारियों में सिर्फ 93 रन ही कर पाए थे.'
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1996 से 1998 तक छह टेस्ट मैचों और 22 वनडे में टीम की कप्तानी करने वाले आमिर सोहेल को लगता है कि 1999 वर्ल्ड कप में वसीम अकरम की कप्तानी वाली पाकिस्तानी टीम पूरे वर्ल्ड कप में एक लोकल टीम की तरह खेली थी.
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पाकिस्तान टीम हालांकि फाइनल में पहुंची थी और पहले बल्लेबाजी करते हुए महज 132 रनों पर ढेर हो गई थी. इस लक्ष्य को ऑस्ट्रेलिया ने आसानी से हासिल कर लिया था.
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आमिर सोहेल ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, 'मेरे क्रिकेट के अनुभव और परख के मुताबिक, मैं यह कह सकता हूं कि हमने पूरा वर्ल्ड कप एक लोकल टीम की तरह खेला था. एक मैच में हमारी एक लाइनअप होती थी और दूसरे मैच में दूसरी जिसमें बल्लेबाजी क्रम बदले हुए होते थे.'