दिल्ली के बल्लेबाज शिखर धवन ने अपने पहले ही टेस्ट मैच में शतक लगाया है.
धवन यह कीर्तिमान स्थापित करने वाले 13वें भारतीय और विश्व के 96वें टेस्ट बल्लेबाज हैं.
मोहाली में हो रहे ऑस्ट्रेलिया के साथ जारी तीसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन शनिवार को मुरली विजय के साथ पारी की शुरुआत करते हुए 85 गेंदों पर शतक पूरा किया.
उनकी इस पारी में 21 चौके शामिल हैं. धवन पर्दापण टेस्ट मैच में सबसे तेज शतक लगाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं.
यह कीर्तिमान शायद उनके साथ लम्बे समय तक रहे.
चार मैचों की इस श्रृंखला में पहली बार खेल रहे धवन ने अपने चयन को सार्थक साबित करते हुए बेहतरीन पारी खेली और सलामी बल्लेबाजों की नाकामी से परेशान चयनकर्ताओं को राहत पहुंचाई.
भारत के 277वें टेस्ट क्रिकेट खिलाड़ी के तौर पर धवन ने शुक्रवार को टेस्ट कैप पहना था.
उन्हें दिल्ली के धुरंधर वीरेंद्र सहवाग के स्थान पर पारी की शुरुआत करने का मौका मिला है.
पर्दापण मैच में टेस्ट सैकड़ा बनाने वाले खिलाड़ियों की सूची काफी लम्बी है लेकिन भारत की ओर से अब तक 13 खिलाड़ी यह कारनामा कर सके हैं.
धवन दिल्ली के दूसरे बल्लेबाज हैं, जिन्होंने पहले ही मैच में सैकड़ा लगाया है.
इनमें लाला अमरनाथ (118), आरएच शोदहन (110), कृपाल सिंह (100 नाबाद), हनुमंत सिंह (105), गुंडप्पा विश्वनाथ (137), एस अमरनाथ (124), मोहम्मद अजहरूद्दीन (110), प्रवीण आमरे (103), सौरव गांगुली (131), वीरेद्र सहवाग (105) और सुरेश रैना (120) शामिल हैं.
दिल्ली के खिलाड़ी शिखर धवन ने मोहाली टेस्ट के तीसरे दिन अपने टेस्ट करियर का आगाज कर लिया.
यह अजीब संयोग है कि अपने प्रेरणास्रोत और दिल्ली के सबसे सफल क्रिकेट स्टार वीरेंद्र सहवाग के स्थान पर धवन को करियर का आगाज करने का मौका मिला है.
जहां गौतम गंभीर की लगातार विफलता ने शिखर के लिए टीम इंडिया के द्वार खोले, वहीं सहवाग की नाकामी ने उनको टेस्ट में पदार्पण का मौका दिया.
ईरानी कप में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले दिल्ली के शिखर धवन को सलामी बल्लेबाज के रूप में टीम में जगह दी गई है.
शिखर धवन को पहली बार टेस्ट टीम में शामिल किया गया.
इसके बाद तय हुआ कि धवन और मुरली विजय मोहाली में पारी की शुरुआत करेंगे.
धवन टेस्ट टीम में शामिल थे लेकिन सहवाग और मुरली जैसे अनुभवी खिलाड़ियों के रहते उन्हें अपने करियर का आगाज करने का मौका नहीं मिला था.
धवन के पास घरेलू क्रिकेट में ढेरों रन बनाने का अनुभव है और इसी कारण वह अपने आगाज से पहले घबराए हुए नहीं हैं.
धवन ने कहा है कि वह एक अनुभवी खिलाड़ी के तौर पर अपना पहला टेस्ट मैच खेलेंगे.
शिखर धवन का प्रदर्शन घरेलू सीरीज में बेहतरीन रहा.
इस सत्र में उन्होंने घरेलू मैचों में 55.53 के औसत से 833 रन बनाए जिसमें चार शतक तथा तीन अर्धशतक भी शामिल हैं.
बांग्लादेश में साल 2004 में हुए अंडर 19 विश्व कप से निकले शिखर धवन के लगभग सभी साथियों को टीम इंडिया में खेलने का मौका मिल गया.
दिनेश कार्तिक, रॉबिन उथप्पा, आर पी सिंह, सुरेश रैना भारतीय टीम की ओर से खेल चुके हैं पर धवन को अब जाकर टीम में खेलने का मौका मिला है.
27 वर्षीय शिखर को भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा है.
शिखर ने भारत के लिए अपना आखिरी वनडे 16 जून 2011 को किंग्सटन मे वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था.
शिखर ने इंग्लैड के खिलाफ एक अभ्यास मैच में शतक जमाने के बाद कहा था, मेरा काम अच्छा प्रदर्शन करना है और बाकी मैं चयनकर्ताओं पर छोड़ देता हूं.
मैंने पिछले दो साल में निरंतर अच्छा प्रदर्शन किया है और मुझे उम्मीद है कि मैं भारतीय टीम मे फिर जगह बना सकूंगा.
इस सत्र में उन्होंने घरेलू मैचों में 55.53 के औसत से 833 रन बनाए जिसमें चार शतक तथा तीन अर्धशतक भी शामिल हैं.
शिखर धवन का प्रदर्शन घरेलू सीरीज में बेहतरीन रहा.
धवन ने कहा है कि वह एक अनुभवी खिलाड़ी के तौर पर अपना पहला टेस्ट मैच खेलेंगे.
धवन टेस्ट टीम में शामिल थे लेकिन सहवाग और मुरली जैसे अनुभवी खिलाड़ियों के रहते उन्हें अपने करियर का आगाज करने का मौका नहीं मिला था.
ईरानी कप में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले दिल्ली के शिखर धवन को सलामी बल्लेबाज के रूप में टीम में जगह दी गई है.
यह अजीब संयोग है कि अपने प्रेरणास्रोत और दिल्ली के सबसे सफल क्रिकेट स्टार वीरेंद्र सहवाग के स्थान पर धवन को करियर का आगाज करने का मौका मिला है.
दिल्ली के इस ओपनर को एक महीने बाद ही टेस्ट टीम मे बुलावा मिल गया.
हालांकि दिल्ली के इस ओपनर ने 81 प्रथम श्रेणी मैचों में 45.79 के औसत और 16 शतकों की मदद से 5679 रन बनाए, लेकिन टीम इंडिया मे दिल्ली के ही वीरेन्द्र सहवाग और गौतम गंभीर की मौजूदगी के कारण ओपनिंग के लिए उन पर कभी विचार नहीं किया गया.